Last Updated:December 22, 2025, 14:55 IST
Herald Case: नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कानूनी मुश्किलें अभी खत्म होती नजर नहीं आ रही हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की उस याचिका पर सोनिया गांधी, राहुल गांधी सहित सभी आरोपी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है, जिसमें ईडी ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी है.
नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नोटिस जारी किया है.नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कानूनी मुश्किलें अभी खत्म होती नजर नहीं आ रही हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की उस याचिका पर सोनिया गांधी, राहुल गांधी सहित सभी आरोपी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है, जिसमें ईडी ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी है.
इस मामले की सुनवाई जस्टिस रविंद्र दुडेजा की अदालत में हुई. कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस जारी करते हुए मामले की अगली सुनवाई 7 मार्च 2026 के लिए तय कर दी है.
ट्रायल कोर्ट के फैसले को ईडी ने दी चुनौती
दरअसल, ईडी ने ट्रायल कोर्ट की तरफ से संज्ञान लेने से इनकार करने वाले आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. ईडी का कहना है कि निचली अदालत ने कानून की सही व्याख्या नहीं की और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े तथ्यों को नजरअंदाज किया.
सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत में पक्ष रखा, जबकि गांधी परिवार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए.
तुषार मेहता ने क्या दी दलील?
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत में दलील दी कि निजी शिकायत पर लिया गया संज्ञान, एफआईआर की तुलना में कहीं अधिक मजबूत कानूनी आधार पर टिका होता है. उन्होंने कहा कि जिस शेड्यूल्ड अपराध के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बना है, उस पर संज्ञान सुप्रीम कोर्ट तक कायम है और ऐसे में ट्रायल कोर्ट का संज्ञान से इनकार करना एक कानूनी चूक है.
ईडी का यह भी कहना है कि नेशनल हेराल्ड मामले में प्रथम दृष्टया मनी लॉन्ड्रिंग के पर्याप्त आधार मौजूद हैं, जिन्हें निचली अदालत ने सही ढंग से नहीं परखा.
क्या है आगे की तस्वीर?
दिल्ली हाईकोर्ट की तरफ से नोटिस जारी किए जाने के बाद अब सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य प्रतिवादियों को ईडी की याचिका पर अपना जवाब दाखिल करना होगा. इसके बाद ही अदालत तय करेगी कि ट्रायल कोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप किया जाए या नहीं.
कुल मिलाकर, हाईकोर्ट के इस आदेश से साफ है कि नेशनल हेराल्ड केस में गांधी परिवार की कानूनी लड़ाई अभी जारी रहेगी और यह मामला आने वाले समय में एक बार फिर सियासी और कानूनी हलकों में चर्चा का केंद्र बना रहेगा.
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An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
December 22, 2025, 14:52 IST

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