खाद सप्‍लाई पर चीन लगाने जा रहा कड़े प्रतिबंध, क्‍या है इससे निपटने का तरीका

2 days ago

Last Updated:September 24, 2025, 13:03 IST

Fertilizers Crisis : चीन अगले महीने से उर्वरक सप्‍लाई पर कड़े प्रतिबंध लगाने वाला है. इससे देश में भी उर्वरक का संकट पैदा हो सकता है. हालांकि, इससे निपटने के लिए नॉर्वे की कंपनी ने पहले से ही प्‍लान बना लिया है.

खाद सप्‍लाई पर चीन लगाने जा रहा कड़े प्रतिबंध, क्‍या है इससे निपटने का तरीकाचीन अगले महीने उर्वरक पर कड़े प्रतिबंध लगाने जा रहा है.

नई दिल्‍ली. भारत में ज्‍यादातर उर्वरक की सप्‍लाई चीन से होती है और ड्रैगन अगले महीने से इस पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है. इसके बाद भारतीय किसानों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. फिलहाल इसका तोड़ निकालने की कोशिश की जा रही है. इस बीच नॉर्वे की प्रमुख उर्वरक कंपनी यारा इंटरनेशनल की भारतीय इकाई को इस साल विशेष उर्वरक आयात में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है. यह 1,40,000 टन तक पहुंचने की राह पर है जो पिछले साल की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है।

कंपनी चीन की कड़ी निर्यात पाबंदियों से निपटने की कोशिश कर रही है जो अगले महीने से लागू होने वाली है. यारा 70-80 प्रतिशत विशेष उर्वरक चीन से आयात करती है. यारा इंटरनेशनल की भारतीय इकाई ने जनवरी से सितंबर तक 1,00,000-1,20,000 टन विशेष उर्वरकों का आयात किया है और इस वर्ष यह 1,35,000-1,40,000 टन के स्तर को भी पार कर सकता है. यारा दक्षिण एशिया के प्रबंध निदेशक (एमडी) संजीव कंवर ने बताया कि साल 2025 में कंपनी के विशेष उर्वरक आयात में वृद्धि होने की संभावना है, क्योंकि किसानों द्वारा लाभदायक फल व सब्जी फसलों की ओर रुख करने से बागवानी की मांग में तेजी आएगी.

नॉर्वे की कंपनी बनेगी तारनहार
घुलनशील उर्वरक उद्योग संघ के अनुसार, चीनी विशेष उर्वरक निर्यात की अस्थायी बहाली से अल्पकालिक राहत मिली है क्योंकि चीन अगले महीने से निरीक्षणों में वृद्धि और खेप में देरी के माध्यम से निर्यात नियंत्रण को कड़ा करने की योजना बना रहा है. करीब 70 प्रतिशत विशेष उर्वरक अब नॉर्वे स्थित संयंत्रों से आ रहे हैं, जिनमें कैल्शियम नाइट्रेट भी शामिल है. शेष पश्चिम एशिया के आपूर्तिकर्ताओं से आ रहे हैं. इससे आपूर्ति शृंखला का विस्तार हो रहा है, लेकिन भारत के 80 प्रतिशत आयात-निर्भर बाजार पर लागत का बोझ नहीं पड़ रहा है.

उर्वरक का आयात और बढ़ेगा
संजीव कंवर का कहना है कि कंपनी का विशेष उर्वरक आयात साल 2025 में बढ़ने वाला है. यह पिछले साल से अधिक होगा, क्योंकि बाजार तेजी से बढ़ रहा है. विशेष उर्वरक बाजार इसलिए बढ़ रहा है क्योंकि किसान फलों व सब्जियों की ओर अधिक रुख कर रहे हैं. ऐसा केवल इसलिए नहीं है, क्योंकि इन्हें उगाना अच्छा है, बल्कि इसलिए भी कि ये अधिक मुनाफे वाले हैं. इस वर्ष विशेष उर्वरक व्यवसाय में करीब 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि होनी चाहिए. हम प्रत्यक्ष रूप से किसानों तक पहुंच रहे हैं और लगभग 40,000 से 50,000 किसान बैठकें आयोजित कर रहे हैं. यारा फसल कार्यक्रम की क्षमता दिखाने के लिए हम करीब 4,000 से 5,000 प्रस्तुतियां करते हैं.

नॉर्वे से आता है 70 फीसदी आयात
नॉर्वे से भारत के 70 प्रतिशत उर्वरक आयात की आपूर्ति करने वाली यारा ने भारत आने वाले जल-घुलनशील उर्वरकों के लिए चीन में एक विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने की योजना बनाई थी, लेकिन भू-राजनीतिक तनावों के कारण इसे स्थगित कर दिया गया. आपूर्ति श्रृंखलाओं की सुरक्षा के लिए स्वामित्व वाली प्रौद्योगिकी में निवेश करने या बेल्जियम अथवा मोरक्को जैसे देशों के साथ सौदे करने के बारे में पूछे जाने पर कंवर ने ऐसे किसी भी कदम से इनकार किया. उन्होंने कहा कि नहीं. जैसा कि मैंने बताया, हमारी 70 प्रतिशत आपूर्ति यारा प्रणाली के अंतर्गत हमारे अपने उत्पादन से आ रही है. शेष 30 प्रतिशत के लिए हमने दुनिया भर के विभिन्न उत्पादकों के साथ सौदा किया है.

Pramod Kumar Tiwari

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

September 24, 2025, 13:03 IST

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