Last Updated:June 04, 2025, 07:58 IST
Pune LGBTQ+ Pride Parade: LGBTQ+ समुदाय के अधिकारों को लेकर अक्सर ही मार्च या जागरुकता रैलियां निकाली जाती हैं, लेकिन पुणे में इस बार का प्राइड परेड खास होने वाला है.

पुणे की डिस्ट्रिक्ट जज सोनल एस पाटिल ने LGBTQ+ की रैली में हिस्सा लेने का ऐलान कर सबको चौंका दिया है. (इंस्टाग्राम फोटो)
हाइलाइट्स
LGBTQ+ प्राइड परेड में डिस्ट्रिक्ट जज ने शामिल होने का किया ऐलानजज सोनल एस पाटिल पिछले 15 साल से ज्यूडिशियरी में हैं एक्टिवबॉम्बे हाईकोर्ट में डिप्टी रजिस्ट्रार भी रह चुकी हैं जज सोनल पाटिलपुणे. LGBTQ+ समुदाय के अधिकारों को मान्यता देने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी गई. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आया, फिर भी समाज में इस क्यूनिटी को अभी तक वह दर्जा नहीं मिला है, जो मिलना चाहिए. LGBTQ+ समुदाय को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए अक्सर ही विभिन्न नाम से रैलियां निकाली जाती हैं. इस बार पुणे में प्राइड परेड के नाम से जागरुकता रैली आयोजित की जा रही है. LGBTQ+ कम्यूनिटी का प्राइड परेड काफी खास होने वाला है. पुणे की डिस्ट्रिक्ट जज ने रविवार 8 जून 2025 को आयोजित होने वाले प्राइड परेड में न केवल हिस्सा लेने, बल्कि उसकी अगुआई करने का ऐलान कर सबको चौंका दिया है. घोषणा के बाद जज सोनल एस पाटिल की हर तरफ चर्चा हो रही है.
युतक चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से आयोजित पुणे प्राइड 2025 मार्च में इस बार एक खास शख्सियत की भागीदारी सुर्खियों में है. पुणे डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेस अथॉरिटी (DLSA) की सचिव और डिस्ट्रिक्ट जज सोनल एस पाटिल इस मार्च में को-ग्रैंड मार्शल के रूप में हिस्सा लेंगी. न्यायपालिका में 15 साल से अधिक का अनुभव रखने वाली पाटिल ने कहा कि वह LGBTQ+ समुदाय की समानता की लड़ाई में उनके साथ खड़ी हैं. डिस्ट्रिक्ट जज पाटिल ने कहा, ‘समावेशिता (inclusivity) एक स्वतंत्र और न्यायसंगत समाज के लिए अनिवार्य है. जब व्यक्ति स्वयं को स्वीकार्य यानी एक्सेप्टेड महसूस करता है, तो उसमें आत्मविश्वास, प्रेरणा और प्रोडक्टिविटी की वृद्धि होती है.’
हाईकोर्ट की रह चुकी हैं डिप्टी रजिस्ट्रार
डिस्ट्रिक्ट जज सोनल पाटिल ने महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों में न्यायिक पदों पर काम किया है. साल 2019 में उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट में डिप्टी रजिस्ट्रार पद पर प्रमोट किया गया और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी के रूप में नियुक्त किया गया. साल 2023 में वे DLSA की सचिव बनीं. वर्तमान में वे भारती विद्यापीठ से साइबर कानून में पीएचडी कर रही हैं. LGBTQ+ समुदाय को समर्थन देने के पीछे जज पाटिल का दृष्टिकोण केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि ठोस सामाजिक और न्यायिक कार्यों से जुड़ा है. उन्होंने न्याय संहिता प्रोजेक्ट की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य हाशिए पर खड़े समुदायों को कानूनी सहायता और सरकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान करना है.
लोक अदालत के जरिये मामलों का निपटारा
जज पाटिल के नेतृत्व में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालतों में अब तक 7.26 लाख से अधिक मामलों का समाधान हो चुका है. इन मामलों के तहत लगभग 2,698 करोड़ रुपये की राशि का सेटलमेंट किया गया. DLSA की ओर से LGBTQ+ समुदाय को मुफ्त कानूनी सहायता, परामर्श सेवाएं, विधिक अधिकारों पर जागरूकता कार्यक्रम, और NGOs के साथ समन्वय जैसे कई स्तरों पर सहयोग प्रदान किया जाता है. जज पाटिल ने कहा, ‘हमारा काम यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक व्यक्ति को कानून के तहत सम्मान और न्याय मिले.’ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक नवतेज सिंह जौहर केस का उल्लेख करते हुए कहा कि देश का शीर्ष अदालत स्पष्ट कर चुका है कि LGBTQ+ समुदाय को भेदभाव से सुरक्षा का अधिकार है.
‘समाज को संदेश’
‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, पुणे प्राइड मार्च में भागीदारी को लेकर जज सोनल पाटिल ने कहा, ‘यह सिर्फ एक कदम नहीं है, बल्कि समाज को यह संदेश है कि हर व्यक्ति समान है और उसका सम्मान जरूरी है. हम सबको मिलकर समावेशी समाज का निर्माण करना होगा.’ रविवार 8 जून को होने वाले इस आयोजन में जज पाटिल की उपस्थिति LGBTQ+ समुदाय के लिए एक प्रेरणादायक संकेत है कि न्यायपालिका उनके साथ है, और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
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Location :
Pune,Maharashtra
LGBTQ+ प्राइड परेड में हिस्सा लेने का ऐलान कर सबको चौंकाया, कौन हैं वो जज?