Last Updated:July 24, 2025, 13:54 IST
Indian Railways- ट्रेन हादसे रोकने के लिए ट्रैक और इंजनों में कचव 4.O लगाया जा रहा है. प्रति किमी. ट्रैक पर और इंजन में लगाने में कितना खर्च आता है, सुनकर आप चौंक जाएंगे?

नई दिल्ली. भारतीय रेलवे ट्रेन हादसों को कम करने के लिए कवच तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है. इसकी शुरुआत हो चुकी है. अब तो इसका अपडेटेड वर्जन कवच 4.O भी आ चुका है. रेलवे इसी तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है, लेकिन आपको पता है कि सुरक्षित सफर कराने के लिए रेलवे कवच लगाने में कितना खर्च कर रहा है, नहीं पता, जानकर आप चौंक जाएंगे.
कचव 4.O स्टेशन, ट्रैक और इंजन में लगाया जाता है. इस उपकरण को स्टेशन और ट्रैक में लगाने में प्रति किमी. 50 लाख का खर्च आता है, इतना ही नहीं एक इंजन में इस तकनीक को लगाने में 80 लाख का आ रहा है. इस तरह एक किमी. ट्रैक और इंजन में कवच लगाने 1.30 करोड़ रुपये का खर्च आ रहा है.
1500 किमी. ट्रैक में लगाया जा चुका है
रेलवे मंत्रालय के अनुसार अभी तक करीब 1500 किमी. ट्रैक में कवच तकनीक का इस्तेमाल किया जा चुका है. साथ ही देशभर में विभिन्न जोनों के 80 इंजनों को कवच तकनीक से इस्तेमाल किया गया है.
15000 किमी. का है टागरेट
रेल मंत्रालय के अनुसार 15000 किमी. ट्रैक को कवच तकनीक से लैस करने का टारगेट रखा गया है. इसके साथ ही कुल 10000 इंजनों में इसे लगाया जाएगा. देशभर में 13000 हजार से अधिक ट्रेनें हैं. इस दिशा में काम शुरू हो चुका है.
कवच के लिए इन दो रूटों को प्राथमिकता
भारतीय रेलवे देश के सबसे व्यस्त रूटों में से दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-कोलकाता को कवच से लैस प्राथमिकता के आधार पर करेगा. कवच का अगला वर्जन 4.O आने के बाद मुंबई-चेन्नई व चेन्नई-कोलकाता रूट पर भी कवच लगाने का फैसला लिया गया है. इस तरह चारों रूटों को मिलाकर करीब 9 हजार किमी. लंबे ट्रैक को कचव से लैस कर दिया जाएगा. साल करीब 4 हजार किमी. ट्रैक पर कवच लगाने का टारगेट रखा गया. इस तरह अगले कुछ सालों में चारों रूटों को कचव से लैस कर दिया जाएगा.
Location :
New Delhi,Delhi