Last Updated:May 06, 2025, 06:38 IST
CJI Sanjiv Khanna Discloses His Assests: सुप्रीम कोर्ट ने न्यायाधीशों की संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक किया है. इसमें CJI संजीव खन्ना की 55 लाख रुपये की FD और 1 करोड़ रुपये का PPF शामिल है. यह पारदर्शिता की दिशा ...और पढ़ें

सीजेआई ने अपनी संपत्ति का ब्योरा जारी किया है.
CJI Sanjiv Khanna Discloses His Assests: सुप्रीम कोर्ट ने अपने न्यायाधीशों की संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक कर दिया है. इसे सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर डाला गया है. इसमें प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की संपत्ति का ब्योरा भी शामिल है. यह कदम सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाने के लिए उठाया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने 1 अप्रैल 2025 को फैसला लिया था कि सभी जजों की संपत्ति का ब्योरा वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा. इसी के तहत CJI संजीव खन्ना की संपत्ति की जानकारी भी सामने आई है. उनकी संपत्ति में 55 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट और 1 करोड़ रुपये का पब्लिक प्रोविडेंट फंड शामिल है.
संजीव खन्ना ने 11 नवंबर 2024 को भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी. वे इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के जज और दिल्ली हाई कोर्ट के जज रह चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार CJI संजीव खन्ना की संपत्ति में उनकी बचत और निवेश का बड़ा हिस्सा शामिल है. उनकी 55 लाख रुपये की FD और 1 करोड़ रुपये का PPF उनके वित्तीय निवेश का मुख्य हिस्सा है. इसके अलावा उनके पास कुछ अन्य बचत और संपत्ति भी हैं, जिनमें अचल संपत्ति और अन्य निवेश शामिल हैं. उनके पास दिल्ली में दो फ्लैट हैं. एक चार बेड रूम का फ्लैट कॉमनवेल्थ विलेज में है जबकि दो बेडरूम का एक फ्लैट अन्य इलाके में है. इसके अलावा उन्होंने बेटी के साथ गुरुग्राम में भी एक फ्लैट खरीदा है. उनके पास उनके गृह जिले हिमाचल प्रदेश में कुछ पैतृक संपत्ति है.
सीजेआई ने कायम की मिसाल
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी बताया कि जजों की संपत्ति का ब्योरा स्वैच्छिक आधार पर वेबसाइट पर डाला जा रहा है. CJI संजीव खन्ना ने अपनी संपत्ति का ब्योरा साझा करके इस दिशा में एक मिसाल कायम की है. उनकी संपत्ति में FD और PPF के अलावा कुछ अन्य भी हो सकते हैं. जैसे म्यूचुअल फंड, शेयर या अन्य बचत योजनाएं, लेकिन अभी तक इनकी विस्तृत जानकारी सामने नहीं आई है. आमतौर पर जजों की संपत्ति में उनकी सैलरी से होने वाली बचत, पारिवारिक संपत्ति और निवेश शामिल होते हैं. सुप्रीम कोर्ट के इस कदम की खूब सराहना हो रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि जजों की संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक करना पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ा कदम है. इससे न केवल न्यायपालिका पर लोगों का भरोसा बढ़ेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि जजों की वित्तीय स्थिति में कोई अनियमितता न हो.