इस बीज की वजह से किसान की पैदावार करीब-करीब दोगुनी हो गई है.
सफलता की यह कहानी महाराष्ट्र के एक किसान की है, जिसको उनके एक रिश्तेदार ने यह दो किलो बीज दिया था. इस बीज की बदौलत उनकी ...अधिक पढ़ें
Local18Last Updated : March 4, 2024, 13:21 ISTनारायण काले
जालना: अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों की वजह से देश ने खेती-किसानी के क्षेत्र में काफी प्रगति की है. बावजूद इसके इस क्षेत्र में अब भी प्रगति की संभावना काफी ज्यादा है. आज एक ऐसे किसान की कहानी, जिसके हाथ मात्र दो किलो अमेरिकी बीज लग गया और इससे उसने मात्र चार एकड़ खेत में 120 क्विंटल आनाज की पैदावार कर ली. सरकारी एमएसपी के हिसाब से इस पैदावार की बाजार कीमत करीब 2.50 लाख रुपये है. इस तरह दो किलो बीज ने पूरी तरह से किसान की जिंदगी बदल दी. यह कहानी महाराष्ट्र के जालना जिले के एक किसान की है. इस इलाके में कई किसान अक्सर लीक से हटकर प्रयोग करते है. उस किसान को उसके एक रिश्तेदार ने अमेरिका से लाए गए दो किलो बीज दिए. फिर उससे उस किसान की उपज करीब दोगुना बढ़ गई. यह देख पूरे इलाके के किसान उस बीज को हासिल करना चाहता है.
दरअसल, यह कहानी गेहूं के बीज से जुड़ी है. आमतौर पर गेहूं की बालियां पांच से छह इंच लम्बी होती है. लेकिन, पारनेर के एक किसान के खेत में लगी गेहूं की फसल में बालियां 9 से 12 इंच लंबी हैं. किसान ने अमेरिकी किस्म का गेहूं उगाया है. इस किसान का नाम कूलाल लाहोटी है. लाहोटी ने ये बीज मध्य प्रदेश में अपने एक रिश्तेदार से मंगवाए थे. दिलचस्प बात यह है कि एक बाली में 100 से 110 गेहूं के दाने हो रहे हैं. लाहोटी का कहना है कि प्रति एकड़ 30 क्विंटल गेहूं की पैदावार निकल रही है.
14 एकड़ खेत
जालना जिले के अंबड के निवासी लाहोटी के पास पारनेर शिवरा में 14 एकड़ कृषि भूमि है. पिछले साल वह मध्य प्रदेश सें एक रिश्तेदार से अमेरिकी किस्म के दो किलो गेहूं के बीज लाए थे. आधा एकड़ क्षेत्र में सांकेतिक रूप से इसकी खेती की गई. इससे उन्होंने 15 क्विंटल 85 किलोग्राम गेहूं का उत्पादन किया. इसलिए इस साल उनका आत्मविश्वास बढ़ा और उन्होंने बड़े रकबे में इस गेहूं की खेती की.
लाहोटी ने पिछले साल के गेहूं उत्पादन को बीज के रूप में उपयोग करके चार एकड़ जमीन में खेती की. टोकन यंत्र की सहायता से एक ही स्थान पर चार से पांच गेहूं लगाए गए. अब इस गेहूं की फसल लहलहा रही है. गेहूं की बाली की लंबाई लगभग 9 से 12 इंच है. एक बाली में 100 से 110 दाने हैं. इस गेहूं पर एक बार कीटनाशक का छिड़काव किया गया. साथ ही दो से तीन बार डीकंपोजर का छिड़काव किया गया. गेहूं को सामान्य गेहूं की तुलना में दो से तीन गुना अधिक पानी की आवश्यकता होती है. इसलिए छह से सात बार पानी दिया जा चुका है. लाहोटी ने पानी के साथ डीकंपोजर भी दिया.
रिश्तेदार से मिला बीज
लाहोटी ने बताया कि वह मजदूरी की तलाश में मध्य प्रदेश में एक रिश्तेदार के पास गए थे. वहीं पर रिश्तेदार ने अमेरिका से लाए दो किलो गेहूं के बीज दिए. इस गेहूं को आधा एकड़ में टोकन विधि से लगाने के बाद उन्हें 15 क्विंटल से अधिक की उपज मिली. बढ़े हुए आत्मविश्वास के कारण इस वर्ष उन्होंने चार एकड़ क्षेत्र में गेहूं लगाया है. इस वर्ष भी बहुत अच्छी फसल आई है. चार एकड़ में 100 से 110 क्विंटल गेहूं का उत्पादन होने की संभावना है.
इस साल के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं की एमएसपी 2125 रुपये प्रति क्विंटल तय कर रखी है. अगर किसान 110 से 120 क्विंटल उपज ले लेता है तो उसे अच्छी कमाई हो सकती है. 120 क्विंटल गेहूं की कीमत करीब 2.50 लाख रुपये मिल सकती है.
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Tags: Farming in India, Maharashtra, Success Story
FIRST PUBLISHED :
March 4, 2024, 13:21 IST