Russia Ukraine war: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर तीखा तेवर दिखाया है. रूस को ‘कागजी शेर’ बताते हुए उन्होंने यूक्रेन को नाटो और यूरोपीय संघ के समर्थन से अपनी जमीन वापस छीनने की सलाह दी. पुतिन की न सुनने की जिद पर बौखलाए ट्रंप ने यूक्रेन को जंग के लिए ललकारा और रूस की आर्थिक कमजोरी पर तंज कसा है.
यूक्रेन को जीत का भरोसा
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट ट्रुथ सोशल पर लिखा, “यूक्रेन, समय, धैर्य और यूरोप, खासकर नाटो के आर्थिक समर्थन के साथ, अपनी पुरानी सीमाएं वापस ले सकता है.” उन्होंने यूक्रेन के लोगों की हिम्मत को सराहा और कहा, “उनका जोश हर दिन बढ़ रहा है.” ट्रंप का मानना है कि यूक्रेन न सिर्फ अपनी खोई जमीन वापस ले सकता है, बल्कि उससे भी आगे बढ़ सकता है.
रूस की कमजोरी पर चोट
ट्रंप ने रूस की आर्थिक हालत पर तंज कसते हुए कहा, “पुतिन और रूस बड़े आर्थिक संकट में फंस चुके हैं. मॉस्को और बड़े शहरों में लोग रोजमर्रा की चीजों के लिए परेशान हैं. पेट्रोल के लिए लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं.” उन्होंने कहा कि रूस की जंग लड़ने की ताकत अब कमजोर पड़ चुकी है. ट्रंप ने यूक्रेन से कहा, “यह सही समय है, अब हमला कर दो.”
नाटो को खुला समर्थन
ट्रंप ने नाटो के प्रति मजबूत रुख दिखाया. एक पत्रकार के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर रूसी विमान नाटो देशों के हवाई क्षेत्र में घुसते हैं, तो उन्हें मार गिराना चाहिए. सीएनएन के हवाले से ट्रंप ने कहा, “हां, मैं इससे सहमत हूं.” हालांकि, अमेरिका की ओर से ऐसी कार्रवाई पर उन्होंने साफ जवाब टाला और कहा, “यह हालात पर निर्भर करता है.” ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका नाटो को हथियार देना जारी रखेगा, जिसे नाटो अपनी मर्जी से इस्तेमाल कर सकता है.
ट्रंप का उग्र तेवर
पहले ट्रंप रूस और यूक्रेन के बीच शांति की वकालत करते थे, लेकिन अब उनका रुख काफी आक्रामक हो गया है. 2022 से चल रहे इस युद्ध में उनका यह बयान यूक्रेन के लिए बड़ा हौसला है. ट्रंप ने पुतिन को ललकारते हुए कहा कि रूस अब ‘कागजी शेर’ बन चुका है, जिसकी आर्थिक हालत डगमगा रही है. ट्रंप का यह बयान यूक्रेन को नई ताकत दे सकता है. नाटो और यूरोपीय संघ के समर्थन से यूक्रेन की स्थिति मजबूत हो सकती है, लेकिन अमेरिका की सीधी सैन्य भागीदारी पर ट्रंप की चुप्पी सवाल उठाती है. रूस की कमजोर अर्थव्यवस्था का फायदा उठाने के लिए यूक्रेन को अब रणनीति बनानी होगी.