Last Updated:September 25, 2025, 13:48 IST
Bihar Chunav: राहुल गांधी ने पटना सदाकत आश्रम से 36 प्रतिशत अति पिछड़ा वर्ग के लिए नया आरक्षण कानून का ऐलान किया, जिससे बिहार चुनाव में एनडीए और आरजेडी दोनों खेमों में हलचल है.

पटना. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक ऐसा राजनीतिक दांव चला है, जिसने दूसरी पार्टियों की सियासी जमीन हिला दी है. राहुल गांधी ने घोषणा की है कि अगर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनती है तो 36 प्रतिशत अति पिछड़ा वर्ग को अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) की तर्ज पर एक नया आरक्षण कानून लागू किया जाएगा. यह दांव इतना बड़ा है कि इससे न सिर्फ एनडीए खेमे में बल्कि आरजेडी खेमे में भी खलबली मचा दी है. पिछले 20 सालों से एनडीए खासकर नीतीश कुमार जिस अति पिछड़ा वर्ग के वोट बैंक पर अलग-अलग दांव खेलकर अब तक राज करते आ रहे थे, वह राहुल के इस दांव से खतरे में पड़ सकता है. राहुल गांधी ने बड़ी चालाकी से यह बड़ा दांव खेलकर क्या बिहार चुनाव में बाजी मार ली?
राहुल गांधी का यह दांव बिहार चुनाव में 64 प्रतिशत पर भारी पड़ सकता है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी का यह दांव बिहार चुनाव में गेम चेंजर साबित हो सकता ह. अति पिछड़ा वर्ग बिहार में एक बहुत बड़ा और निर्णायक वोट बैंक है, जो पारंपरिक रूप से नीतीश कुमार के साथ जुड़ा रहा है. राहुल गांधी का यह सीधा और बड़ा आरक्षण का वादा इस वोट बैंक को सीधे महागठबंधन की तरफ मोड़ सकता है. बिहार की कुल आबादी में अति पिछड़ा वर्ग की हिस्सेदारी करीब 36 प्रतिशत है. अगर यह पूरा वोट बैंक आरजेडी के यादव-मुस्लिम (एम-वाई) वोट बैंक के साथ जुड़ जाता है तो महागठबंधन का कुल वोट शेयर इतना बड़ा हो जाएगा कि उसे हराना असंभव हो जाएगा.
तेजस्वी यादव बिहार चुनाव से पहले एक बार फिर यात्रा पर निकले हैं.
36 प्रतिशत अति पिछड़ा कैसे पड़ेगा 64 पर भारी?
बिहार चुनाव में बहु-कोणीय मुकाबले की बात हो रही है. ऐसे में 36 प्रतिशत का यह मजबूत ब्लॉक निर्णायक साबित होगा, जिससे शेष 64 प्रतिशत वोट बिखर जाएंगे और यह 36 प्रतिशत का ध्रुवीकरण जीत की गारंटी बन जाएगा. हालांकि, 36 प्रतिशत में से 70 से 80 प्रतिशत वोटर्स अभी नीतीश कुमार और पीएम मोदी की याजनाओं का लाभ ले रही है. ऐसे में अगर बिहार चुनाव में राहुल का आरक्षण वाला दांव इस वर्ग के आधे वोटरों को अपनी तरफ खींचता है तो यह एनडीए के लिए शुभ संकेत नहीं होंगे.
महागठबंधन को वोट शेयर क्या बढ़ जाएगा?
राहुल गांधी का यह दांव तेजस्वी यादव के राजनीतिक भविष्य के लिए बहुत अहम है. तेजस्वी यादव इस फैसले के बाद या तो ‘सुल्तान’ बन जाएंगे या फिर धरती पर आ जाएंगे. राहुल गांधी का ‘अति पिछड़ा’ वाला दांव सफल होता है तो कांग्रेस बिहार में दमदार उपस्थिति दर्ज कराएगी, जिससे तेजस्वी यादव की स्थिति में महागठबंधन में कमजोर होगी. अगर राहुल गांधी का यह दांव सफल नहीं होता है और महागठबंधन चुनाव हार जाता है तो तेजस्वी यादव पर न सिर्फ हार की जिम्मेदारी आएगी, बल्कि गठबंधन में उनका कद भी छोटा हो जाएगा. वह एक बड़ा मौका गंवाने वाले नेता बन जाएंगे.
तेजस्वी यादव बिहार अधिकार यात्रा में क्यों बांट रहे हैं कलम?
कुलमिलाकर राहुल गांधी का यह ऐलान एनडीए के साथ-साथ आरजेडी खेमे में बी खलबली मचा दिया है. हालांकि जब यह ऐलान हुआ तो राहुल गांधी के साथ मंच पर तेजस्वी यादव भी मौजूद थे. इससे लगता है कि अभी महागठबंधन में सबकुछ ठीक ठाक है. लेकिन परिणाम अगर अनुकूल नहीं आता है तो फिर आने वाले दिनों में महागठबंधन में सिरफुटोव्वल से इंकार नहीं किया जा सकता है.
रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...
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Patna,Patna,Bihar
First Published :
September 25, 2025, 13:48 IST