Last Updated:December 23, 2025, 23:28 IST
चक्रवात 'दित्वाह' से जूझ रहे श्रीलंका के लिए भारत संकटमोचक बना है. पीएम मोदी ने पत्र लिखकर हर संभव मदद का भरोसा दिया. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कोलंबो में 120 फीट लंबे पुल का उद्घाटन किया. 'ऑपरेशन सागर बंधु' के तहत भारत ने राहत सामग्री, मेडिकल टीम और सेना भेजकर हजारों जानें बचाईं. श्रीलंका ने इस दोस्ती के लिए भारत का आभार जताया.
भारत से एयरलिफ्ट करके पहुंचाया गया 120 फीट लंबा डुअल कैरिजवे पुल. (Photo : Dr S Jaishankar/X)नई दिल्ली: मुश्किल वक्त में सच्चा दोस्त ही काम आता है और भारत ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है. चक्रवात ‘दित्वाह’ से मची तबाही के बाद श्रीलंका उबरने की कोशिश कर रहा है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके को एक भावुक पत्र लिखा है. पीएम मोदी ने भरोसा दिलाया है कि भारत हर कदम पर श्रीलंका के साथ खड़ा है. इस मदद को अंजाम देने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर कोलंबो पहुंचे हैं. वहां उन्होंने तबाही के बीच एक ऐसा काम किया है जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है.
PM मोदी ने अपनी चिट्ठी में क्या लिखा?
पीएम मोदी ने अपने पत्र में श्रीलंका को ‘भरोसेमंद मित्र’ बताया है. उन्होंने लिखा कि भारत अपनी ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति के तहत हमेशा सबसे पहले मदद के लिए आगे आता है. पीएम ने लिखा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि श्रीलंका इस आपदा से उबरकर और मजबूत बनेगा. अतीत की तरह हम आपके जीवन को फिर से संवारने में कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़े रहेंगे.’
मोदी ने यह भी ऐलान किया कि भारत एक बड़ा सहायता पैकेज देगा. इसके लिए उन्होंने विदेश मंत्री जयशंकर को अपना विशेष दूत बनाकर भेजा है. जयशंकर वहां की सरकार के साथ मिलकर इस पैकेज को लागू करने पर काम करेंगे.
तबाही के बीच भारत ने कैसे खड़ा कर दिया 120 फीट का विशाल पुल?
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कोलंबो पहुंचते ही एक्शन शुरू कर दिया. उन्होंने श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिथा हेराथ और राष्ट्रपति दिसानायके की मौजूदगी में एक ‘बेली ब्रिज’ का उद्घाटन किया. यह पुल उत्तरी प्रांत के किलिनोच्ची जिले में बनाया गया है. यह 120 फीट लंबा डुअल कैरिजवे पुल है. सबसे हैरानी की बात यह है कि 110 टन वजनी इस पुल को भारत से एयरलिफ्ट करके वहां पहुंचाया गया.
Jointly inaugurated with FM @HMVijithaHerath in the presence of President @anuradisanayake, a 120-foot dual carriageway Bailey Bridge in the Kilinochchi District of Northern Province, one of the areas severely affected by Cyclone Ditwah.
यह काम ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत किया गया. यह पुल उन इलाकों के लिए लाइफलाइन बनेगा जो तूफान की वजह से कट गए थे. विदेश मंत्री हेराथ ने इसे भारत और श्रीलंका की पक्की दोस्ती की मिसाल बताया.
ऑपरेशन ‘सागर बंधु’: समंदर में तैरता अस्पताल और हवा में गूंजते भारतीय हेलीकॉप्टर
भारत ने श्रीलंका की मदद के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. ऑपरेशन सागर बंधु के तहत भारत ने अपना एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत और आईएनएस उदयगिरी कोलंबो भेजा था. भारतीय वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर दो हफ्ते से ज्यादा समय तक वहां राहत कार्य में लगे रहे. एनडीआरएफ (NDRF) के 80 जवानों ने वहां रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया.
सबसे बड़ी मदद मेडिकल के क्षेत्र में थी. भारतीय सेना ने कैंडी के पास एक फील्ड हॉस्पिटल बनाया. इसमें 85 मेडिकल स्टाफ तैनात थे. इस अस्पताल ने 8000 से ज्यादा लोगों का इलाज किया. इसके अलावा ‘भीष्म’ (BHISHM) इमरजेंसी केयर यूनिट भी वहां भेजी गई.
भारत ने भेजा राहत का जखीरा, श्रीलंका के विदेश मंत्री ने कहा- शुक्रिया मोदी जी
आंकड़े बताते हैं कि भारत ने किस स्तर पर मदद की है. अब तक 1100 टन से ज्यादा राहत सामग्री पहुंचाई गई है. इसमें राशन, टेंट, कपड़े और पानी साफ करने वाली किट शामिल हैं. इसके अलावा 14.5 टन दवाइयां भी दी गई हैं. श्रीलंका के विदेश मंत्री हेराथ ने पीएम मोदी और भारत सरकार का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा कि भारत की मदद बहुत कीमती है.
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दीपक वर्मा (Deepak Verma) एक पत्रकार हैं जो मुख्य रूप से विज्ञान, राजनीति, भारत के आंतरिक घटनाक्रमों और समसामयिक विषयों से जुडी विस्तृत रिपोर्ट्स लिखते हैं. वह News18 हिंदी के डिजिटल न्यूजरूम में डिप्टी न्यूज़...और पढ़ें
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New Delhi,Delhi
First Published :
December 23, 2025, 23:26 IST

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