वह खुफिया एजेंसी, जिसके बिना तहव्वुर राणा को अरेस्ट न कर पाता US, जानिए कैसे?

4 weeks ago

Last Updated:April 14, 2025, 06:55 IST

Tahawwur Rana News: मुंबई अटैक का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित किया गया है. वह भले अभी भारत की कैद में है, मगर इसमें ब्रिटेन का बड़ा हाथ है. जी हां, ब्रिटिश खुफिया एजेंसी MI5 की मदद से ही ...और पढ़ें

वह खुफिया एजेंसी, जिसके बिना तहव्वुर राणा को अरेस्ट न कर पाता US, जानिए कैसे?

तहव्वुर राणा को अमेरिका ने पिछले सप्ताह भारत को सौंपा.

हाइलाइट्स

तहव्वुर राणा भारत की कैद में है.MI5 की मदद से 2009 में राणा और हेडली गिरफ्तार हुए.राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित किया गया.

Mumbai Attack: मुंबई अटैक का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा अभी भारत की कैद में है. उससे एनआईए 26/11 अटैक का राज उगलवा रही है. उसे पिछले सप्ताह ही अमेरिका से प्रत्यर्पित कर लाया गया है. सबको पता है कि आतंकी तहव्वुर राणा अमेरिका की कैद में था. डेविड हेडली अब भी अमेरिका में ही है. मगर बहुत कम को ही पता है कि उसकी गिरफ्तारी में ब्रिटेन का बहुत बड़ा हाथ है. वह ब्रिटेन और उसकी खुफिया एजेंसी ही थी, जिसकी मदद से समय रहते अमेरिका तहव्वुर राणा और उसके बचपन के दोस्त आतंकी डेविड हेडली को गिरफ्तार कर पाया था. जी हां, उस ब्रिटिश खुफिया एजेंसी का नाम है एमआई5.

दरअसल, ब्रिटिश खुफिया एजेंसी MI5 ने समय रहते अपने अमेरिकी समकक्षों को एक अहम सूचना दी थी. इसकी वजह से ही 2009 में डेविड कोलमैन हेडली और तहव्वुर राणा की गिरफ्तारी हो पाई थी. एचटी की रिपोर्ट में इसका दावा किया गया है. अधिकारियों की मानें तो जुलाई 2009 में ब्रिटिश खुफिया एजेंसी एमआई 5 यानी MI5 के अधिकारियों ने अमेरिका के साथ खुफिया जानकारी साझा की थी. इसमें पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक डेविड हेडली की संदिग्ध आतंकी गतिविधियों के बारे में बताया गया था. इसके तीन महीने बाद 3 अक्टूबर 2009 को हेडली को शिकागो में गिरफ्तार कर लिया गया. उसके 15 दिन बाद आतंकी राणा को भी दबोच लिया गया.

जुलाई 2009 में जब हेडली यूनाइटेड किंगडम की यात्रा पर गया था, तब डेनमार्क में एक अखबार के परिसर पर नियोजित हमले से संबंधित उसकी आतंकी गतिविधियों के बारे में MI5 को पता चला था. इस यात्रा के दौरान आतंकी हेडली ने कथित तौर पर दो संपर्कों से मुलाकात की थी. बताया जाता है कि वह इनकी मदद से कोपेनहेगन और आर्फस में डेनिश अखबार मोर्गनविसेन ज्यूलैंड्स-पोस्टेन के दफ्तरों पर आतंकी हमला करना चाहता था. इस हमले का मकसद अखबार के संपादक, एक कार्टूनिस्ट और अन्य कर्मचारियों को निशाना बनाना था.

दोनों थे बचपन के दोस्त
आतंकी हेडली ने डर्बी में जिन दो लोगों से मुलाकात की थी, उनमें से एक कथित तौर पर MI5 का एजेंट था. आतंकी साजिश के बारे में जानने के बाद ब्रिटिश खुफिया अधिकारियों ने अपने अमेरिकी समकक्षों को सतर्क कर दिया था. ब्रिटिश खुफिया एजेंसी की तरफ से हेडली की आतंकी गतिविधियों के बारे में सतर्क किए जाने पर ही अमेरिका हरकत में आ सका. बचपन के दोस्त से आतंकवादी बने डेविड हेडली और तहव्वुर राणा पर 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों की योजना बनाने का आरोप है. पाकिस्तानी मूल का आतंकी तहव्वुर राणा 64 साल का है. उसे पिछले हफ्ते अमेरिका से भारत को सौंपा गया है.

कैसे गिरफ्तार हुए राणा और हेडली
ब्रिटिश खुफिया एजेंसी के अलर्ट के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने जुलाई 2009 में हेडली पर कड़ी निगरानी रखी. उसकी कार और संचार उपकरणों को ट्रेस किया गया. इसके परिणामस्वरूप 3 अक्टूबर 2009 को शिकागो एयरपोर्ट पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उस समय वह कथित तौर पर कोपेनहेगन के 10 छोटे वीडियो के साथ अपने आकाओं से मिलने पाकिस्तान जा रहा था. हेडली से पूछताछ के आधार पर ही राणा को गिरफ्तार किया गया. वह पाकिस्तान सेना का एक भगोड़ा था. तहव्वुर राणा को 18 अक्टूबर 2009 को गिरफ्तार किया गया था. उस पर विदेशों में आतंकी हमलों की योजना बनाने में उनकी मदद करने के संदेह था.

तहव्वुर राणा और हेडली का कनेक्शन
दावा किया गया कि गिरफ्तारी से पहले जनवरी 2009 में आतंकी हेडली ने कोपेनहेगन की यात्रा की थी और राणा ने कथित तौर पर उसकी यात्रा की व्यवस्था की थी. अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, जुलाई 2009 के अंत में आतंकी हेडली ने फिर से कोपेनहेगन और यूरोप के अन्य स्थानों की यात्रा की और तहव्वुर राणा ने फिर से उसकी यात्रा के कुछ हिस्सों की व्यवस्था की. आतंकी हेडली और राणा को अक्टूबर 2009 में गिरफ्तार किया गया था. यानी नवंबर 2008 में 10 लश्कर के आत्मघाती हमलावरों द्वारा मुंबई हमलों के लगभग एक साल बाद. अधिकारियों ने बताया कि बाद में पता चला कि हेडली मार्च 2009 में भारत के अपने नौवें दौरे पर मुंबई और भारत में अन्य जगहों पर और संभावित आतंकी हमलों के लिए जासूसी करने के लिए डेनमार्क और यूरोप के अन्य देशों का दौरा कर चुका था.

क्या है एमआई5?
दरअसल, एमआई 5 यानी MI5 का पूरा नाम मिलिट्री इंटेलिजेंस, सेक्शन 5 है. यह यूनाइटेड किंगडम की एक खुफिया एजेंसी है. इसे 1909 में बनाया गया था. इसका मुख्य काम देश की आंतरिक सुरक्षा करना है. MI5 आतंकवाद, जासूसी, और अन्य खतरों से ब्रिटेन को बचाने के लिए काम करती है. यह संगठन गुप्त रूप से जानकारी इकट्ठा करता है. संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखता है, और सरकार को सलाह देता है. MI5 के एजेंट गुप्तचर के रूप में काम करते हैं और उनकी पहचान आमतौर पर गुप्त रहती है. इसका मुख्यालय लंदन में है, और यह ब्रिटिश गृह मंत्रालय के तहत काम करता है.

Location :

Delhi,Delhi,Delhi

First Published :

April 14, 2025, 06:50 IST

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