Last Updated:July 13, 2025, 19:48 IST
Shubhanshu Shukla Return Live Updates: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक यात्रा Axiom-4 मिशन के तहत 18 दिन बाद समाप्त हो रही है. उनका 'क्रू ड्रैगन' यान कल यानी 14 जुलाई को ISS से धरती की यात्रा ...और पढ़ें

शुभांशु शुक्ला कल 4:35 बजे ISS से पृथ्वी के सफर पर रवाना होंगे.
आईएसएस यानी अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर मौजूद भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला का एक नया बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि आज का भारत स्पेस से निडर, कॉन्फिडेंट और गर्व से पूर्ण दिखता है. आज का भारत सारे जहां से अच्छा दिखता है. जल्द ही मुलाकात करते हैं. बता दें कि शुभांशु सहित अन्य एस्ट्रोनॉट को वापस पृथ्वी पर लाने की कवायत इस वक्त चल रही है. शुभांशु स्पेस में अपने मिशन को पूरा कर चुके हैं.
पहले क्यों टला था शुभांशु का मिशन?
इसरो प्रमुख डॉ वी नारायणन ने खुलासा किया कि इसरो की सतर्कता ने Axiom 4 मिशन को सफल बनाया. इसी मिशन के तहत शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पहुंचने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बने. यह मिशन राकेश शर्मा के बाद दूसरा भारतीय अंतरिक्ष अभियान था. 10 जून को इसरो ने फाल्कन 9 रॉकेट में रिसाव और दरार का पता लगाया, जिसके बाद लॉन्च रद्द कर दिया गया. नारायणन ने बताया कि उनकी टीम ने रॉकेट की अखंडता पर सवाल उठाए और SpaceX को लॉन्च स्थगित करने को कहा. SpaceX ने अगले दिन दरार की पुष्टि की. इसरो की इस सतर्कता ने मिशन को संभावित खतरे से बचाया और शुक्ला की सुरक्षा सुनिश्चित की.
भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा अब अपने अंतिम पड़ाव पर है. Axiom-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 18 दिन बिताने के बाद शुभांशु शुक्ला और उनके तीन साथी अंतरिक्ष यात्री 14 जुलाई को दोपहर 4:35 बजे (भारतीय समय) पृथ्वी वापसी की यात्रा पर रवाना होंगे. उनका ‘क्रू ड्रैगन’ यान 15 जुलाई को भारतीय समयानुसार दोपहर 3 बजे कैलिफोर्निया तट के पास समुद्र में ‘स्प्लैशडाउन’ करेगा.
‘ड्रैगन’ यान इस मिशन में 580 पाउंड से अधिक वैज्ञानिक उपकरण और शोध डेटा लेकर लौटेगा. नासा ने बताया कि मिशन के दौरान 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए गए हैं. शुक्ला ने भारतीय माइक्रोग्रैविटी प्रयोगों में चार को पूरा कर लिया है और तीन अंतिम चरण में हैं, जिनमें माइक्रोएल्गी, फसल बीज और ‘वॉयेजर डिस्प्ले’ शामिल हैं.
क्या थे ये प्रयोग?
इसरो के अनुसार, जिन चार प्रयोगों को पूर्ण किया गया है, वे हैं…
टार्डीग्रेड्स (बेंगलुरु स्ट्रेन) – सूक्ष्मजीवों के अंतरिक्ष में जीवन, पुनर्जीवन, प्रजनन और जीन परिवर्तनों का अध्ययन.
मायोजेनेसिस – मानव मांसपेशी कोशिकाओं पर अंतरिक्ष के प्रभाव की जांच.
मेथी और मूंग के बीजों का अंकुरण – अंतरिक्ष में पोषण और खाद्य सुरक्षा की दिशा में उपयोगी.
स्यानोबैक्टीरिया – दो वैरिएंट्स की वृद्धि का अध्ययन जो भविष्य में क्लोज़्ड-लूप लाइफ सपोर्ट सिस्टम का हिस्सा हो सकते हैं.
इन प्रयोगों को पृथ्वी पर विस्तृत विश्लेषण के लिए पैक किया जा रहा है. वहीं ये तीन प्रयोग अंतिम चरण में चल रहे हैं…
माइक्रोएल्गी – अंतरिक्ष में इसकी उपयोगिता और जीवन समर्थन में संभावनाएं.
फसल बीज – अंतरिक्ष में बीजों की वृद्धि और प्रतिक्रिया का अध्ययन.
वॉयेजर डिस्प्ले – यह प्रयोग गोपनीय है, लेकिन इसरो के अनुसार इसका भी वैज्ञानिक महत्व है.
7 दिन के आइसोलेशन में रहेंगे शुभांशु
इसरो ने बताया कि शुभांशु शुक्ला को पृथ्वी पर लौटने के बाद 7 दिन के पुनर्वास कार्यक्रम से गुजरना होगा, ताकि वह फिर से पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के अनुरूप ढल सकें. वह इस दौरान फ्लाइट सर्जन की देखरेख में रहेंगे. पृथ्वी पर लौटने से पहले, 14 जुलाई को दोपहर 2:25 बजे वे क्रू ड्रैगन यान में सवार होंगे, स्पेससूट पहनेंगे और ज़रूरी जांच पूरी करेंगे.
Update: #Axiom4 Space Station #ISS Mission:
As of now, undocking has been scheduled for tomorrow, 14th July at 4:30 PM IST.
Arrival back to earth…. splash down scheduled for 15th July at 3:00 PM IST.
These timings have a margin window of approximately 1 hour.…
परिवार कर रहा बेसब्री से इंतजार
इस दौरान शुक्ला का पूरा परिवार लखनऊ स्थित अपने घर पर उनकी सकुशल वापसी की प्रार्थना और प्रतीक्षा कर रहा है. शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला और मां आशा शुक्ला ने अपनी खुशी, गर्व और उम्मीदें साझा कीं.
शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला ने पत्रकारों से कहा, ‘हम सब बहुत उत्साहित हैं! उनकी वापसी कल 14 जुलाई को शुरू होगी और हम 15 तारीख को उनके पृथ्वी पर लौटने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं.’ उन्होंने अंतरिक्ष यात्री को शुभकामनाएं देने के लिए समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव का भी धन्यवाद किया.
वहीं शुभांशु शुक्ला की मां ने बताया कि बेटे ने अंतरिक्ष से उन्हें वीडियो कॉल पर पृथ्वी का मनमोहक नजारा दिखाया और बताया कि ‘ऊपर से धरती कितनी सुंदर दिखती है.’ उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, ‘वह जो चाहे मैं बनाऊंगी. उसने कहा है कि इस बार लौटकर वह घर का बना खाना खाना चाहता है, जो उसने विदेश में रहते हुए सालों से नहीं खाया.’
गगनयान की नींव कर रही तैयार
25 जून को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से प्रक्षेपित हुए ‘एक्सिओम-4’ मिशन का हिस्सा रहे शुभांशु और उनके साथी- कमांडर पैगी व्हिटसन, पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू- 26 जून को ISS पहुंचे थे. अंतरिक्ष यान की यह यात्रा करीब 28 घंटे लंबी थी.
शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ की नींव तैयार कर रही है, जिसे 2027 में लॉन्च किया जाना है. इस मिशन पर इसरो ने ₹550 करोड़ का निवेश किया है. इसरो के फ्लाइट सर्जन उनके स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं. इसरो के अनुसार, ‘गगनयात्री शुभांशु पूरी तरह स्वस्थ हैं और उत्साह से लबरेज हैं.’
मिशन कमांडर पैगी व्हिटसन ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘हम अंतरिक्ष स्टेशन पर अपने आखिरी कुछ दिनों का आनंद गाजर का हलवा, आमरस और शानदार साथियों के साथ ले रहे हैं.’
इस पूरे मिशन ने न सिर्फ भारत की वैज्ञानिक क्षमता को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित किया है, बल्कि देश के पहले पूर्णकालिक अंतरिक्ष यात्री के रूप में शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा गगनयान के लिए मील का पत्थर साबित होगी.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
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New Delhi,Delhi