Last Updated:September 24, 2025, 13:40 IST

भारत के पास इस वक्त दुनिया का सबसे बेहतरीन एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 है. यह रूस निर्मित सिस्टम है और इसने ऑपरेशन सिंदूर में अपनी ताकत दुनिया को दिखा दी. इस कवच की बदौलत ही पाकिस्तान की मिसाइलें भारत के अहम प्रतिष्ठानों पर पहुंचने से पहले ही कबाड़ बन गईं. लेकिन, इस ऑपरेशन के दौरान भारत को एक सामने एक चुनौती का सामना करना पड़ा. वो था पाकिस्तान की ओर से भेजे गए सस्ते ड्रोन. पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की निर्मित ड्रोन्स का खूब इस्तेमाल किया, जिसे भारत ने अपनी आकाश मिसाइलों के जरिए मार गिराया.
इस ऑपरेशन से सीख लेते हुए भारत अब अपना एक एकीकृत डिफेंस सिस्टम बना रहा है. इसका नाम सुदर्शन चक्र रखा गया है. इसको लेकर एकीकृत डिफेंस स्टाफ के प्रमुख एयर मार्शल अशुतोष दीक्षित ने मंगलवार को खुलेआम घोषणा की कि भारत का यह सिस्टम दुनिया के सभी एयर डिफेंस सिस्टम का बाप साबित होगा. इस सिस्टम में काउंटर-ड्रोन, काउंटर-यूएवी (अनमैन्ड एरियल व्हीकल) और काउंटर-हाइपरसोनिक क्षमताओं सहित कई उन्नत तकनीकों को एकीकृत किया जाएगा.
काउंटर यूएवी एक्सपर्ट्स एंड एयर डिफेंस सिस्टम्स: फ्यूचर ऑफ मॉडर्न वॉरफेयर सम्मेलन में बोलते हुए एयर मार्शल दीक्षित ने कहा कि आत्मनिर्भरता युद्ध में सरप्राइज एलिमेंट प्रदान करती है. सभी सरप्राइज की तरह, यह केवल एक बार इस्तेमाल किया जा सकता है. अगली बार, हमें फिर से एक नया सरप्राइज तैयार करना होगा.
पहलगाम हमले के जवाब में इसी साल मई में हुए ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की काउंटर-ड्रोन और जीपीएस जैमिंग क्षमताओं के प्रभाव को दिखाया. उन्होंने खुलासा किया कि कुछ ड्रोन एआई और विजुअल नेविगेशन से लैस थे, जो जीपीएस जैमिंग के बावजूद काम करते रहे. वे भी बेहतर हो रहे हैं, इसलिए हमें एक कदम आगे रहना होगा. उन्होंने कहा कि भारत की सिस्टम्स ने नुकसान को लगभग शून्य रखा. यह एंटी-ड्रोन उपायों की सफलता की एक कहानी है.
एयर मार्शल दीक्षित ने आगे कहा कि यह सफलता अगली बार दोहराई नहीं जा सकती, क्योंकि दुश्मन भी सीखता है. सम्मेलन में उन्होंने अजरबैजान-अर्मेनिया संघर्ष और रूस-यूक्रेन युद्ध का हवाला दिया, जहां सस्ते ड्रोन ने महंगे सैन्य संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचाया.
सुदर्शन चक्र के बारे में विस्तार से बताते हुए एयर मार्शल दीक्षित ने कहा कि यह अभी विचाराधीन (आइडिएशन) चरण में है, लेकिन इसमें काउंटर-ड्रोन, काउंटर-यूएवी, काउंटर-हाइपरसोनिक सिस्टम्स और अन्य गोपनीय क्षमताएं एकीकृत होंगी. काउंटर-ड्रोन सिस्टम इसका सबसे निचला लेयर बनेगा. उन्होंने कहा कि यह सिस्टम भारत की बहु-स्तरीय एयर डिफेंस रणनीति का हिस्सा बनेगा. इससे मौजूदा एस-400, आईबीसीएस (इंटीग्रेटेड बैटलफील्ड कमांड सिस्टम) और आकाश मिसाइल सिस्टम्स को मजबूती मिलेगी. विशेषज्ञों का मानना है कि सुदर्शन चक्र हाइपरसोनिक मिसाइलों जैसे उभरते खतरों से निपटने में क्रांतिकारी साबित होगा, जो पारंपरिक डिफेंस सिस्टम्स की सीमाओं को पार करेगा.
सशस्त्र बल ड्रोन और काउंटर-ड्रोन सिस्टम्स का परीक्षण एक एक्सरसाइज के दौरान करेंगे. यह हेडक्वार्टर्स इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (एचक्यू आईडीएस) द्वारा 6 से 10 अक्टूबर तक मध्य प्रदेश में आयोजित होगा. इसमें तीनों सेनाओं (सेना, नौसेना और वायुसेना) की भागीदारी होगी. यह एक्सरसाइज ऑपरेशन सिंदूर के पांच महीने बाद हो रहा है, जो भारत की त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता को दर्शाता है. एचक्यू आईडएस के अनुसार, यह अभ्यास वास्तविक युद्ध परिदृश्यों का अनुकरण करेगा, जिसमें ड्रोन स्वार्म अटैक्स, हाइपरसोनिक थ्रेट्स और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर शामिल होंगे.भारत की रक्षा आधुनिकीकरण यात्रा में सुदर्शन चक्र एक महत्वपूर्ण कदम है. पिछले कुछ वर्षों में चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसियों द्वारा ड्रोन और मिसाइल तकनीकों के उपयोग ने भारत को मजबूत एयर डिफेंस की आवश्यकता महसूस कराई है.
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...
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First Published :
September 24, 2025, 13:40 IST