Last Updated:September 24, 2025, 12:37 IST
Online Delivery Fee : स्विगी और जोमैटो जैसी कंपनियां ऑनलाइन डिलीवरी करने के लिए कई तरह की फीस वसूलती हैं. ऐसा ही एक बिल यूजर ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि कंपनियों की इस मनमानी पर रोक लगनी चाहिए.

नई दिल्ली. सरकार ने तो जीएसटी की दरें घटाकर आम आदमी को राहत देने की कोशिश की है, लेकिन कंपनियां वसूली के नए-नए पैंतरे आजमा रही हैं. ऑनलाइन खाना डिलीवर करने वाली कंपनियों की मनमानी तो इस मामले में एक मिसाल बन गई है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक यूजर ने ऐसे ही एक ऑर्डर का बिल पोस्ट करके कंपनियों की मनमानी पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि वस्तुओं पर जीएसटी घटा दिया गया है, लेकिन सेवाओं पर आज भी पहले की तरह ही जारी है और इसका कंपनियां गलत फायदा उठा रही हैं.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर @AshishGupta325 नाम से आईडी चलाने वाले आशीष गुप्ता ने एक बिल पोस्ट करते हुए लिखा कि ऐतिहासिक जीएसटी सुधार के बाद कंपनियों का नया पैंतरा. ऑनलाइन खाना डिलीवर करने पर लगाया 25 रुपये रेन फीस और इस फीस पर भी 18 फीसदी का जीएसटी यानी कुल 29.50 रुपये मनमाने ढंग से वसूले. उन्होंने आगे लिखा कि कंपनियों का अगला प्लान हो सकता है सूरज की रोशनी का सुविधा शुल्क, ऑक्सीजन मेंटेनेंस चार्ज, सांस लेने पर जीएसटी (जितना ज्यादा सांस लेंगे, उतना भुगतना करेंगे.
बिल में क्या-क्या चार्ज शामिल
यूजर ने यह ऑर्डर स्विगी से किया था और कंपनी की ओर से उपलब्ध कराए गए बिल में कई तरह के चार्ज वसूले गए हैं. इसमें शामिल हैं… 20 रुपये का रेस्तरां पैकेज शुल्क. प्लेटफॉर्म फीस के तौर पर 14.99 रुपये लगाए गए. 25 रुपये बारिश में ऑर्डर डिलीवर करने का शुल्क. रेस्तरां जीएसटी शुल्क के रूप में 14.75 रुपये वसूले. बारिश शुल्क पर 18 फीसदी जीएसटी यानी 4.5 रुपये वसूले गए. कुल मिलाकर ऑर्डर पर कंपनी ने 79.24 रुपये शुल्क और चार्ज के रूप में वसूले.जोमैटो भी वसूलता है मोटा शुल्क
स्विगी ही नहीं, जोमैटो भी कई तरह के शुल्क वसूलता है जो कई बार तो खाने की कीमत से भी ज्यादा हो जाता है. जोमैटो प्लेटफॉर्म शुल्क तो लेता ही है, उस पर 18 फीसदी जीएसटी भी लगाता है. इसके अलावा जोमैटो लंबी दूरी पर डिलीवर करने के लिए ‘लॉन्ग डिस्टेंस फीस’ भी वसूलता है. अगर आपका ऑर्डर 150 रुपये से ज्यादा है तो 4 से 6 किलोमीटर की दूरी पर यह 20 रुपये लगता है, जबकि 6 किलोमीटर से ज्यादा दूरी के लिए यह शुल्क 40 रुपये पहुंच जाता है. अगर ऑर्डर 150 रुपये से कम है तो 6 किलोमीटर तक कोई शुल्क नहीं लगता है. उसके ऊपर 40 रुपये लगाया जाता है.
प्लेटफॉर्म फीस पर सबसे ज्यादा नाराजगी
यूजर्स ने ऑनलाइन फूड डिलीवर करने वाली कंपनियों पर जमकर गुस्सा निकाला. सबसे ज्यादा दिक्कत प्लेटफॉर्म फीस को लेकर थी. यूजर्स का मानना है कि स्विगी और जोमैटो जैसी कंपनियां पहले ही रेस्तरां से 20 से 30 फीसदी का कमीशन लेती है और ऊपर से ग्राहकों से भी मोटी फीस वसूलती हैं. प्लेटफॉर्म फीस के नाम पर हो रही वसूली बंद होनी चाहिए, क्योंकि इस पर जीएसटी भी लगाया जाता है और इस रकम ज्यादा हो जाती है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 24, 2025, 12:37 IST