Last Updated:June 27, 2025, 08:15 IST
Fighter Jet Cost: भारत का हाल ही में पाकिस्तान के साथ सैन्य टकराव हुआ था. आतंकवादियों का इस्तेमाल करने वाले पड़ोसी देश को इंडियन एयरफोर्स के सामने घुटने टेकने पड़े थे. इसमें फाइटर जेट की भूमिका काफी अहम थी. ...और पढ़ें

अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर जिस B-2 स्पिरिट बॉम्बर से अटैक किया था, उसे दुनिया का सबसे महंगा जेट माना जाता है. (फोटो: एपी)
हाइलाइट्स
B-2 स्पिरिट बॉम्बर के सामने पांचवीं पीढ़ी का F-35 लड़ाकू विमान भी बौनाएक B-2 स्पिरिट बॉम्बर की कीमत में 28 से 29 तेजस MK1A फाइटर जेटभारत के AMCA फाइटर जेट प्रोजेक्ट से ज्यादा है इस एक विमान की कीमतB-2 Bomber Fighter Jet Cost: दुनिया में जिस तरह का माहौल बना हुआ है, उसमें हर देश अपने स्तर पर डिफेंस सिस्टम को दुरुस्त करने में जुटा है. रूस-यूक्रेन और इजरायल-ईरान युद्ध ने सामरिक तौर पर दुनिया को बदल कर रख दिया है. जिस तरह से एक देश दूसरे पसर अटैक कर रहे हैं, उससे हर देश के लिए अल्ट्रा मॉडर्न वेपन को हासिल करना जरूरी हो गया है. मौजूदा हालात को देखते हुए कोई भी देश नेशनल डिफेंस सिस्टम को अब अनदेखा करने की स्थिति में नहीं है. भारत की स्थिति सुरक्षा के लिहाज से और भी सेंसेटिव है. एक तरफ पाकिस्तान जैसे कट्टरपंथी और आतंकवाद को नेशनल पॉलिसी के तौर पर अपनाने वाला देश है तो दूसरी तरफ चीन जैसा धूर्त और साजिशकर्ता देश है. किंगदाओ शहर में चल रहे SCO की बैठक में बीजिंग ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि वह हर उस देश का साथ देने के लिए तैयार है, जिसका भारत के साथ शत्रुतापूर्ण संबंध है. इन सबको देखते हुए भारत के लिए जरूरी है कि वह अपने डिफेंस सिस्टम को बदलते समय के साथ मजबूत करे, ताकि जरूरत पड़ने पर चीन और पाकिस्तान से एकसाथ निपटा जा सके. ऐसे में आर्मी, एयरफोर्स और नेवी का मॉडर्नाइजेशन करना अनिवार्य हो गया है. भारत के नीति निर्धारक इसे बखूबी समझते हैं, यही वजह है आर्म्ड फोर्सेज को स्ट्रॉन्ग बनाने की हर संभव कोशिश की जा रही है. मिसाइल और न्यूक्लियर डेटरेंस के साथ ही फाइटर जेट की भूमिका काफी अहम हो चुकी है. भारत भी इसमें लगातार आगे बढ़ रहा है. भारत फाइटर जेट की फ्लीट को अगले 10 से 15 साल में निर्धारित स्टैंडर्ड के अनुसार करने के लिए प्रयासरत है. इसपर हजारों लाखों करोड़ रुपये का खर्च आने की उम्मीद है.
अमेरिका ने 21-22 जून 2025 को इजरायल-ईरान युद्ध में कूदते हुए दुनिया के सबसे खतरनाक माने जाने वाले B-2 स्पिरिट बॉम्बर जेट से हमला किया. इससे तकरीबन 14000 किलो वजन वाला महाबम ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर बरसाया गया. B-2 स्पिरिट बॉम्बर एक स्टील्थ जेट है. इसका मतलब यह हुआ कि इसे रडार से आसानी से पकड़ा नहीं जा सकता है. ऐसे में यह और भी घातक हो जाता है. यह एकमात्र ऐसा जेट है, जिससे हजारों किलो वजन वाले बंकर बस्टर बम को टारगेट पर गिराकर उसे ध्वस्त कर सकता है. B-2 स्पिरिट बॉम्बर से बरसाए जाने वाले बम को अर्थ पेनरेट्रेटर (यानी धरती के अंदर जाकर लक्ष्य को तबाह करने की क्षमता) के नाम से भी जाना जाता है. ईरान के फोर्दो, इस्फाहान और नतांज परमाणु ठिकानों पर इसी B-2 स्पिरिट बॉम्बर से हमला किया गया था. हाल फिलहाल में यह पहला मौका था, जब अमेरिका ने अपने सबसे घातक जेट का इस्तेमाल किया. सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स की मानें तो B-2 स्पिरिट बॉम्बर जैसा विमान दुनिया के किसी भी देश के पास नहीं है. अमेरिका इसे किसी को बेचता भी नहीं है. जरूरत के मुताबिक इसका उत्पादन किया जाता है, क्योंकि इसपर हजारों करोड़ रुपये का खर्च आता है.
एक B-2 स्पिरिट बॉम्बर की कीमत में 28 से 29 तेजस MK1A फाइटर जेट खरीदा जा सकता है. (फोटो: पीटीआई)
B-2 स्पिरिट बॉम्बर: दुनिया का सबसे महंगा जेट
B-2 स्पिरिट बॉम्बर सिर्फ खतरनाक ही नहीं, बल्कि दुनिया का सबसे महंगा जेट भी है. एक B-2 स्पिरिट बॉम्बर की कीमत में चौथी से लेकर पांचवीं पीढ़ी तक के कई फाइटर जेट खरीदे जा सकते हैं. ‘ब्रिटैनिका एनसाइक्लोपीडिया ऑनलाइन’ की मानें तो एक B-2 स्पिरिट बॉम्बर को डेवलप करने में 2 बिलियन डॉलर यानी ₹171425200000 (17,142 करोड़ रुपये) का खर्च आता है. यदि इसका एक्सपोर्ट या इसे किसी देश को बेचा जाए तो इसकी कीमत और भी बढ़ जाती है. उसके बाद B-2 स्पिरिट बॉम्बर के मेंटेनेंस पर भी हजारों करोड़ रुपये का खर्च आता है. हालांकि, अमेरिका अपने इस प्रोटोटाइप जेट को अभी तक किसी को नहीं बेचा है. इजरायल सालों से यह बॉम्बर देने की मांग करता आ रहा है, लेकिन उसकी यह डिमांड पूरी नहीं हुई है. अब डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने अन्य पूर्ववर्ती सरकारों से इतर जाते हुए B-2 स्पिरिट बॉम्बर से ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले जरूर किए हैं.
B-2 स्पिरिट बॉम्बर के सामने पांचवीं पीढ़ी का F-35 लड़ाकू विमान भी बौना है. (फोटो: एपी)
एक B-2 बॉम्बर की कीमत में कई तेजस MK1A
यदि B-2 स्पिरिट बॉम्बर की कीमत या लागत की तुलना भारत के देसी तेजस MK1A फाइटर जेट से की जाए तो आसमान-जमीन जैसा अंतर स्पष्ट हो जाएगा. B-2 स्पिरिट बॉम्बर की कीमत 17,142 करोड़ रुपये है. दूसरी तरफ, HAL द्वारा डेवलप तेजस MK1A की एक यूनिट (मतलब एक फाइटर जेट) की कीमत 600 से 638 करोड़ रुपये के बीच है. ऐसे में एक बी-2 स्पिरिट बॉम्बर विमान की कीमत में 28 से 29 तेजस MK1A फाइटर जेट बनाया जा सकता है. बता दें कि तेजस MK1A 4 या 4.5 पीढ़ी का अल्ट्रा मॉडर्न लड़ाकू विमान है, जिसमें अत्याधुनिक रडार सिस्टम इंस्टॉल है. पेलोड यानी वॉरहेड ले जाने की क्षमता के मामले में भी यह बी-2 बमवर्षक स्टील्थ जेट के सामने कहीं नहीं टिकता है.
F-35 और राफेल
अब बात करते हैं अमेरिका के ही एक और 5th जेनरेशन फाइटर जेट F-35 की. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पांचवीं पीढ़ी के एक F-35 फाइटर जेट की कीमत इंटरनेशनल डिफेंस मार्केट में 110 मिलियन डॉलर यानी 942 करोड़ रुपया है. पांचवीं पीढ़ी के F-35 को इस तरह से डिजायन किया गया है कि वह रडार को चकमा देकर दुश्मनों को तबाह कर सके. B-2 बॉम्बर की तरह ही एफ-35 फाइटर जेट भी स्टील्थ है. ऐसी चर्चा है कि अमेरिका भारत का एफ-35 विमान बेचना चाहता है. हालांकि, अभी तक इसकी पुष्टि किसी भी पक्ष की तरफ से नहीं की गई है. B-2 बॉम्बर से इसकी तुलना करें तो इस एक मेगा जेट की कीमत में पांचवीं पीढ़ी के कम से कम 18 F-35 जेट खरीदे जा सकते हैं. फ्रांस की दसॉल्ट कंपनी की राफेल फाइटर जेट के बेस वर्जन की कीमत भी F-35 के जितना ही है. हालांकि, भारत ने जिन 36 राफेल फाइटर जेट को खरीदा है, उन्हें अपने मुताबिक कस्टमाइज कराया है, जिस वजह से भातर को एक राफेल जेट के लिए 2057 करोड़ रुपये चुकाना पड़ा है.
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