क्यों सुलग उठा लेह-लद्दाख? प्रदर्शन हिंसक होने पर सोनम वांगचुक ने तोड़ा अनशन

2 days ago

Last Updated:September 24, 2025, 15:09 IST

Leh Ladakh Protest: लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग पर लेह में जारी विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया. प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच पत्थरबाजी हुई, जिसमें कई लोग घायल हुए. गुस्साई भीड़ ने CRPF की गाड़ी और पुलिस की एक गाड़ी को आग के हवाले कर दिया, साथ ही BJP ऑफिस पर भी हमला किया.

क्यों सुलग उठा लेह-लद्दाख? प्रदर्शन हिंसक होने पर सोनम वांगचुक ने तोड़ा अनशनप्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच पत्थरबाजी हुई, जिसमें कई लोग घायल हुए.

लद्दाख की सड़कों पर पिछले कई दिनों से गुस्सा उबाल मार रहा है. सोमवार को लेह में बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शन ने अचानक हिंसक रूप ले लिया. छात्रों और स्थानीय लोगों ने केंद्र सरकार और केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए पूर्ण बंद का आह्वान किया था, लेकिन यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन जल्द ही बेकाबू हो गया.

प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच पत्थरबाजी शुरू हो गई, जिससे हालात तनावपूर्ण हो गए. गुस्साई भीड़ ने CRPF की गाड़ी, पुलिस वैन और कई अन्य वाहनों को आग के हवाले कर दिया. इतना ही नहीं, भीड़ ने लेह स्थित बीजेपी दफ्तर को भी निशाना बनाया और वहां आगजनी की. सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में कार्यालय से धुएं का गुबार उठता दिखाई दिया.

आंदोलन की वजह क्या है?

यह विरोध लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर तेज हुआ है. आंदोलन का नेतृत्व लेह एपेक्स बॉडी कर रही है. LAB की युवा इकाई ने प्रदर्शन और बंद का आह्वान किया, खासकर तब जब मंगलवार शाम 35 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे 15 लोगों में से दो की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.

#WATCH | Leh, Ladakh: BJP Office in Leh set on fire during a massive protest by the people of Ladakh demanding statehoothe d and the inclusion of Ladakh under the Sixth Schedule turned into clashes with Police. https://t.co/yQTyrMUK7q pic.twitter.com/x4VqkV8tdd

सोनम वांगचुक का समर्थन

इस आंदोलन की सबसे बड़ी आवाज़ बनकर सामने आए हैं पर्यावरण कार्यकर्ता और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक, जिनका अनशन 15वें दिन में पहुंच चुका है. वांगचुक का कहना है कि बीजेपीने वादा किया था कि लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल किया जाएगा, लेकिन पांच साल बीत जाने के बाद भी वादा अधूरा है.

उनका कहना है, ‘हमारी मांगें पांच साल से लंबित हैं. संविधान दो साल में बन गया था लेकिन हमारी बात पर अब तक चर्चा पूरी नहीं हुई. लोगों का सब्र टूट रहा है. हम नहीं चाहते कि कुछ ऐसा हो जिससे भारत की छवि को धक्का लगे.ट

केंद्र से बातचीत की तैयारी

लगातार बढ़ते गुस्से के बीच गृह मंत्रालय ने घोषणा की है कि 6 अक्टूबर को लद्दाख के प्रतिनिधिमंडल के साथ अगला दौर की बातचीत होगी. लेकिन LAB ने साफ कर दिया है कि जब तक राज्य का दर्जा और संवैधानिक अधिकार सुनिश्चित नहीं होते, आंदोलन जारी रहेगा.

उधर लद्दाख के लोगों का कहना है कि शांतिपूर्ण विरोध से अब तक कुछ हासिल नहीं हुआ, और अब वे जल्द से जल्द ठोस समाधान चाहते हैं. यही वजह है कि लेह में गुस्से की आग सड़कों तक फैल गई और हालात हिंसा में बदल गए.

Saad Omar

An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

September 24, 2025, 13:50 IST

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