Last Updated:December 27, 2025, 13:28 IST
India Pablo Escobar: दिल्ली पुलिस ने 13,000 करोड़ के ड्रग्स सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया. इसमें राणा तरणदीप, वीरेंद्र बसोइया और रितिक बजाज जैसे नाम सामने आए. राणा तरणदीप सिंह का नाम भारत के बड़े ड्रग्स माफिया के रूप सामने आ रहा है.
भारत में नशा का कारोबार फैलाने वाला कौन है? (सांकेतिक)Drugs Cartel: पाब्लो एस्कोबार के बारे में शायद ही कोई नहीं जानता है. ड्रग्स कार्टेल की दुनिया का बेताज बादशाह.य कोलंबिया का रहने वाला एस्कोबार ने मेडेलिन कार्टेल बनाया था, जिसके जरिए पूरे दुनिया में ड्रग्स का कारोबार को फैलाया. उसे कोकेन का राजा के नाम से जाना जाता था. उसने ड्रग्स से 30 बिलियन डॉलर की संपत्ति खड़ा कर ली थी. अब भारत का भी पाब्लो एस्कोबार का भी पता चल गया है. भारत में कोकीन और थाई मारिजुआना का कारोबार फैलाने वाले का दिल्ली पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. दिल्ली पुलिस के अनुसार, ड्रग्स माफिया में राणा तरणदीप का नाम सामने आ रहा है.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पिछले साल अक्टूबर में देश के सबसे बड़े ड्रग्स सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया था. इसमें 13,000 करोड़ रुपये की कोकीन और थाई मारिजुआना बरामद की गई थी. अब इस मामले में राणा तरणदीप (Rana Tarandeep) के रूप में एक नया और रहस्यमयी नाम आया है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह शख्स दुबई में बैठे ड्रग्स माफिया और सिंडिकेट के सरगना वीरेंद्र बसोइया उर्फ वीरू का दाहिना हाथ माना जा रहा है.
कौन है राणा तरणदीप?
जांच में पुलिस को आरोपियों के बीच व्हॉट्सऐप पर हुई बातचीत (Chats) मिली है, जिससे पता चला है कि राणा तरणदीप गुजरात में ड्रग्स को रिफाइन और प्रोसेस करने का काम देख रहा था.
पुलिस को क्या मिला?
केमिस्ट से सीधा संपर्क: कोर्ट रिकॉर्ड्स के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों में से एक, केमिस्ट मयूर देसले (जो ‘फार्मा सॉल्यूशंस सर्विसेज’ के लिए काम करता था) सीधे तरणदीप के संपर्क में था. मयूर उसे व्हॉट्सऐप पर कोकीन के मिश्रण के रंग से लेकर उसकी मात्रा तक की पल-पल की जानकारी देता था. पुलिस का कहना है कि आरोपी मयूर और बिचौलिये अमित कुमार मसोरिया तरणदीप के संपर्क में जरूर थे, लेकिन वे कभी उससे मिले नहीं. पुलिस अभी भी जांच कर रही है कि ‘राणा तरणदीप’ उसका असली नाम है या कोई कोड नाम था.
दवा बनकर आती थी कोकीन
इस सिंडिकेट का तरीका बेहद शातिर था. दक्षिण अमेरिका से चली कोकीन दुबई के रास्ते दक्षिण भारत के बंदरगाहों पर पहुंचती थी. वहां से इसे गुजरात की ‘आवकार ड्रग्स’ (Aavkar Drugs) नाम की कंपनी में लाया जाता था. यहां राणा तरणदीप के निर्देश पर ड्रग्स को प्रोसेस किया जाता और फिर उसे दवाइयों (Medical Consignments) की शक्ल देकर सड़क के रास्ते दिल्ली-एनसीआर भेजा जाता था. जांच में यह भी पता चला है कि दक्षिण भारत में रिक्शा चालकों के नाम पर फर्जी कंपनियां खोली गई थीं, जिनके जरिए ड्रग्स की तस्करी की जा रही थी. हवाला के जरिए 73 लाख रुपये इधर-उधर किए गए थे.
दुबई से गिरफ्तार हुआ मेन सप्लायर
इस मामले में दिल्ली पुलिस को एक और बड़ी कामयाबी मिली है. स्पेशल सेल ने यूएई (UAE) से सिंडिकेट के मुख्य सप्लायर रितिक बजाज को गिरफ्तार किया है. रितिक पिछले एक दशक से दिल्ली और गोवा की ‘रेव पार्टी’ (Rave Party) सर्किट में सक्रिय था.
ड्रग्स कार्टेल से रितिक बजाज का क्या नाता?
रितिक बजाज ने यूके और यूएस से पढ़ाई की है. वह नाइटक्लब मार्केटिंग के बिजनेस में था. वह थाईलैंड से ‘थाई मारिजुआना’ की सप्लाई चेन चला रहा था. वह बसोइया के कार्टेल को नियमित रूप से माल भेजता था. पिछले अक्टूबर में उसने 40 किलो ड्रग्स की खेप भेजी थी, जो उसका अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर था.
अब तक 19 गिरफ्तार, 10,000 पन्नों की चार्जशीट
गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर में पुलिस ने महिपालपुर, रमेश नगर और गुजरात के अंकलेश्वर में छापेमारी कर कुल 1,289 किलो कोकीन और 40 किलो हाइड्रोपोनिक मारिजुआना जब्त किया था. इस मामले में अब तक 19 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में 10,000 से अधिक पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें कार्टेल से जुड़े हर छोटे-बड़े नाम का जिक्र है. रितिक को तीस हजारी कोर्ट ने बुधवार को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दी थी.
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दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें
First Published :
December 27, 2025, 13:28 IST

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