Last Updated:September 02, 2025, 19:59 IST
Delhi High Court News: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली दंगे मामले के आरोपी शरजील इमाम और उमर खालिद समेत नौ आरोपियों को जमानत याचिका को मंगलवार को खारिज कर दिया है. इससे पहले दिल्ली की निचली अदालत ने सभी आरोपियों की ज...और पढ़ें

नई दिल्ली. दिल्ली दंगों के मामले में 5 साल से जेल में बंद उमर खालिद, शरजील इमाम और 7 अन्य आरोपियों को दिल्ली हाईकोर्ट से भी झटका लगा जब अदालत ने सभी आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया. दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस शलिंदर कौर की एक डिवीजन बेंच ने यह फैसला सुनाया है. दिल्ली दंगा मामले में अन्य आरोपियों में अतर खान, खालिद सैफी, मोहम्मद सलीम खान, शिफा उर रहमान, मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा और शादाब अहमद शामिल हैं.
किसने क्या दलील दी?
निचली अदालत के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए उमर खालिद की ओर पेश सीनियर एडवोकेट त्रिदीप ने दलील दी कि केवल व्हाट्सएप ग्रुप में होने से और बिना कोई संदेश भेजे कोई अपराध नहीं होता. उन्होंने कहा कि यह भी दलील दी कि खालिद से रुपये या किसी अन्य चीज की कोई बरामदगी नहीं हुई. साल 23-24 फरवरी 2020 की रात को कथित गुप्त बैठक बिल्कुल भी गुप्त नहीं थी जैसा कि अभियोजन पक्ष ने दावा किया है.
खालिद के वकील की दलील
आरोपी खालिद सैफी की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट रेबेका जॉन ने दलील दी कि सिर्फ मैसेजों के आधार पर अभियोजन पक्ष ने पूरी कहानी बनाई है और उसी आधार पर मुझ पर UAPA लगाया है जिसके आधार पर जमानत देने से इनकार नहीं किया जा सकता है. उन्होंने दलील दी कि क्या यह मुझे UAPA के तहत अभियोजन पक्ष का आधार भी बन सकता है? रेबेका जॉन ने आगे दलील दी कि खालिद सैफी को तीन सह-आरोपियों के साथ समानता के आधार पर जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए, जिन्हें जून 2021 में जमानत पर रिहा किया गया था.
शरजील इमाम ने दी क्या दलील?
शरजील इमाम ने हाईकोर्ट में दलील दी कि वह सभी सह-आरोपियों से पूरी तरह से अलग है और किसी भी प्रकार की साजिश या साजिश बैठकों का हिस्सा नहीं लिया, जैसा दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया है. शरजील के वकील तालिब मुस्तफा ने दलील दी कि अभियोजन पक्ष द्वारा दंगों में शरजील इमाम की भूमिका 23 जनवरी 2020 तक बताई गई है और दिल्ली पुलिस द्वारा बिहार में उसके द्वारा दिया गया भाषण को आधार बनाया गया.
दिल्ली पुलिस ने दी क्या दलील?
दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश हुए एसजीआई तुषार मेहता ने जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा कि यदि आप राष्ट्र के खिलाफ कुछ कर रहे हैं, तो आपको तब तक जेल में रहना चाहिए, जब तक कि आप बरी या दोषी नहीं हो जाते. मेहता ने कहा कि आरोपियों का इरादा एक विशेष दिन चुनकर दंगे करना और अधिक आगजनी के जरिए देश को वैश्विक स्तर पर बदनाम करना था.
आरोपी का नाम | गिरफ्तारी की तारीख |
शरजील इमाम | 28 जनवरी, 2020 |
उमर खालिद | 13 सितंबर, 2020 |
अतर खान | 29 जून, 2020 |
खालिद सैफी | 26 फरवरी, 2020 |
मोहम्मद सलीम खान | 24 जून, 2020 |
शिफा उर रहमान | 26 अप्रैल, 2020 |
मीरान हैदर | 01 अप्रैल, 2020 |
गुलफिशा फातिमा | 04 अप्रैल, 2020 |
शादाब अहमद | 11 जून, 2020 |
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
Location :
Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
September 02, 2025, 19:54 IST