भारत में कई मुख्यमंत्री अजीबोगरीब आदतों वाले रहे हैं. ऐसे ही एक पुरुष मुख्यमंत्री ऐसे थे जिन्होंने धार्मिक फिल्में करके सुपर स्टार की इमेज बनाई थी. वह रोज रात में औरतों के कपड़े पहन लेते थे. इसकी एक खास वजह थी. पहले तो ये बात दबीछिपी रही लेकिन फिर फैलने लगी. इन्होंने 70 साल की उम्र में जब दूसरी शादी की तो हंगामा ही हो गया. इनकी एक और अजीब आदत ये भी थी कि सुबह उठते ही भरपेट खाना खा लेते थे.
इन मुख्यमंत्री का नाम एनटी रामाराव था, यानि नंदमुरी तारक रामाराव यानि एनटीआर. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडु उन्हीं के दामाद हैं. एनटीआर की कुछ आदतें बहुत अजीबोगरीब थी.
एक बार रात में कोई उनसे मिलने आय़ा तो देखा कि वो ब्लाउज, साड़ी पहने हुए हैं. उसे ये देखकर बहुत हैरानी हुई. बाद में जब ये बात फैलने लगी तो उन्हें इसकी सफाई देनी पड़ी. कुछ नेता तो उनकी इस आदत पर मजाक बनाकर हंसते थे.
क्या थी औरतों के कपड़े पहनने की वजह
बाद में इसकी जो वजह निकलकर आई वो ये था कि किसी ज्योतिषी ने एनटीआर को बता दिया था कि अगर वह रोज रात में औरतों के कपड़े पहनेंगे तो उनका प्रधानमंत्री बनने के प्रबल अवसर रहेंगे. हालांकि ऐसा हो तो नहीं पाया लेकिन उनकी ये आदत पूरे देश के सियासी हलकों में चर्चा का विषय जरूर बन गई. इस बारे में एक दो बड़े नेताओं ने अखबार में भी लिख डाला.
सार्वजनिक तौर पर भगवा वस्त्र पहनते थे
वैसे रामाराव पहले ऐसे मुख्यमंत्री भी थे, जो भगवा रंग के संन्यासी जैसे कपड़े पहनकर ही मुख्यमंत्री कार्यालय में आते थे. रैलियों में भी वह इसी वेषभूषा में होते थे. उन्होंने पहली बार अपने चुनाव प्रचार के लिए एक बड़े वाहन को रथ में बदल दिया. इससे पहले किसी नेता ने ऐसा नहीं किया था. वह पहले साउथ के जाने माने फिल्म स्टार थे. उसके बाद उन्होंने अपनी क्षेत्रीय पार्टी बनाई. चुनाव लड़ा. जीते और मुख्यमंत्री बने.
वह सुबह जल्दी उठते ही भरपेट भोजन करते थे
एनटीआर की आदत थी कि वे दुनिया के ज्यादातर लोगों से तीन घंटे पहले यानी बहुत सुबह उठ जाते थे. सूरज उगने से पहले वे भरपेट भोजन कर लेते थे. उनकी पहली पत्नी, बासव तारकम, उनकी इस आदत के अनुसार अपनी घड़ी सेट करती थीं. उनके आराम का ध्यान रखने के लिए उनसे पहले उठती थीं. यह सिलसिला तब तक चला, जब तक उनकी पत्नी की मृत्यु नहीं हो गई.
पहली पत्नी मामा की बेटी थीं
एनटीआर ने अपनी पहली पत्नी बासव तारकम से 1942 में शादी की थी, जो उनकी मामा की बेटी थीं. इस शादी से उनके 12 बच्चे थे (8 बेटे और 4 बेटियां). बासव के निधन के बाद, एनटीआर कई वर्षों तक अकेले रहे.
बचपन में दूध बेचने का काम किया
एनटीआर अपने जीवन में अनुशासन और सादगी के लिए जाने जाते थे. उनकी आर्थिक स्थिति बचपन में कमजोर होने के बावजूद, वे पढ़ाई के साथ-साथ दूध बेचने जैसे काम करते थे. यह उनकी मेहनत और आत्मनिर्भरता को दर्शाता है, जो उस समय के लिए असामान्य हो सकता था.
70 की उम्र में दूसरी शादी
नंदमूरी तारक रामाराव (एनटीआर) ने अपनी दूसरी शादी 1993 में लक्ष्मी पार्वती के साथ की. पहली पत्नी बासव तारकम का 1985 में निधन हो गया था।. जब उन्होंने पहली पत्नी के निधन के आठ साल बाद दूसरी शादी की,तब उनकी उम्र 70 साल हो रही थी. दूसरी पत्नी लक्ष्मी पार्वती एक तेलुगु लेखिका थीं, उनसे काफी छोटी थीं.
कैसे हुई लक्ष्मी पार्वती से मुलाकात
लक्ष्मी पार्वती एक तलाकशुदा लेखिका थीं, जो एनटीआर की जीवनी लिखने के लिए उनके करीब आई थीं. इस दौरान दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं. कुछ स्रोतों के अनुसार, लक्ष्मी पार्वती ने एनटीआर के जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान ले लिया, खासकर उनके बुढ़ापे में, जब वह अपने परिवार से कुछ हद तक अलग-थलग हो गए.
इस शादी ने एनटीआर के परिवार और उनकी तेलुगु देशम पार्टी (TDP) में विवाद पैदा कर दिया. उनके दामाद चंद्रबाबू नायडू और अन्य पारिवारिक सदस्यों ने लक्ष्मी पार्वती के प्रभाव को लेकर आपत्ति जताई. विवाद इतना बढ़ा कि 1995 में चंद्रबाबू नायडू ने पार्टी में विद्रोह कर दिया. एनटीआर को मुख्यमंत्री पद और पार्टी अध्यक्ष पद से हटा दिया.
क्या उन्हें प्रेम हो गया था?
इस सवाल का जवाब स्पष्ट रूप से देना मुश्किल है, क्योंकि एनटीआर और लक्ष्मी पार्वती के रिश्ते के बारे में अलग-अलग दावे हैं.कुछ स्रोत संकेत देते हैं कि लक्ष्मी पार्वती ने एनटीआर के जीवन में एक महत्वपूर्ण भावनात्मक स्थान भरा, खासकर तब जब वे अपने परिवार से कटे हुए महसूस कर रहे थे.
दूसरी ओर, कुछ लोग इसे एक रणनीतिक या भावनात्मक निर्भरता के रूप में देखते हैं, क्योंकि लक्ष्मी पार्वती उनके जीवन में उस समय आईं जब एनटीआर अकेलेपन और राजनीतिक चुनौतियों का सामना कर रहे थे. इस बात का कोई ठोस सबूत नहीं है कि यह शादी विशुद्ध रूप से प्रेम पर आधारित थी या अन्य कारणों से हुई.