MCF रायबरेली की बड़ी उपलब्धि, 11 साल में बनाए 15 हजार रेलवे कोच

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Last Updated:December 15, 2025, 19:48 IST

Modern Coach Factory Raebareli : देश में साल 2014 में शुरू हुई मॉडर्न कोच फैक्‍ट्री रायबरेली ने इस साल 15वां कोच बनाकर बड़ी उप‍लब्धि हासिल की है. इस फैक्‍ट्री में बनने वाले कोच का निर्यात विदेशों तक होता है.

MCF रायबरेली की बड़ी उपलब्धि, 11 साल में बनाए 15 हजार रेलवे कोचमॉडर्न कोच फैक्‍ट्री रायबरेली ने अपना 15 हजारवां कोच बना लिया है.

नई दिल्‍ली. रेल मंत्रालय के तहत काम करने वाली मॉडर्न कोच फैक्ट्री (MCF), रायबरेली ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. इस फैक्ट्री ने 15 दिसंबर 2025 को अपना 15,000वां रेलवे कोच तैयार किया. यह उपलब्धि मौजूदा वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान हासिल हुई है. इस वित्तीय वर्ष में अब तक MCF कुल 1,310 कोच बना चुकी है. MCF रेलवे की एक नई उत्पादन इकाई है, लेकिन बहुत कम समय में इसने रेलवे कोच निर्माण में अपनी मजबूत पहचान बना ली है. 15 हजार कोच का आंकड़ा पार करना फैक्ट्री में काम कर रहे अधिकारियों, कर्मचारियों और संविदा कर्मियों की मेहनत और टीमवर्क का नतीजा है.

अब तक बनाए गए 15,000 कोचों में से 7,000 एसी कोच और 8,000 नॉन-एसी कोच हैं. इनमें हमसफर, तेजस, अंत्योदय, दीनदयाल, भारत गौरव कोच, ब्रेक वैन, पार्सल वैन, ट्रैक रिकॉर्डिंग कार, इकॉनमी कोच, MEMU कोच और मोजाम्बिक के लिए बनाए गए विशेष कोच भी शामिल हैं. MCF में बने सभी कोच तय गुणवत्ता मानकों के अनुसार तैयार किए गए हैं, ताकि यात्रियों को सुरक्षित, आरामदायक और भरोसेमंद सफर मिल सके. इस मौके पर MCF के महाप्रबंधक पीके मिश्रा ने कोच निर्माण से जुड़े सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और ठेका कर्मियों को बधाई दी. उन्होंने सभी से आगे भी इसी तरह मेहनत कर MCF को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का आह्वान किया.

यह आधुनिक डिब्‍बे बनाने वाली कंपनी
MCF रायबरेली (Modern Coach Factory, Raebareli) भारतीय रेलवे की एक आधुनिक रेल डिब्बा निर्माण इकाई है, जो उत्तर प्रदेश के लालगंज, रायबरेली में स्थित है और LHB कोच बनाती है, जिसमें अत्याधुनिक तकनीक और रोबोटिक्स का उपयोग होता है तथा यह भारत की आत्मनिर्भरता (आत्मनिर्भर भारत) के लिए महत्वपूर्ण है, जिसने हाल ही में उत्पादन में रिकॉर्ड बनाए हैं और ISO प्रमाणित है.

कब हुई थी इसकी शुरुआत
इस फैक्‍ट्री को बनाने के लिए परियोजना की मंजूरी साल 2007 में ही मिल गई थी और इसकी आधारशिला भी रख दी गई. लेकिन, साल 2008 में भूमि विवाद की वजह से काम रुक गया और दोबारा भूमि पट्टा समझौता हुआ. 7 नवंबर, 2012 को इस रेल कोच कारखाने का उद्घाटन भी हो गया. हालांकि, इसमें कोच बनने का काम थोड़ी देर से शुरू हुआ और अगस्‍त, 2014 में पहला कोच बनकर तैयार हुआ और इसी को उत्‍पादन का दिन भी माना जाता है.

क्‍या है इस फैक्‍ट्री की खासियत
इस रेल कोच कारखाने में आधुनिक एलएचबी कोच बनाए जाते हैं, जिससे यह दुनिया के सबसे उन्‍नत कोच कारखानों में से एक बनाता है. यहां हाईटेक रोबोट और मशीनें हैं, जिससे उत्‍पादन में कम कर्मचारियों की जरूरत होती है. वित्‍तवर्ष 2024-25 में इस फैक्‍ट्री ने उत्‍पादन का रिकॉर्ड बना दिया है. इस फैक्‍ट्री को IRIS, ISO 9001, ISO 14001, ISO 45001 और प्लैटिनम ग्रीनको जैसे कई अंतरराष्ट्रीय प्रमाणपत्र प्राप्त हैं. यह फैक्‍ट्री देश की जरूरतें पूरी करने के साथ ही निर्यात भी करती है. यह देश के आत्‍मनिर्भर भारत जैसे अभियानों को आगे बढ़ाने में मददगार है.

About the Author

रवि सिंह Special Correspondent

रवि सिंह News 18 India में कार्यरत हैं. पिछले 20 वर्षों से इलेक्ट्रानिक मीडिया में सक्रिय हैं. उनकी मुख्य रूप से रेलवे,स्वास्थ्य,शिक्षा मंत्रालय,VHP और राजनीतिक गतिविधियों पर पकड़ है. अयोध्या में मंदिर की कवरेज...और पढ़ें

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

December 15, 2025, 19:48 IST

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