Last Updated:June 13, 2025, 08:07 IST
Crude Oil Impact : इजराइल और ईरान में युद्ध शुरू होने के साथ ही मिडिल ईस्ट का तनाव अब चरम पर पहुंच गया है, जिसका सीधा असर तेल की कीमतों पर दिख रहा. क्रूड का भाव बढ़ने से भारत पर क्या असर हो सकता है.

ईरान-इजराइल युद्ध की वजह से कच्चे तेल की कीमतों में उछाल दिख रहा है.
हाइलाइट्स
मिडिल ईस्ट तनाव से कच्चे तेल की कीमतें बढ़ींभारत का आयात बिल और महंगाई दर बढ़ सकती हैभारत ने तेल आयात स्रोतों में विविधता लाईनई दिल्ली. अभी तक हमास के साथ युद्ध में उलझे इजराइल ने अपनी मिसाइलों का रुख अब ईरान की तरफ कर दिया है. राजधानी तेहरान में मिसाइल हमले के बाद मिडिल ईस्ट में तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है. इसका सीधा असर कच्चे तेल की कीमतों पर दिखा और महज दो दिनों के भीतर ब्रेंट क्रूड का भाव 10 डॉलर (करीब 850 रुपये) बढ़कर 75 डॉलर प्रति डॉलर पहुंच गया है. जाहिर है कि इसका भारत जैसे देशों पर बड़ा असर दिखेगा, जो अपनी ईंधन की जरूरतों के लिए 85 फीसदी तक आयात पर निर्भर हैं.
भारत सिर्फ मिडिल ईस्ट से ही अपने कुल आयात का करीब 44.6 फीसदी तेल मंगाता है. इससे साफ है कि अगर यहां तनाव लंबे समय तक रहा तो क्रूड की कीमतों में उछाल और भी दिखेगा, जिसका सीधा असर भारत के आयात बिल पर भी देखने को मिलेगा. हालांकि, भारत ने अब अपनी तेल खरीद कई देशों से शुरू कर दी है, लिहाजा यह असर उतना ज्यादा नहीं दिखेगा, लेकिन आयात बिल में 10 फीसदी से अधिक का उछाल आ सकता है, जो करीब 90 हजार करोड़ रुपये होगा.
भारत पर क्या असर होगा
भारत की क्या तैयारी
भारत ने तेल आयात स्रोतों में विविधता लाकर जोखिम कम किया है. वर्तमान में 40 देशों से आयात होता है, जिसमें रूस (30%) और ब्राजील, गुयाना जैसे नए स्रोत शामिल हैं. सरकार कच्चे तेल के भंडार को बढ़ा रही है और विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर है, जो आर्थिक स्थिरता में मदद करेगा.
बायोफ्यूल ब्लेंडिंग (20%) और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे हरित ऊर्जा विकल्पों पर ध्यान से तेल निर्भरता कम हो रही है. पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी आश्वासन दिया है कि वैश्विक तनाव के बावजूद तेल कीमतें और आपूर्ति स्थिर रहेगी.
किन देशों से क्रूड खरीदता है भारत
अमेरिका : भारत का आयात तेजी से बढ़ रहा है, विशेष रूप से 2017 के बाद. 2023-24 में अमेरिका से 2 लाख bpd आयात हुआ, जो कुल आयात का 4-5% है. अन्य देश : कुवैत, मैक्सिको, ब्राजील और गुयाना जैसे देश भी भारत को तेल आपूर्ति करते हैं, जो कुल आयात का 10-15% हिस्सा बनाते हैं. 2023-24 में कुवैत से 42 लाख टन और मैक्सिको से 33 लाख टन तेल आयात हुआ. भारत की कुल कच्चे तेल की मांग 2024 में लगभग 50 लाख bpd रही.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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