Ex-HM शिवराज पाटिल का निधन कैसे हुआ, कांग्रेस के दिग्गज नेता को क्या हुआ था?

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Last Updated:December 12, 2025, 09:19 IST

कांग्रेस नेता और पूर्व गृहमंत्री शिवराज पाटिल का 90 साल के उम्र में निधन हो गया. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे.

Ex-HM शिवराज पाटिल का निधन कैसे हुआ, कांग्रेस के दिग्गज नेता को क्या हुआ था?पूर्व गृहमंत्री शिवराज पाटिल की निधन कैसे हुई? (File)

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का शुक्रवार सुबह लातूर (महाराष्ट्र) स्थित उनके निवास पर निधन हो गया. 90 वर्षीय पाटिल लंबे समय से उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे. परिजनों ने बताया कि उनका घर पर ही इलाज चल रहा था. परिवार के सदस्यों ने बताया कि उनकी मौत शांतिपूर्ण रही. पाटिल का निधन को कांग्रेस ने एक बड़ी क्षति बताया है. उनको इंदिरा और राजीव गांधी के करीबी माना जाता था. उनका अंतिम संस्कार आज शाम लातूर में ही होगा, जिसमें पार्टी के शीर्ष नेता शामिल होंगे.

शिवराज पाटिल का जन्म 12 अक्टूबर 1935 को महाराष्ट्र के लातूर जिले के चाकूर में एक किसान परिवार में हुआ था. उन्होंने सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन और लॉ की डिग्री हासिल की. राजनीति में 1960 के दशक में प्रवेश करने वाले पाटिल 1972 से 1980 तक महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य रहे.

लोकसभा में सफर

1980 में पहली बार लोकसभा पहुंचे. 1991-1996 तक लोकसभा स्पीकर बने. इंदिरा गांधी सरकार में वे रक्षा राज्य मंत्री (1980-82) और कर्मचारी राज्य मंत्री (1982-84) रहे. राजीव गांधी के समय वे वित्त, रक्षा और गृह राज्य मंत्री बने. 2004 में मनमोहन सिंह सरकार में गृह मंत्री बने, लेकिन 26/11 मुंबई हमलों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए 30 नवंबर 2008 को इस्तीफा दे दिया. बाद में 2010-2015 तक पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ प्रशासक रहे.

निरो ऑफ इंडिया

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले लातूर के औसा में कांग्रेस-NCP की जॉइंट रैली के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस नेता शिवराज पाटिल चाकुरकर.

2008 में मुंबई हमले के दौरान उनकी खूब आलोचना हुई. दरअसल, पाटिल को ‘निरो ऑफ इंडिया’ का उपनाम भी मिला. (एक कहावत कही जाती है- रोम जल रहा था और नीरो बांसुरी बजा रहा था) क्योंकि 26/11 के दौरान वे कपड़े बदलने में व्यस्त थे, जबकि देश आतंकी हमले से जूझ रहा था. हालांकि, नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. 2007 में राष्ट्रपति पद के लिए उनका नाम चर्चा में था, लेकिन प्रतीभा पाटिल को चुना गया.

आत्मकथा कई घटनाओं का जिक्र

पाटिल ने अपनी आत्मकथा ‘ओडिसी ऑफ माय लाइफ’ में शिक्षा, तकनीक और कंधार अपहरण जैसे मुद्दों पर लिखा.उन्होंने इस किताब में सरकार में गृह मंत्री बनने के बाद 26/11 मुंबई हमलों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने तक के प्रसंग का विस्तार से वर्णन किया है. इसमें उन्होंने अपनी गलतियों को स्वीकार किया है. किताब में पाटिल ने महिलाओं की सशक्तिकरण और भारतीय राजनीति के व्यावहारिक व वैचारिक पहलुओं पर भी चर्चा की है.

शोक संदेश

सोनिया गांधी ने शोक संदेश में कहा, ‘पाटिल जी कांग्रेस के स्तंभ थे, उनके निधन से पार्टी ने एक महान सिपाही खो दिया.’ मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी श्रद्धांजलि दी. राजनीतिक हलकों में उनका निधन 26/11 की याद दिला रहा है, जहां उनकी इस्तीफे ने सुरक्षा व्यवस्था पर बहस छेड़ी थी. पाटिल का परिवार राजनीति से जुड़ा रहा- पत्नी विजया पाटिल ने भी विधायक रह चुकी हैं. उनका निधन महाराष्ट्र और राष्ट्रीय राजनीति में शून्य पैदा कर गया है.

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Deep Raj Deepak

दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें

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New Delhi,Delhi

First Published :

December 12, 2025, 09:04 IST

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