Inquilab Manch protests: बांग्लादेश की राजनीति एक बार फिर उथल-पुथल के दौर में जाते हुए दिख रही है. मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं. खबरों के मुताबिक, जिस इंकलाब मंच ने इस सरकार के गठन में अहम भूमिका निभाने का काम किया था, वही अब इसके खिलाफ आंदोलन छेड़ने की तैयारी में है. संगठन ने साफ संकेत दिए हैं कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो यूनुस प्रशासन को हटाने के लिए बड़ा कदम उठाया जा सकता है.
दोबारा सड़क पर उतरेगा संगठन
इंकलाब मंच के प्रवक्ता उस्मान हादी की हत्या के बाद से संगठन सरकार पर लगातार दबाव बना रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मंच ने 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन तय समय सीमा के भीतर पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. इसके बाद संगठन के नेता अब्दुल्ला अल जाबर ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर अधिकारियों की तरफ से कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है. इसी वजह से संगठन दोबारा सड़कों पर उतरने का मन बना रहा है, क्योंकि सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है और बांग्लादेश जल रहा है.
यूनुस सरकार का समर्थन नहीं करेगा इंकलाब मंच?
इंकलाब मंच ने ढाका में बड़े विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है. संगठन का कहना है कि इसी आंदोलन के दौरान यह तय किया जाएगा कि यूनुस सरकार का समर्थन जारी रखा जाए या फिर उसे हटाने के लिए संघर्ष शुरू किया जाए. मंच ने यह भी आरोप लगाया कि मंत्रालय की हालिया ब्रीफिंग में गृह सलाहकार और उनके विशेष सचिव की गैरमौजूदगी इस गंभीर मामले को हल्का दिखाने की कोशिश थी. इससे संगठन और उसके समर्थकों में नाराजगी और बढ़ गई है.
एक और छात्र को मारी गोली
इसी बीच देश के शहर खुलना से एक और चौंकाने वाली खबर सामने आई है. 2024 के छात्र आंदोलन से जुड़े नेता मोहम्मद मोतालेब सिकंदर को अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी है. उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस घटना ने माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया है. एनसीपी की नेताओं ने इसे लोकतांत्रिक आवाजों को दबाने की कोशिश बताया है.
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