Russia Ukraine war: अमेरिका, यूरोप या कोई और महाद्वीप, पूरी दुनिया में महाबली पुतिन का खौफ चल रहा है. जिसके चलते कहा जा रहा है कि वो दिन दूर नहीं जब लंदन को डुबो देने वाली सुनामी आएगी या फिर न्यूयॉर्क को आग भस्म कर जाएगी. यूरोप में 1 करोड़ लोग मारे जाएंगे या तिल-तिलकर रेडिएशन के शिकार हो जाएंगे. ऐसी हर अनहोनी घटने के डर की वजह रूसी राष्ट्रपति पुतिन की सत्ता की ताकत है.
9M730 Burevestnik तैयार
4 साल से लड़े जा रहे यूक्रेन युद्ध के बीच अचानक एक मिसाइल ने नाटो के कई देशों में हड़कंप मचा दिया है. अमेरिका के एक रिसर्च एनालिस्ट डेकर एवेलेथ ने दावा किया है कि रूस ने अपनी सबसे खतरनाक मिसाइल 9M730 Burevestnik तैयार कर ली है. दुनिया जिसे स्काईफॉल के नाम से जानती है. दावा किया जा रहा है कि इस मिसाइल का इस्तेमाल करके पुतिन दुनिया के किसी भी कोने में तबाही मचा सकता है. अमेरिका तक का कोई शहर इससे महफूज नहीं है. स्काईफॉल मिसाइल की खासियत ये है कि इसे अमेरिका को कोई भी डिफेंस सिस्टम रोक नहीं सकता है.
अब सवाल ये है कि आखिर पुतिन की इस मिसाइल में ऐसा क्या है जो इससे नाटो के 32 देशों में खलबली मच गई है.
तो इसकी वजह है स्काईफॉल की अनलिमिटेड रेंज. जी हां जानकारी के मुताबिक रूस की इस मिसाइल में न्यूक्लियर रिएक्टर लगा है. जिसके कारण ये मिसाइल अनिश्चित समय अंतरिक्ष में घूमती रह सकती है. रूस वहीं से इसे ऑपरेट कर सकता है. जब भी रूस की डिफेंस कमांड इसे हमले का आदेश देगा, ये मिसाइल तुरंत ही निर्धारित लक्ष्य पर परमाणु हमला देगी. यानी ये मिसाइल एक तरह से अंतरिक्ष में घूमता एटम बम है. जिसकी कमान पुतिन के हाथ है जबकि सैटेलाइट से भी ऊपर चक्कर लगाने के कारण इसकी लोकेशन तक ट्रैक नहीं किया जा सकता है.
यूरेशियन टाइम की एक रिपोर्ट के मुताबिक 9M730 Burevestnik पृथ्वी के कई चक्कर लगा सकती है. इतना ही नहीं ये अंतरिक्ष के अंदर उड़ान भरने के साथ-साथ धरती के बेहद करीब भी उड़ान भर सकती है.
ऐसे में इसका खतरा और बढ़ जाता है क्योंकि अगर इस मिसाइल को डिटेक्ट भी कर लिया जाता है तो भी इसे नष्ट करना बेहद घातक हो सकता है क्योंकि इसके अंदर ही न्यूक्लियर रिएक्टर लगा होता है. लिहाजा इसे डिटेक्ट करने वाला देश अपनी ज़मीन पर परमाणु धमाका नहीं करना चाहेगा. बता दें कि आज से करीब 2 साल पहले रूस के न्योनोक्सा में इस मिसाइल को टेस्ट करने की ख़बर सामने आई थी. तब मिसाइल की टेस्टिंग के दौरान हुए धमाके में रूस के 5 वैज्ञानिकों की मौत हो गई थी. बाद में अमेरिका ने दावा किया था कि ये स्काईफॉल मिसाइल के कारण ही हुआ. हालांकि एक बार फिर जिस तरह इस मिसाइल के तैयार हो जाने का दावा किया जा रहा है. यकीनन नाटो के 32 देशों के लिए ये खतरे की घंटी है.