Last Updated:April 23, 2025, 12:25 IST
ED Raid in Jharkhand: ईडी ने झारखंड के बोकारो में 100 एकड़ वन भूमि घोटाले की जांच तेज कर दी है. मनी लाउंड्रिंग की जांच के लिए बिहार और झारखंड के 16 स्थानों पर छापेमारी की गई, जिसमें कई डिजिटल एविडेंस और कागजात ...और पढ़ें

झारखंड बोकारो वन भूमि घोटाला: ईडी की छापेमारी में कई सबूत बरामद किये गए
हाइलाइट्स
ईडी ने वन भूमि घोटाले में 16 स्थानों पर छापेमारी की.रेड में कई डिजिटल एविडेंस और कागजात बरामद हुए.वन भूमि घोटाले में ईडी ने मनी लाउंड्रिंग की जांच तेज कीरांची. झारखंड के बोकारो स्थित वन विभाग की 100 एकड़ से ज्यादा जमीन का फर्जी दस्तावेज बनाकर उसे हड़पने के मामले में सीआईडी के बाद अब केंद्रीय एजेंसी ईडी के एंट्री हो चुकी है. वन भूमि के अवैध कब्जे और जमीन से हुई काली कमाई की जांच को लेकर ईडी ने मामले में अपनी जांच तेज कर दी है. ईडी की टीम ने मनी लाउंड्रिंग की जांच को लेकर मंगलवार की अहले सुबह से ही बिहार और झारखंड के 16 स्थानों पर एक साथ अपनी दबिश दी. छापेमारी में कई तरह की डिजिटल एविडेंस और घोटाले से सम्बंधित कागजात बरामद किए गए हैं. राजधानी रांची में राजवीर कंस्ट्रक्शन के संचालकों के ठिकानों पर छापेमारी की गई तो वहीं बोकारो में डीसी ऑफिस, चास सीओ कार्यालय में भी ईडी ने दबिश दी. ईडी की टीम पूर्व में कांके जमीन घोटाले में आरोपित सीओ दिवाकर द्विवेदी के धनबाद स्थित आवास पर भी पहुंची, जहां वह डीटीओ के पद पर पोस्टेड हैं. ईडी ने जमीन की खरीद में शामिल उमायुष मल्टीकॉम प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक के पटना और बोकारो स्थित आवास, कार्यालय के साथ साथ उनके कर्मियों के ठिकानों पर भी छापेमारी की. बोकारो के चास अंचल में पोस्टेड रहे पूर्व सीओ भी ईडी के रडार पर हैं.
दरअसल, वन भूमि को अपने नाम पर म्यूटेशन कराने वाले व्यक्ति इजहार अंसारी के आवास पर ईडी की टीम पहुंची तो कांके अंचल के पूर्व सीओ दिवाकर द्विवेदी जो पूर्व में भी ईडी के रडार पर आ चुके हैं. उनका भी नाम इस पूरे खेल में एक बार फिर जुड़ गया. बता दें कि जब एवं भूमि का म्यूटेशन किया गया था तब दिवाकर द्विवेदी ही उस अंकल के सीओ के रूप में पदस्थापित थे. इजहार अंसारी से 10.23 करोड़ रुपये देकर वन भूमि खरीदने वाली उमायुष कंस्ट्रक्शन को यह पैसा कहां से मिला, इस पहलु पर भी ईडी के अधिकारी जांच कर रहे है.
घोटाले के कई राज होंगे उजागर
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सरकारी रेट से भी कम कीमत पर भुगतान के बाद रजिस्ट्री कर दी गई थी. जांच में यह बात सामने आयी है कि 2021 में उमायुष कंस्ट्रक्शन अस्तित्व में आई, तो इसकी शेयर पूंजी मात्र एक लाख रुपये थी, लेकिन दो महीने के भीतर इसकी शेयर पूंजी 10.23 करोड़ रुपये हो गई और इस कंपनी ने 100 एकड़ से अधिक वन भूमि का 74.38 एकड़ जमीन खरीद लिया. जिसे अवैध रूप से इजहार अंसारी के कब्जे में कर दिया गया था. इस कारण इस पूरे खेल में कई गड़बड़ियां केंद्रीय एजेंसी को भी मिली है.
भू-माफियाओं का बंगाल से कनेक्शन!
बता दें कि 100 एकड़ से अधिक की वन भूमि घोटाले की जांच झारखंड सीआईडी को टीम भी कर रही थी और सीआईडी की टीम को भी कई गड़बड़ियां मिली थीं. ये बाते भी सामने आई थी कि इस जमीन के कब्जे को लेकर भू माफियाओं ने बंगाल के पुरुलिया से फर्जी दस्तावेज तैयार कराए थे. इस कारण ही बंगाल के पुरुलिया प्रशासन से भी सीआईडी ने सहयोग मांगा था.
Location :
Ranchi,Jharkhand
First Published :
April 23, 2025, 12:25 IST