Last Updated:September 29, 2025, 14:30 IST
Supreme Court News: जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने सोशल मीडिया के इस युग में जजों को संयम बरतने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि जजों को अपनी जजमेंट के बाहर बोलने से बचना चाहिए, खासकर रिटायरमेंट के बाद. उनका यह बयान पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ से जोड़कर देखा जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस पीएस नरसिम्हा का एक बयान इन दिनों खूब चर्चा में है.सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस पीएस नरसिम्हा का एक बयान इन दिनों खूब चर्चा में है. उन्होंने जजों को सलाह देते हुए कहा कि उन्हें अपनी जजमेंट के बाहर बोलने की लालसा से बचना चाहिए, खासकर सोशल मीडिया के इस दौर में जहां हर शब्द की खबर बन जाती है. जस्टिस नरसिम्हा ने जजों को रिटायरमेंट के बाद तो और भी कम बोलने की नसीहत दी.
जस्टिस नरसिम्हा का यह बयान ऐसे समय आया है, जब सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ अपनी एक हालिया इंटरव्यू को लेकर सुर्खियों में हैं. अयोध्या के राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उन्होंने ऐसी बात कही, जिसकी सोशल मीडिया पर लोगों ने खूब आलोचना की. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या जस्टिस नरसिम्हा का संदेश सीधे चंद्रचूड़ के लिए है?
क्या बोले जस्टिस नरसिम्हा?
दरअसल जस्टिस नरसिम्हा शनिवार को नागपुर बेंच के बॉम्बे हाई कोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से आयोजित एक सम्मान समारोह में बोल रहे थे. उन्होंने कहा, ‘हम सोशल मीडिया के युग में संयम से दूर होते जा रहे हैं. हर शब्द खबर बन जाता है. कई बार बैठे हुए जज भी बोलने के आकर्षण में आ जाते हैं. और इससे भी बुरा यह है कि रिटायरमेंट के बाद जज सोचते हैं कि अब बोलने का समय आ गया है, मानो यह उनका नया काम हो. ऐसा नहीं होना चाहिए. न्याय व्यवस्था में जज की भूमिका सिर्फ फैसले तक ही सीमित रहनी चाहिए.’
सुप्रीम कोर्ट जज ने कहा कि न्यायपालिका का मकसद सच तक पहुंचना है और जज का व्यक्तित्व या उसका लगातार बोलना इसमें बाधा डाल सकता है. उन्होंने कहा, ‘जज वही है जो फैसला देता है और फिर गुमनाम हो जाता है. उसका काम है निर्णय देना, न कि सुर्खियों में रहना. हमें अपने फैसले सटीक, संक्षिप्त और स्पष्ट लिखने चाहिए… वही हमारी असली पहचान है.’
जस्टिस चंद्रचूड़ की किस बात पर विवाद?
यह बयान उस वक्त आया है जब हाल में पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की कुछ टिप्पणियों को लेकर विवाद खड़ा हुआ था. जस्टिस चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट की उस पांच सदस्यीय संविधान पीठ का हिस्सा थे, जिसने नवंबर, 2019 को अयोध्या के विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण के पक्ष में फैसला सुनाया था. पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ से जब सुप्रीम कोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि ‘बाबरी मस्जिद का निर्माण ही बुनियादी तौर पर अपवित्र कार्य था.’
वैसे जस्टिस नरसिम्हा ने अपने इस बयान में किसी भी जज का नाम तो नहीं लिया, लेकिन इसे सीजीआई चंद्रचूड़ के हालिया से ही जोड़कर देखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि ‘जज का धर्म है कम बोलना… सुप्रीम कोर्ट में बैठते वक्त भी और रिटायर होने के बाद भी. हमें माप-तौलकर बोलना चाहिए और देखना चाहिए कि हमारी बात समाज के लिए कितनी उपयोगी है.’
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 29, 2025, 14:30 IST

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