Last Updated:May 10, 2025, 01:33 IST
Amit Shah on India Pakistan War: पाकिस्तान के ड्रोन अटैक के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों को सिविल डिफेंस एक्ट 1968 की धारा 11 के तहत इमरजेंसी पावर का उपयोग करने के निर्देश दिए हैं. माना जा रहा है कि स...और पढ़ें

भारत की तरफ से तैयारी को मजबूत किया जा रहा है. (File Photo)
Amit Shah on India Pakistan War: पाकिस्तान की तरफ से ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में किए जा रहे ड्रोन अटैक के बाद अमित शाह की तरफ से सभी राज्यों से संपर्क किया गया है. गृह मंत्री ने राज्यों को सिविल डिफेंस एक्ट 1968 की धारा 11 के तरत अपनी इमरजेंसी पावर का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है. यह धारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इमरजेंसी की स्थिति में कुछ वक्त के लिए असीमित अधिकार प्रदान करती है। ऐसे ऐसे संकेत भी मिल रहे हैं कि भारत सरकार पाकिस्तान के खिलाफ कुछ बड़ा प्लान कर रही है.
सिविल डिफेंस एक्ट, 1968 भारत की आंतरिक सुरक्षा और सिविल रजिस्टेंस कैपेबिल्टी यानी नागरिक प्रतिरोध क्षमता को सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया एक व्यापक कानून है. इसकी धारा 11 राज्य सरकारों को युद्ध, हमले या आपदा की स्थिति में संवेदनशील सेवाओं को बनाए रखने और आम जनता की सुरक्षा के लिए तुरंत कदम उठाने की अनुमति देती है. यह कानून राज्य सरकार को असाधारण अधिकार देता है, जैसे:
• बेहद जरूरी उपकरणों की इमरजेंसी खरीद,
• रोशनी और आवाजाही को नियंत्रित करने के निर्देश,
• नागरिकों की सुरक्षा के लिए राहत केंद्र स्थापित करना,
• निजी संपत्तियों का अस्थायी अधिग्रहण,
• अहम सेवाएं जैसे पानी, कम्यूनिकेशन और हेल्थ को सक्रिय बनाए रखना.
क्यों राज्यों को दी गई ये स्पेशल पावर?
पहलगाम में 26 पर्यटकों की हत्या के बाद इंडियन आर्मी ने पाकिस्तान में घुसकर ऑपरेशन सिंदूर के तहत कार्रवाई की. पाकिस्तान की ओर से जवाबी हमले के बाद यह कदम उठाया जा रहा है. भारत द्वारा इस अधिनियम का उपयोग यह संकेत देता है कि सरकार केवल सैन्य प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर बड़े स्तर पर कार्रवाई कर रही है. इसके तहत राज्य स्तरों पर जवाबदेही. ब्यूरोक्रेसी को रूटीन मोड से बाहर निकालकर वॉर मोड में डालने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. साथ ही यह कदम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी एक संदेश है कि भारत न केवल हमलों को रोक सकता है बल्कि अपने नागरिकों और मूलभूत ढांचे की रक्षा के लिए सभी संस्थागत क्षमता का उपयोग कर सकता है.
भारत हर स्थिति से निपटने को है तैयार
इस आदेश का उद्देश्य लोगों में डर पैदा करना नहीं बल्कि समय रहते तैयारियां सुनिश्चित करना है. यह सैन्य दृष्टिकोण से कम और प्रशासनिक क्षमता निर्माण की दिशा में एक कदम अधिक है. यह कदम स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है. इसके साथ ही भारत का संदेश स्पष्ट हैं. भारत सरकार नैतिक, सैन्य और प्रशासनिक तीनों स्तरों पर एक्टिव है. धारा 11 का प्रयोग करना एक सामान्य प्रक्रिया नहीं है. यह केवल तभी किया जाता है जब सरकार को लगता है कि सिर्फ सीमाओं पर सुरक्षा पर्याप्त नहीं बल्कि आंतरिक रूप से भी तैयारी आवश्यक है. इस समय भारत की रणनीति सिर्फ प्रतिक्रिया देने की नहीं, बल्कि सुरक्षा की है.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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