Last Updated:October 31, 2025, 05:49 IST
 भारत-बांग्लादेश बॉर्डर की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए पुख्ता व्यवस्था की जा रही है. (फाइल फोटो)
भारत-बांग्लादेश बॉर्डर की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए पुख्ता व्यवस्था की जा रही है. (फाइल फोटो)India-Bangladesh Border: भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए सीमा सुरक्षा बल (BSF) अब तकनीक का बड़ा सहारा लेने जा रही है. BSF ने 4,096 किलोमीटर लंबी इस सीमा पर 1,000 स्कैनर लगाने की योजना बनाई है, ताकि घुसपैठियों की पहचान, ट्रैकिंग और निगरानी एक केंद्रीकृत डिजिटल सिस्टम से हो सके. यह कदम दोनों देशों के बीच अवैध आवाजाही, तस्करी और सीमा अपराधों पर नकेल कसने की दिशा में अहम माना जा रहा है. बीएसएफ अधिकारियों के अनुसार, पिछले तीन महीनों में 296 स्कैनर पहले ही सीमा के अलग-अलग हिस्सों में लगाए जा चुके हैं. इन उपकरणों से अब तक जो डेटा एकत्र हुआ है, उससे घुसपैठ की स्पष्ट तस्वीर सामने आई है. अधिकारियों ने बताया कि अब तक पकड़े गए कई लोग दोबारा सीमा पार करने वाले अपराधी हैं, जिनका संबंध अकसर मवेशी या नशीले पदार्थों की तस्करी से होता है.
इन स्कैनरों के जरिये पकड़े गए लोगों की फिंगरप्रिंट समेत बायोमैट्रिक जानकारी को डिजिटल डेटाबेस में दर्ज किया जा रहा है. इस सिस्टम के जरिये यदि कोई व्यक्ति दोबारा पकड़ा जाता है, तो उसकी पहचान रीयल टाइम में खुद ही वेरिफाई हो जाती है. यह न केवल जांच एजेंसियों को त्वरित सूचना देता है, बल्कि आगे की कार्रवाई में भी आसानी होती है. BSF के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, दक्षिण एशिया में इस तरह का यह पहला प्रयोग है, जहां एक साथ इतने बड़े पैमाने पर बायोमैट्रिक निगरानी प्रणाली लागू की जा रही है. जैसे-जैसे शेष 1,000 स्कैनर स्थापित होंगे, पूरी सीमा नेटवर्क के तहत आ जाएगी और हर अवैध पारगमन का डिजिटल रिकॉर्ड तुरंत दर्ज किया जा सकेगा.
अभी तक घुसपैठियों को ट्रैक करना मुश्किल
बीएसएफ सूत्रों के अनुसार, डिजिटल रिकॉर्ड की अनुपस्थिति में पहले ऐसे मामलों का ट्रैक रखना बेहद कठिन था. अधिकतर घुसपैठिए सजा काटने या छोड़ दिए जाने के बाद फिर से वही काम शुरू कर देते थे, जिससे सीमा प्रबंधन पर अतिरिक्त दबाव पड़ता था. अब यह नया सिस्टम न केवल ऐसे अपराधियों की पहचान आसान करेगा, बल्कि उनकी गतिविधियों पर नजर रखकर संगठित तस्करी नेटवर्क को तोड़ने में भी मददगार साबित होगा. यह तकनीकी ढांचा पशु तस्करी, ड्रग्स और अन्य अवैध वस्तुओं की तस्करी से जुड़े मामलों में भी मदद करेगा. जैसे ही किसी पुराने रिकॉर्ड वाले व्यक्ति का फिंगरप्रिंट दोबारा स्कैन होगा, सिस्टम तुरंत अलर्ट जारी कर देगा. इस तरह किसी व्यक्ति के नाम से जुड़े कई मामलों को एक साथ जोड़ा जा सकेगा, जिससे जांच और अभियोजन प्रक्रिया दोनों तेज होंगी.
BSF की प्लानिंग
BSF ने बताया कि कई मामलों में भारतीय नागरिक भी बांग्लादेश में दाखिल होते पाए गए हैं, जिनमें से कुछ सीमावर्ती किसान या मजदूर गलती से सीमा पार कर जाते हैं. ऐसे मामलों में बायोमैट्रिक डेटा यह तय करने में मदद करता है कि बॉर्डर क्रॉस जानबूझकर हुआ या अनजाने में. इससे न केवल निर्दोष लोगों को अनावश्यक हिरासत से बचाया जा सकता है, बल्कि सीमा क्षेत्रों में तनाव और गलतफहमियों को भी कम किया जा सकता है. बीएसएफ अधिकारियों का कहना है कि सीमा पर रहने वाले किसानों और स्थानीय निवासियों के लिए यह सिस्टम राहत लेकर आया है. अब यदि कोई व्यक्ति गलती से अंतरराष्ट्रीय सीमा लांघ जाता है, तो स्कैनर से उसकी त्वरित पहचान हो जाती है और बिना ज्यादा देरी के उसे रिहा किया जा सकता है. इससे दोनों देशों के बीच स्थानीय स्तर पर सद्भाव बनाए रखने में मदद मिली है.
डिजिटल मॉनिटरिंग
विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत-बांग्लादेश सीमा दुनिया की सबसे संवेदनशील और व्यस्त सीमाओं में से एक है. यहां मानव और माल की अवैध आवाजाही लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती रही है. ऐसे में बीएसएफ द्वारा अपनाई जा रही डिजिटल निगरानी प्रणाली सीमा प्रबंधन में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है. बीएसएफ का यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की उस नीति का हिस्सा भी माना जा रहा है, जिसमें देश की सीमाओं को “स्मार्ट और सुरक्षित” बनाने पर जोर दिया गया है. आने वाले महीनों में जब यह प्रणाली पूरी तरह चालू हो जाएगी, तो इससे न केवल निगरानी का दायरा बढ़ेगा बल्कि डेटा की सटीकता और सुरक्षा तंत्र की गति में भी कई गुना सुधार आएगा. अधिकारियों का कहना है कि इस पहल से भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा को नई डिजिटल ढाल मिल जाएगी, जहां हर फिंगरप्रिंट, हर हरकत और हर प्रयास अब रिकॉर्ड में होगा. इससे बीएसएफ को घुसपैठ रोकने और सीमा पर शांति बनाए रखने में बड़ी मदद मिलने की उम्मीद है.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
October 31, 2025, 05:49 IST

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