Last Updated:September 24, 2025, 16:37 IST
Farmer Income : किसानों की आमदनी क्यों नहीं बढ़ रही है, इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दी है. उन्होंने कहा है कि वैश्विक बाजार में अनाज की कीमतें कम होने का असर किसानों पर भी दिख रहा है.

नई दिल्ली. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि सरकार को उन किसानों का समर्थन करना चाहिए, जिन्हें अपनी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है क्योंकि यह दाम वैश्विक कारकों से तय होता है. उन्होंने कहा कि चीनी की कीमत ब्राजील, तेल की कीमत मलेशिया, मक्के की कीमत अमेरिका और सोयाबीन की कीमत अर्जेंटीना से प्रभावित होती है. इन देशों से आने वाले प्रोडक्ट की ग्लोबल मार्केट में कीमत कम है, जिसकी वजह से भारतीय उत्पादों को भी ज्यादा भाव नहीं मिलता है और किसानों तक इसका फायदा नहीं पहुंच रहा है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम ग्रामीण और आदिवासी भारत में गरीबी एवं बेरोजगारी की समस्याओं का सामना कर रहे हैं, क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था में किसानों को अच्छे मूल्य नहीं मिल रहे हैं. गडकरी ने कहा कि भारत की 65 प्रतिशत जनसंख्या कृषि गतिविधियों में लगी हुई है, लेकिन देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में उनका योगदान महज 14 प्रतिशत है.
सरकार से मदद की अपील
गडकरी ने कहा कि इस मुश्किल स्थिति में ग्रामीण कृषि और आदिवासी अर्थव्यवस्था को बचाकर रखने के लिए, हमें कृषि का समर्थन करने की जरूरत है. यह उपभोक्ता, देश और अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. किसानों को अपनी फसलों का उचित मूल्य नहीं मिलने के कारण कई आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इससे बचाने के लिए सरकार को आगे बढ़कर मदद करनी चाहिए.
कितना पहुंच गया सरकारी भाव
गडकरी ने कहा कि जब सरकार ने मक्के से बायो-एथेनॉल बनाने की मंजूरी दी तो मक्के की कीमत 1,200 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 2,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गई. मक्के से एथेनॉल का उत्पादन करके किसानों ने 45,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई की है. इस तरह देखें तो ऊर्जा और बिजली क्षेत्र की ओर कृषि का विविधीकरण हमारे देश की ज़रूरत है. वैकल्पिक ईंधन और जैव ईंधन का भारत में भविष्य उज्ज्वल है. फिलहाल हम ऊर्जा के आयातक हैं. वह दिन भी आएगा जब हम ऊर्जा के निर्यातक होंगे. यह देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक उपलब्धि होगी.
हर साल मंगाते हैं 22 लाख करोड़ का तेल
देश में वायु प्रदूषण का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा कि 40 प्रतिशत वायु प्रदूषण परिवहन ईंधन के कारण होता है और यह देश खासकर दिल्ली के लिए एक बड़ी समस्या है. भारत हर साल 22 लाख करोड़ रुपये मूल्य के जीवाश्म ईंधन का आयात करता है जिससे वायु प्रदूषण भी बढ़ रहा है. आर्थिक और प्रदूषण दोनों ही नजरिये से यह दुनिया और भारत के लिए जैव ईंधन और वैकल्पिक ईंधन को प्रोत्साहित करने का समय है. गडकरी ने कहा कि उनका लक्ष्य भारत को टिकाऊ विमानन ईंधन के क्षेत्र में भी अग्रणी बनाना है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 24, 2025, 16:37 IST