John Bolton: 'भारत का शानदार डिप्लोमेटिक मूव, खुलेगी PAK की पोल', ऑपरेशन सिंदूर के समर्थन में आए US के पूर्व NSA

6 hours ago

John Bolton on India's decision to send delegation abroad: पाकिस्तानी आतंकवाद को खत्म करने के लिए भारत की ओर से चलाए जा रहे 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का रुख बेशक ढुल-मुल भरा रहा हो लेकिन वहां के थिंक टैंक इस मामले में खुलकर भारत के पक्ष में खड़े नजर आ रहे हैं. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जॉन बोल्टन ने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर अपना नजरिया समझाने के लिए दुनिया के विभिन्न देशों में प्रतिनिधिमंडल भेजने के फैसले की सराहना की है. बोल्टन ने कहा कि इस मुहिम से ग्लोबल कम्युनिटी को पता चलेगा कि भारत कितने लंबे अरसे से आतंकवाद का दंश झेल रहा है. 

UN में आतंकवाद पर विरोधाभास

न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए, बोल्टन ने कहा, 'मुझे लगता है कि भारत की ओर से दुनिया भर के लोगों को इन आतंकवादी हमलों की प्रकृति की बारे में समझाना बेहद खास है. किसी भी सभ्य समाज में निर्दोष नागरिकों को आतंकवादी हमलों से धमकाया जाना और नुकसान पहुँचाना अस्वीकार्य है. UN के लेवल पर देखें तो वहां पर आतंकवाद के मुद्दे पर बड़ा विरोधाभास रहता है. हिंसक गतिविधियां किसी एक पक्ष के लिए आतंकवाद होती हैं तो दूसरे के लिए वही चीजें मुक्ति आंदोलन बन जाती हैं.' 

'ट्रंप की बातों को गंभीरता से न लें'

भारत ने आज तक कई आतंकी झेले हैं. ऐसे में प्रतिनिधिमंडलों के जरिए भारत को दुनिया को यह बताने में आसानी होगी कि इस आतंकवाद का सिरा कहां. इस पहल से दुनिया को काफी हद तक सच्चाई का अहसास होगा और दुनिया में भारत का समर्थन बढ़ेगा. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत-पाक में मध्यस्थता करवाने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे पर भी बोल्टन ने अपनी प्रतिक्रिया दी.

अमेरिका के पूर्व NSA ने कहा कि ट्रंप आत्मबोध से पीड़ित हैं. वे चाहते हैं कि हर जगह उनकी वाहवाही हो. यही काम वे रूस यूक्रेन के मामले में कर रहे हैं और यही काम इजरायल-गाजा के बीच कर रहे हैं. उन्होंने यही काम भारत और इजरायल के लिए करने की बात कही, इसलिए भारत को इस बयान को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए. उसे ट्रंप का व्यवहार समझना चाहिए. 

भारत की ओर से कैंपेन शुरू करना अहम- बोल्टन

टीआरएफ को संयुक्त राष्ट्र की सूची में शामिल कराने के भारत के प्रयासों पर बोल्टन ने सकारात्मक उम्मीद जताई. उन्होंने कहा कि "जब भी आप संयुक्त राष्ट्र से किसी भी चीज को आतंकवादी संगठन के रूप में स्वीकार करवाते हैं, तो यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण विकास होता है. भारत की ओर से ऐसा किया जाना बिल्कुल उचित है. भारत के लिए किसी आतंकी हमले के खिलाफ की गई सैन्य कार्रवाई पर वह पब्लिक में फैक्ट रखे और दुनिया को बताए कि उसके लिए ऐसा करना क्यों जरूरी था. 

बताते चलें कि ऑपरेशन सिंदूर पर दुनिया को भारत का पक्ष समझाने के लिए भारत की ओर से 7 प्रतिनिधिमंडल भेजे जा रहे हैं. इनमें से पहला प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को पूर्वी और दक्षिण पूर्व एशिया के पांच देशों के दौरे पर निकला. जेडीयू सांसद संजय कुमार झा की अगुवाई में गए इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा, कांग्रेस, टीएमसी और सीपीआई(एम) सहित प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल हैं. यह प्रतिनिधिमंडल सबसे पहले जापान जाएगा. इसके बाद दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया, मलेशिया और फिर सिंगापुर पहुंचकर भारत का पक्ष रखेगा. 

7 प्रतिनिधिमंडल भेजे जाएंगे विदेश

वही शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे की लीडरशिप में दूसरा प्रतिनिधिमंडल यूएई, लाइबेरिया, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो और सिएरा लियोन का दौरा करेगा. इस 8 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज, भाजपा सांसद अतुल गर्ग, बीजद सांसद सस्मित पात्रा, भाजपा के राज्यसभा सांसद मनन कुमार मिश्रा, भाजपा नेता एसएस अहलूवालिया, आईयूएमएल सांसद ईटी मोहम्मद बशीर और राजदूत सुजान चिनॉय शामिल हैं. 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टोलरेंस नीति पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि भारत का ग्लोबल आउटरीच कैंपेन आतंकवाद के सभी रूपों से लड़ने के भारत के संकल्प की पुष्टि करेगा. यह सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से निपटने के लिए भारत की राष्ट्रीय सहमति और दृढ़ दृष्टिकोण को सामने रखेगा. वे दुनिया को आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता के देश के मजबूत संदेश से अवगत कराएंगे.

(एजेंसी एएनआई)

Read Full Article at Source