Last Updated:December 13, 2025, 12:25 IST
Kerala Local Body Election Result : केरल लोकल बॉडी इलेक्शन के नतीजे आ गए. मतदाता सूची में अपना नाम पुनः शामिल कराने के लिए केरल उच्च न्यायालय का रुख करने वाली कांग्रेस उम्मीदवार वैश्ना एस एल ने तिरुवनंतपुरम नगर निगम के मुत्तदा मंडल से स्थानीय निकाय चुनाव में शनिवार को 300 से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की.
मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए अदालत का रुख करने वाली कांग्रेस उम्मीदवार जीतीKerala Local Body Election Result : केरल लोकल बॉडी इलेक्शन के रिजल्ट आ रहे हैं. केरल में एक ऐसी महिला कैंडिडेट ने जीत हासिल की है, जिसका चुनाव आयोग ने कभी वोटर लिस्ट से नाम ही हटा दिया था. मगर उस कैंडिडेट ने हार नहीं मानी. उसने केरल हाईकोर्ट तक अपनी लड़ाई लड़ी और आखिरकार अब चुनाव में जीत हासिल कर ली है. जी हां, उस कैंडिडेट का नाम है वैश्ना सुरेश. वैश्ना सुरेश ने केरल निकाय चुनाव में जीत हासिल कर हलचल मचा दी है. कांग्रेस की युवा नेता वैश्ना सुरेश ने लोकल बॉडी इलेक्शन में शानदार जीत दर्ज की है. उनकी उम्र 32 साल है और वह मूल रूप से थिरुवनंतपुरम की रहने वाली हैं. उन्होंने यूडीएफ यानी संयुक्त डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) की ओर से थिरुवनंतपुरम कॉर्पोरेशन के मुट्टाडा वार्ड से चुनाव लड़ा और सीपीएम की मजबूत सीट को छीन ली. शनिवार को आए केरल निकाय चुनाव रिजल्ट में उन्होंने करीब 300 से अधिक वोटों के अंतर से सीपीएम कैंडिडेट को हराया.
केरल लोकल बॉडी इलेक्शन रिजल्ट में जीत के बाद वैश्ना एस एल ने संवाददाताओं से कहा कि यह ‘लोकतंत्र की जीत’ है और कांग्रेस ने पहले ही कहा था कि ‘सच की ही जीत होगी.’ उन्होंने कहा, ‘यह हमारे लिए गर्व और खुशी का अवसर है. लोग जानते हैं कि हमने कितनी मेहनत की है.’ वैश्ना ने उनका नाम मतदाता सूची से हटाने से संबंधित राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) का नोटिस मिलने के बाद केरल उच्च न्यायालय का रुख किया था. इसके बाद उच्च न्यायालय ने एसईसी को उनके दावे की पुनः समीक्षा करने का निर्देश दिया.इसके अनुरूप एसईसी ने सुनवाई की और उनका नाम मतदाता सूची में बहाल कर दिया. कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि वैश्ना का नाम मतदाता सूची से हटाने के पीछे वाम लोकतांत्रिक मोर्चा की साजिश थी.
क्यों कांग्रेस कैंडिडेट वैश्ना की यह जीत है खास?
उनकी यह जीत न केवल राजनीतिक बल्कि कानूनी लड़ाई की भी जीत है. कारण कि चुनाव से ठीक पहले उनका नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया था. मगर उन्होंने हार नहीं मानी. वह हाईकोर्ट पहुंच गईं. इसके बाद हाईकोर्ट ने वैश्ना सुरेश के पक्ष में फैसला दिया और तब जाकर राज्य चुनाव आयोग (SEC) ने उनके वोटर लिस्ट को फिर से बहाल किया. यानी कोर्ट के दखल के बाद ही उनका नाम वापस बहाल हो पाया.
कौन हैं वैश्ना सुरेश?
वैश्ना सुरेश पेशे से एक सामाजिक कार्यकर्ता और कांग्रेस की सक्रिय सदस्य हैं. ग्राउंड पर उनकी अच्छी खासी पकड़ है. उन्होंने राजनीति में प्रवेश युवा कांग्रेस के माध्यम से किया और स्थानीय मुद्दों जैसे पर्यावरण संरक्षण, महिला सशक्तिकरण और शहरी विकास पर फोकस किया है.
सीपीएम के कब्जे से छीन ली जीत
मुट्टाडा वार्ड थिरुवनंतपुरम का एक प्रमुख आवासीय इलाका है. यह पिछले कई वर्षों से सीपीएम के कब्जे में था. वेश्ना सुरेश को यूडीएफ ने यहां से टिकट दिया और आज नतीजे सबके सामने है. हालांकि, जैसे ही मुट्टाडा सीट से उनकी दावेदारी सामने आई, उनके साथ एक विवाद जुड़ गया. जी हां, यह विवाद था कि उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया. यह विवाद नवंबर 2025 की शुरुआत में शुरू हुआ. वेश्ना सुरेश का नाम सप्लीमेंटरी वोटर लिस्ट में शामिल था, जो 29 सितंबर को जारी ड्राफ्ट लिस्ट का हिस्सा था. मगर सीपीएम की ओर से एक शिकायत आई, जिसमें आरोप लगाया गया कि वेश्ना सुरेश का नाम अनियमित तरीके से जोड़ा गया है. इसके बाद सीपीएम की शिकायत पर चुनाव आयोग ने एक्शन लिया और मिड नवंबर में वेश्ना सुरेश का नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया.
कैसे वोटर लिस्ट में नाम जुड़ा?
इस तरह वह चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो गईं, कारण कि उम्मीदवार का नाम मतदाता सूची में होना अनिवार्य है. कांग्रेस ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया. वेश्ना सुरेश ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ सीपीएम ने विरोधी कैंडिडेट को बाहर करने के लिए दबाव बनाया. वेश्ना सुरेश ने बताया कि उनका परिवार वर्षों से मुट्टाडा में रहता है और नाम हटाने की प्रक्रिया में उचित सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद उन्होंने केरल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. 17-18 नवंबर को कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को फटकार लगाई और कहा कि नाम हटाने की प्रक्रिया अनुचित है. कोर्ट ने नाम बहला करने का फैसला लिया. आखिरकार राज्य चुनाव आयोग ने वेश्ना सुरेश का नाम बहाल कर दिया.
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First Published :
December 13, 2025, 12:20 IST

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