Last Updated:October 29, 2025, 08:03 IST
Why flights suspended from 7 airports: डीजीसीए के विंटर शेड्यूल 2025 में सात एयरपोर्ट्स से उड़ानें पूरी तरह रोक दी गई हैं. इन एयरपोर्ट्स में अलीगढ़, मुरादाबाद, चित्रकूट, लुधियाना, श्रावस्ती, पाक्योंग और भावनगर शामिल हैं. ये एयरपोर्ट क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना ‘उड़ान’ के तहत शुरू किए गए थे.
Why flights suspended from 7 airports: डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) द्वारा जारी विंटर शेड्यूल 2025 देश के 126 एयरपोर्ट्स पर 26 अक्टूबर से लागू हो चुका है. अब अगले छह महीने तक इस विंटर शेड्यूल के आधार पर तमाम एयरलाइंस अपने फ्लाइट्स ऑपरेट करेंगी. इस बार के विंटर शेड्यूल में जहां एक तरफ 885 वीकली फ्लाइट्स का इजाफा हुआ है, वहीं दूसरी तरफ ऑपरेशन एयरपोर्ट की संख्या 129 से घटकर 126 हो गई है. यह बात यहीं पर खत्म नहीं होती, बल्कि सात एयरपोर्ट ऐसे भी हैं, जहां से अगले छह महीनों के लिए फ्लाइट्स बंद कर दी गई हैं.
डीजीसीए के विंटर शेड्यूल के अनुसार, जिन सात एयरपोर्ट से अगले छह महीनों के लिए फ्लाइट सस्पेंड की गई हैं, उनमें अलीगढ़, मुरादाबाद, चित्रकूट, भावनगर, लुधियाना, पाकयोंग और श्रावस्ती एयरपोर्ट का नाम शामिल है. आपको बता दें कि इनमें अलीगढ़, मुरादाबाद, चित्रकूट और श्रावस्ती ऐसे एयरपोर्ट हैं, जिनका उद्घाटन पिछले साल 10 मार्च में हुआ था. इन सभी एयरपोर्ट को उड़ान (UDAM- उड़े देश का आम नागरिक) स्कीम के तहत चालू किया था. इन एयरपोर्ट से फ्लाइट ऑपरेशन में किसी तरह की बाधा ना आए, इसके लिए केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय वायबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) भी की गई थी.
बावजूद, इसके इन एयरपोर्ट से महज 19 महीनों के अंतरात में ताला लगने की नौबत आ गई. अब यहां पर बड़ा सवाल यह है कि इन 7 एयरपोर्ट पर ताला क्यों लगा? 19 महीनों में UDAN के सपने कैसे धरासाई हो गए. तो चलिए, सिलसिलेवार तरीके से समझते हैं इसकी पूरी कहानी…
पैसेंजर्स की कमी के चलते आई ताला लगने की नौब
सातों एयरपोर्ट की ऐसी हालत के लिए पैसेंजर्स की कमी सबसे बड़ा कारण है. बीते मार्च 2024 से अगस्त 2025 यानी करीब 17 महीनों की बात करें तो इन एयरपोर्ट से हवाई सफर करने के लिए सिर्फ 1,14,762 पैसेंजर्स ही पहुंचे. इनमें से 105936 पैसेंजर्स सिर्फ पैक्योंग और भावनगर एयरपोर्ट के है. बाकी बचे पांच एयरपोर्ट यानी अलीगढ़, मुरादाबाद, चित्रकूट, लुधियाना और श्रावस्ती से बीते 17 महीनों में 5226 पैसेंजर्स ने हवाई सफर किया. सबसे खराब हालत श्रावस्ती एयरपोर्ट की रही, जिससे इस समयावधि में सिर्फ 442 पैसेंजर्स ने हवाई सफर किया. इसके बाद चित्रकूट से 593 पैसेंजर्स ने हवाई सफर किया.
| एयरपोर्ट | अलीगढ़ | मुरादाबाद | चित्रकूट | भावनगर | लुधियाना | पाकयोंग | श्रावस्ती |
| उद्घाटन की तारीख | मार्च 10, 2024 | मार्च 10, 2024 | मार्च 10, 2024 | सितंबर 24, 2018 | मार्च 10, 2024 | ||
| मार्च 2024 | ऑपरेशनल नहीं | ऑपरेशनल नहीं | ऑपरेशनल नहीं | 5640 | 83 | 118 | ऑपरेशनल नहीं |
| अप्रैल 2024 | ऑपरेशनल नहीं | ऑपरेशनल नहीं | ऑपरेशनल नहीं | 6364 | 85 | 4523 | ऑपरेशनल नहीं |
| मई 2024 | ऑपरेशनल नहीं | ऑपरेशनल नहीं | ऑपरेशनल नहीं | 6688 | 472 | 4932 | ऑपरेशनल नहीं |
| जून 2024 | ऑपरेशनल नहीं | ऑपरेशनल नहीं | ऑपरेशनल नहीं | 2877 | 343 | 1656 | ऑपरेशनल नहीं |
| जुलाई 2024 | 100 | ऑपरेशनल नहीं | ऑपरेशनल नहीं | 5995 | 163 | 00 | 86 |
| अगस्त 2024 | 258 | 197 | 173 | 6613 | 268 | 00 | 114 |
| सितंबर 2024 | 142 | 160 | 215 | 4198 | 245 | 00 | 105 |
| अक्टूबर 2024 | 167 | 162 | 219 | 5922 | 182 | 00 | 109 |
| नवंबर 2024 | 75 | 23 | 76 | 7588 | 26 | 00 | 14 |
| दिसंबर 2024 | 26 | 00 | 12 | 8114 | 08 | 00 | 14 |
| जनवरी 2025 | 00 | 07 | 00 | 7774 | 00 | 00 | 00 |
| फरवरी 2025 | 08 | 00 | 00 | 6303 | 42 | 00 | 00 |
| मार्च 2025 | 00 | 23 | 00 | 6788 | 169 | 00 | 00 |
| अप्रैल 2025 | 13 | 06 | 00 | 7082 | 242 | 00 | 00 |
| मई 2025 | 04 | 05 | 00 | 5501 | 109 | 00 | 00 |
| जून 2025 | 00 | 10 | 00 | 4022 | 106 | 00 | 00 |
| जुलाई 2025 | 00 | 00 | 26 | 372 | 40 | 00 | 00 |
| अगस्त 2025 | 10 | 00 | 18 | 466 | 66 | 00 | 00 |
| कुल पैसेंजर | 803 | 593 | 739 | 98307 | 2649 | 11229 | 442 |
एयरलाइंस ने समेटा अपने ऑपरेशन
आपको बता दें कि इन सात में से पांच एयरपोर्ट बिग चार्टर प्राइवेट लिमिटेड की फ्लाई बिग एयरलाइंस ऑपरेट कर रही थी. इन एयरपोर्ट में अलीगढ़, मुरादाबाद, चित्रकूट, लुधियाना और श्रावस्ती एयरपोर्ट का नाम शामिल है. इसके अलावा, भावनगर और पाकयोंग से स्पाइसजेट एयरलाइंस ऑपरेट कर रही थी. अलीगढ़ और मुरादाबाद एयरपोर्ट से फ्लाई बिग एयरलाइंस लखनऊ और कानपुर के लिए एक-एक फ्लाइट ऑपरेट कर रही थी. चित्रकूट एयरपोर्ट से लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज और कानपुर के लिए फ्लाइट ऑपरेट की जा रही थीं. वहीं, लुधियाना से हिंडन एयरपोर्ट के लिए एयरलाइंस फ्लाइट ऑपरेट कर रही थी.
‘आमदनी चवन्नी और खर्चा रुपैया’ जैसे बन गए थे हालात
एविएशन एक्सपर्ट्स के अनुसार, इन सभी एयरपोर्ट्स पर हालात आमदनी चवन्नी और खर्चा रुपैया जैसे बन चुके थे. उन्होंने बताया कि रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत आने वाले एयरपोर्ट की ऑपरेशन कॉस्ट करीब 12 से 15 करोड़ रुपए होती है. एयरपोर्ट के साइज और स्टाफ के अनुसार यह कॉस्ट बढ़ती जाती है. वहीं, इन एयरपोर्ट्स की बात करें तो कई एयरपोर्ट ऐसे हैं, जिनमें महीनों एक भी पैसेंजर नहीं पहुंचा. ऐसे में किसी एयरलाइंस के लिए अपनी ऑपरेशन कॉस्ट भी काफी मुश्किल हो गया था.
Anoop Kumar MishraAssistant Editor
Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 6 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें
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First Published :
October 28, 2025, 13:52 IST

5 hours ago
