Last Updated:September 25, 2025, 13:27 IST
Married Women's Property Act Benefit : यह बात तो सभी को पता है कि अगर पॉलिसीधारक पर कर्ज बकाया है तो उनकी मौत के बाद मिले पैसों पर पहला हक बैंक का ही होगा. लेकिन, देश में एक ऐसा भी कानून है जिसका इस्तेमाल कर इन पैसों पर सिर्फ पत्नी और बच्चों का हक सुनिश्चित किया जा सकेगा.

What is Married Women’s Property Act : जीवन बीमा पॉलिसी या टर्म इंश्योरेंस खरीदते समय ज्यादातर लोग सिर्फ प्रीमियम भरकर निश्चिंत हो जाते हैं. उन्हें लगता है कि समय पर प्रीमियम भरने से उन्हें पॉलिसी के सारे लाभ मिल जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं है. कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां पति ने अपना टर्म इंश्योरेंस कराया था और उनकी मौत के बाद पत्नी-बच्चों को एक भी पैसे नहीं दिए गए. बीमा के सारे पैसे पति को कर्ज देने वाले बैंकों और अन्य कर्जदाताओं ने वसूल लिए. लेकिन, अगर पॉलिसी लेते समय एक काम किया गया होता तो बैंक या कर्जदाता इन पैसों को हाथ भी नहीं लगा पाते.
महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए भारत में एक कानून है मैरिड वुमेन प्रॉपर्टी एक्ट 1874 यानी विवाहित महिला संपत्ति कानून, जिसमें महिलाओं के लिए अलग से प्रावधान किए गए हैं. यह कानून महिलाओं के लिए अलग से संपत्ति की व्यवस्था करता है और इस पर पति या परिवार अथवा उनके कर्जदाताओं का कोई नियंत्रण नहीं होता है. इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल जीवन बीमा पॉलिसी या टर्म इंश्योरेंस में होता है. इसके तहत पति की मौत के बाद बीमा की पूरी राशि उनकी पत्नी और बच्चों के नाम जाती है और इसमें पति को लोन देने वाले बैंकों या अन्य संस्थानों का कोई अधिकार नहीं होता है.
कैसे काम करता है यह कानून
आजकल घर बनाने या बिजनेस शुरू करने के लिए ज्यादातर लोगों को लोन ही लेना पड़ता है. ऐसे में अगर पति की मौत हो जाए तो उनके नाम से खरीदी गई जीवन बीमा पॉलिसी या टर्म इंश्योरेंस का पैसा पहले कर्जदाताओं को दिया जाता है. मसलन, अगर पति के ऊपर होम लोन या बिजनेस लोन का बकाया है तो उनके इंश्योरेंस का पैसा पहले इन कर्जदाताओं को दिया जाएगा और अगर कोई राशि बचती है तो फिर उसे उनकी पत्नी और बच्चों को बांटा जाएगा. लेकिन, अगर पॉलिसी खरीदते समय मैरिड वुमेन प्रॉपर्टी एक्ट वाले कॉलम पर टिक किया गया है तो फिर बैंक या अन्य कर्जदाता इन पैसों को हाथ भी नहीं लगा पाएंगे और सारी रकम पत्नी व बच्चों के पास जाएगी.
क्या है कानून की खास बातें
कैसे काम करता है यह कानून
जीवन बीमा पॉलिसी या टर्म इंश्योरेंस खरीदते समय मैरिड वुमेन प्रॉपर्टी एक्ट पर क्लिक जरूर करें. पॉलिसी में पत्नी या बच्चे अथवा दोनों के नाम का बेनिफिशरीज के तौर पर स्पष्ट रूप से उल्लेख करें. जैसे ही इस कानून का चुनाव किया जाता, पॉलिसी एक ट्रस्ट में बदल जाती है जो पत्नी और बच्चों के हितों की सुरक्षा करती है. बीमाधारक की मौत के बाद पॉलिसी के पैसे सीधे तौर पर बेनिफिशरीज के नाम ट्रांसफर कर दिए जाते हैं और इस पर पति के परिवार या कर्जदाताओं का कोई दावा शेष नहीं रहता है.प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 25, 2025, 13:27 IST