Last Updated:December 28, 2025, 18:01 IST
Mumbai News Today: मुंबई में 17 साल पुराने घरेलू हिंसा के मामले में चौंकाने वाला मोड़ आया. महिला ने 2009 में अपने पहले पति पर प्रताड़ना का आरोप लगाकर गुजारा भत्ता मांगा था. हालांकि कोर्ट में महिला के वर्तमान पति ने ही पूर्व पति के पक्ष में गवाही दे दी. इस अनोखे घटनाक्रम ने केस खत्म कर दिया. चलिए हम आपको इस पूरे केस के बारे में बताते हैं.
यह मामला पति-पत्नी के झगड़े से जुड़ा है. (AI Image)मुंबई की एक अदालत में चल रहे घरेलू हिंसा के मामले ने उस वक्त सबको चौंका दिया जब एक महिला के वर्तमान पति ने अपने ही पूर्ववर्ती (Ex-husband) के पक्ष में गवाही दे दी. करीब 17 साल पहले साल 2009 में शुरू हुई यह कानूनी लड़ाई अब अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच गई है. महिला ने अपने पहले पति पर प्रताड़ना, घर से निकालने और आर्थिक शोषण के गंभीर आरोप लगाते हुए गुजारा भत्ते (Maintenance) की मांग की थी. लेकिन कोर्ट के इस ताजा फैसले ने स्पष्ट कर दिया कि यदि कोई महिला दूसरी शादी कर लेती है तो वह अपने पूर्व पति से गुजारा भत्ता पाने की हकदार नहीं रह जाती.
17 साल पुराना विवाद और आरोपों की झड़ी
इस मामले की शुरुआत 2005 में हुई थी जब महिला का निकाह आरोपी व्यक्ति के साथ हुआ. महिला का दावा था कि शादी के कुछ समय बाद ही उसे पता चला कि उसका पति पहले से शादीशुदा है. उसने आरोप लगाया कि पति की पहली पत्नी अक्सर उनके घर आती थी और दोनों मिलकर उसके साथ शारीरिक, मानसिक और आर्थिक दुर्व्यवहार करते थे. इसी प्रताड़ना से तंग आकर महिला ने 2009 में घरेलू हिंसा का केस दर्ज कराया और अंतरिम राहत के तौर पर कोर्ट ने उसे 3,200 रुपये प्रतिमाह देने का आदेश दिया था.
वर्तमान पति की गवाही ने पलटा पूरा केस
मुकदमे के दौरान असली धमाका तब हुआ जब बचाव पक्ष (पूर्व पति) ने अदालत में महिला के वर्तमान पति को ही गवाह के तौर पर पेश कर दिया. वर्तमान पति ने कटघरे में खड़े होकर खुले तौर पर स्वीकार किया कि महिला ने उसके साथ दूसरी शादी कर ली है. बचाव पक्ष ने केवल पति को ही नहीं बल्कि उस निकाह को पढ़ाने वाले इमाम और एक हैंडराइटिंग एक्सपर्ट को भी गवाह बनाया जिसने निकाहनामे पर महिला के अंगूठे के निशान और हस्ताक्षरों की पुष्टि की.
‘दूसरी शादी मतलब मेंटेनेंस खत्म’
एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट बी एन चिकने ने दस्तावेजों और गवाहों के आधार पर फैसला सुनाते हुए कहा, “रिकॉर्ड पर मौजूद सबूतों से यह साबित होता है कि आवेदक महिला ने अपने पहले पति से तलाक के बाद दूसरी शादी कर ली है. ऐसी स्थिति में वह अपने पूर्व पति से किसी भी प्रकार का गुजारा भत्ता या सुरक्षा पाने की कानूनी हकदार नहीं है.” कोर्ट ने माना कि जैसे ही महिला ने दूसरा विवाह किया, वह अपने पूर्व पति पर निर्भर नहीं रही. इस गवाही ने महिला के दावों को कानूनी रूप से कमजोर कर दिया और 17 साल से चले आ रहे इस लंबे विवाद पर पूर्ण विराम लगा दिया. यह केस एक नजीर पेश करता है कि कानून तथ्यों और वर्तमान परिस्थितियों के आधार पर कैसे बदलता है.
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पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
First Published :
December 28, 2025, 18:01 IST
मुंबई: पूर्व पति के लिए गवाही देने पहुंचा मौजूदा हजबैंड, कराया वाइफ का नुकसान!

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