Last Updated:May 09, 2025, 19:27 IST
HUNTING OF PAK DRONE: एयर डिफेंस गन की खासियत यह है कि उसका रेट ऑफ फायर जबरदस्त होता है. उसे मैनुअल, सेमी ऑटोमैटिक और रडार बेस्ड फुल ऑटोमैटिक तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है. आसानी से किसी भी कम ऊंचाई पर उड़न...और पढ़ें

भारतीय एयर डिफेंस गन खूब गरजी
HUNTING OF PAK DRONE: पाकिस्तान ने भारत पर हमले का भरसक प्रयास किया. एक रात में 300 से 400 ड्रोन भारत भेज दिए. भारतीय सेना के एयर डिफेंस गन ने उन ड्रोन को भारतीय सीमा में घुसते ही नष्ट कर दिया. शाम तकरीबन 8 बजे से पाक ड्रोन के आने का सिलसिला शुरू हुआ जो रात 11:30 बजे तक चला. इस पूरी कार्रवाई के दौरान भारतीय सेना के एयर डिफेंस गन ने चुन-चुन कर पाकिस्तान के ड्रोन को मार गिराया. कैमरे से लैस ये ड्रोन भारतीय सीमा में एयर डिफेंस सिस्टम की लोकेशन और जासूसी के मकसद से भेजे गए थे. भारतीय सेना के L-70, ZU-23mm और शिल्का सिस्टम ने इन्हें मार गिराया.
एयर डिफेंस गन की ताकत L-70 अपग्रेड
1971 की जंग के तुरंत बाद भारत ने स्वीडन से L-70 एयर डिफेंस गन खरीदी थी. इसके रेट ऑफ फायर की बात करें तो यह एक मिनट में 300 राउंड फायर करती है और इसका राउंड लगभग 1000 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से टार्गेट की तरफ बढ़ता है. इसकी रेंज 3 से 4 किलोमीटर है और इसे रडार के जरिए भी ऑपरेट किया जा सकता है. भारतीय सेना के पास L-70 की 50 से ज्यादा रेजिमेंट हैं और हर रेजिमेंट में 35 से ज्यादा गन हैं. हाल ही में इन गन को आज की तकनीक जैसे कि दिन और रात दोनों समय ऑपरेट करने के लिए हाई रिजॉल्यूशन सेंसर, कैमरे और रडार सिस्टम से अपग्रेड किया गया है. यह पूरी लद्दाख से पूर्वोत्तर सहित पाकिस्तान के मोर्चे पर भी तैनात किया गया है.
ZU-23mm गन ने खूब साधा निशाना
ZU-23 रूसी गन है जो 80 के दशक की शुरुआत में रूस से ली गई थी. यह एक डबल बैरल गन है. हर बैरल से 1600 से 2000 राउंड प्रति मिनट फायर कर सकती है. यानी एक गन 4000 राउंड फायर कर सकती है. यह गन मैनुअल इस्तेमाल की जाती है. 2 से 2.5 किलोमीटर में आने वाले किसी भी संभावित टार्गेट को छलनी कर देती है. इसकी लगभग एक दर्जन रेजिमेंट हैं और हर रेजिमेंट में 24 गन हैं. यह एक लाइट गन है तो इसे खींच कर भी ले जाया जा सकता है. इसके पार्ट को अलग-अलग कर के 5-6 सैनिक किसी भी जगह पर तैनात कर सकते हैं. सियाचिन और हाई ऑलटिट्यूड एरिया में इनकी तैनाती है.
शिल्का एक मिनट में दागता है 8000 राउंड
शिल्का ZU-23mm का ही दूसरा रूप है. इस सिस्टम में ZU-23mm ट्रैक गाड़ी पर माउंट किया गया है. हर वेहिकल में 2 ZU-23mm गन हैं यानी कि यह सिस्टम एक मिनट में 8000 राउंड फायर कर सकती है. चूँकि यह ट्रैक्ड गन सिस्टम है तो इसका इस्तेमाल किसी भी तरह के इलाकों में आसानी से किया जा सकता है. आम तौर पर जब भी टैंक का मूवमेंट होता है तो यह हर रेजिमेंट के साथ मूव करती है और दुश्मन के एरियल अटैक से अपने टैंकों की सुरक्षा करती है. भारतीय सेना के पास 8 के करीब रेजिमेंट हैं.
तंगुष्का गन सिस्टम से दागी जाती है मिसाइल
इस सिस्टम की खास बात यह है कि इसमें एयर डिफेंस गन के साथ-साथ मिसाइल भी होती है. 90 के दशक में इसे रूस से खरीदा गया था. इसकी मिसाइल 8 किलोमीटर तक किसी भी एरियल टार्गेट को एंगेज करती है. इसकी गन 3.5 किलोमीटर तक मार करती है. यह गन ही भारतीय एयर डिफेंस गन सिस्टम में सबसे लेटेस्ट है.
भारतीय सेना ने कर दिए अपने एयर डिफेंस गन अपडेट
भारत ने अपने खतरों को भांपते हुए एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम के अलावा शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस गन के अलग-अलग वेरिएंट को शामिल किया हुआ है. 90 के दशक के बाद से कोई नया एयर डिफेंस या कहें एंटी एयरक्राफ्ट गन की खरीद नहीं की है. जितनी भी पुरानी गन हैं, उन्हें समय के साथ अपग्रेड जरूर किया है. यह तीनों एयर डिफेंस सिस्टम को नई तकनीक के साथ अपग्रेड किया गया है. यही वजह है कि रात के अंधेरे में भी पाकिस्तानी ड्रोन अटैक को नाकाम कर दिया गया.