Last Updated:May 15, 2025, 11:06 IST
Indus Water Treaty: पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को कई मोर्चे पर घेरा है. खासकर सिंधु जल समझौते को निलंबित कर भारत ने पाकिस्तान को करारी चोट पहुंचाई है. अब आतंकियों को पनाह देने वाला पड़ो...और पढ़ें

सिंधु जल समझौता को निलंबित करने के बाद से पाकिस्तान बिलबिलाया हुआ है.
हाइलाइट्स
सिंधु जल समझौते पर भारत से बातचीत को तैयार हुआ पाकिस्तानचिट्ठी लिखकर भारत से की खास अपील, क्या नई दिल्ली होगा तैयारपहलगाम टेरर अटैक के बाद भारत ने IWT को ठंडे बस्ते में डाला हैनई दिल्ली. पहलगाम में हिन्दू पर्यटकों के नरसंहार के बाद भारत ने आतंकियों के पनाहगाह पाकिस्तान को भी कड़ा सबक सिखाया है. बर्बर आतंकी हमले के बाद भारत ने पहले डिप्लोमेटिक अटैक किया और उसके बाद एयर स्ट्राइक कर जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के ठिकानों को तबाह कर दिया. पाकिस्तान ने भारत के मिलिट्री और एयरबेस को टारगेट करने की जुर्रत की थी. भारत ने पलटवार करते हुए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के 11 एयरबेस को तबाह कर दिया, जिसके बाद घुटनों पर आया पाकिस्तान सीजफायर और डी-एस्कलेशन के लिए तैयार हो गया. अब सिंधु जल समझौते पर भी पाकिस्तान घुटनों पर आ गया है. पड़ोसी देश ने पत्र लिखकर इंडस वाटर ट्रिटी को निलंबित करने के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है. साथ ही शुरुआत में ऐंठ दिखाने वाला पाकिस्तान अब रेंगने लगा है और सिंधु जल समझौते पर डिस्प्यूट मैकेनिज्म क्या हो, इसपर बातचीत के लिए तैयार हो गया है. बता दें कि भारत पहले से ही इस समझौते की समीक्षा करने की मांग करता रहा है.
सिंधु जल समझौते के तहत 6 नदियों के पानी के बंटवारे की व्यवस्था की गई है. तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान की तरफ से अयूब खान ने करार पर हस्ताक्षर किए थे. इस समझौते के तहत दोनों देशों के बीच ब्यास, रावी, सतलज, सिंधु, चेनाब और झेलम नदियों के पानी के बंटवारे का प्रावधान किया गया है. साल 1960 में वर्ल्ड बैंक की अगुआई में इस करार पर सहमति बन सकी थी. पहलगाम हमले के बाद भारत ने इस समझौते को निलंबित कर दिया गया था. करार के तहत पाकिस्तान को सिंधु, चेनाब और झेलम नदियों का पानी मिलता है. इसपर पाकिस्तान की बड़ी आबादी निर्भर करती है. खेतीबारी के लिए भी इन नदियों का पानी काफी अहम है. ये नदियां पड़ोसी देश के लिए लाइफलाइन हैं, ऐसे में इसका पानी न मिलने से पाकिस्तान में त्राहिमाम की स्थिति है.
क्या है डिस्प्यूट मैकेनिज्म?
दरअसल, सिंधु जल समझौते के तहत पाकिस्तान के हिस्से में ज्यादा पानी जा रहा है. इसे देखते हुए भारत लंबे समय से इस समझौते पर फिर से विचार करने की मांग करता रहा है, पर पाकिस्तान इसके लिए तैयार नहीं हुआ. पहलगाम टेरर अटैक के बाद भारत ने इस समझौते को ही निलंबित कर दिया, जिसके बाद इसके प्रावधान को मानना जरूरी नहीं रह गया. उधर, पानी रोके जाने से पाकिस्तान में त्राहिमाम मच गया. अब पड़ोसी देश पर गंभीर जल संकट का खतरा मंडराने लगा है, ऐसे में पाकिस्तान एक बार फिर से घुटनों पर आ गया है. अब वह इंडस वाटर ट्रिटी के डिस्प्यूट मैकेनिज्म क्या और कैसा हो उसपर भी विचार करने के लिए तैयार हो गया है. इस तरह इस्लामाबाद ने नई दिल्ली की शर्त पर बातचीत को तैयार हो गया. सिंधु जल समझौते में दोबारा विचार (समीक्षा) या संशोधन के लिए सीधे तौर पर कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन समझौते के अनुच्छेद XII(3) में संशोधन की संभावना का उल्लेख है. इसके अलावा, कुछ विशिष्ट प्रावधान और मैकेनिज्म हैं, ताकि तकनीकी मुद्दों का समाधान निकाला जा सके. आर्टिकल XII(3) के अनुसार, दोनों देशों (भारत और पाकिस्तान) की सहमति से संधि में संशोधन या बदलाव किया जा सकता है.
बदवाल या समीक्षा का तरीका
सिंधु जल समझौते में संशोधन के लिए औपचारिक प्रक्रिया शुरू करने के लिए एक पक्ष को दूसरे पक्ष को नोटिस भेजना होता है, जिसमें संशोधन की आवश्यकता और कारणों का उल्लेख हो. उदाहरण के लिए, भारत ने 30 अगस्त 2024 को पाकिस्तान को अनुच्छेद XII(3) के तहत नोटिस भेजकर संधि की समीक्षा और संशोधन की मांग की थी, जिसमें जनसंख्या वृद्धि, स्वच्छ ऊर्जा की आवश्यकता और जलवायु परिवर्तन जैसे कारणों का हवाला दिया गया था. हालांकि, पाकिस्तान इसके लिए तैयार नहीं हुआ था. संशोधन के लिए दोनों पक्षों के बीच बातचीत और सहमति अनिवार्य है, ऐसे में पाकिस्तान के इनकार से मामला जहां का तहां रह गया.
पाकिस्तान की चिट्ठी
पहलगाम आतंकी हमले के बाद ‘सिंधु जल संधि’ को खत्म करने से पाकिस्तान बुरी तरह बौखला गया है. पाकिस्तान ने भारत से ‘सिंधु जल संधि’ को लेकर उठाए गए अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है. पाकिस्तान ने भावी जल संकट को देखते हुए भारत से मदद की गुहार लगाई है. पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय ने भारत के जल शक्ति मंत्रालय को इस संबंध में एक पत्र भी लिखा है. उन्होंने कहा कि इस फैसले से पाकिस्तान में संकट खड़ा हो जाएगा. पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जल संसाधन सचिव सैयद अली मुर्तजा ने बुधवार को भारत के जल संसाधन सचिव को पत्र लिखकर कहा कि सिंधु जल संधि में कहीं भी इसे निलंबित करने की बात का समर्थन नहीं है. सूत्रों के अनुसार, नियम के मुताबिक पाकिस्तान द्वारा लिखा गया यह पत्र विदेश मंत्रालय भेज दिया गया है.
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