India-US Trade Row: अमेरिका की तरफ से भारतीय निर्यात पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद भारत की तरफ से साफ कर दिया गया है कि वो अमेरिका की शर्तों के आगे झुकेगा नहीं. भारी-भरकम टैरिफ को लेकर दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव बना हुआ है. लेकिन अब भारत और अमेरिका इस ट्रेड डिस्प्यूट को सुलझाने की दिशा में काम कर रहे हैं. अमेरिका की तरफ से भारतीय निर्यात पर 50% टैरिफ लगाया जा रहा है. दोनों देशों के बीच टैरिफ डिस्प्यूट को नॉर्मल करने के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका की यात्रा पर है.
एस जयशंकर और मार्को रूबियो के बीच मुलाकात
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिका के यूएस सेक्रेटरी मार्को रूबियो की इसको लेकर मुलाकात हुई. इसके बाद मीडिया से बातचीत में मार्को रूबियो ने पॉजिटिव बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका को भारत के साथ टैरिफ इश्यू के सॉल्व होने की उम्मीद है. इस दौरान रूबियो ने उन यूरोपीय देशों की आलोचना की, जो रूस से लगातार तेल और गैस खरीद रहे हैं. अमेरिका ने भारत पर रूस से तेल खरीदने के लिए 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया गया, जिससे यह बढ़कर 50% हो गया.
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रूस से सस्ता तेल खरीदना जरूरी क्यों?
रूबियो ने कहा हमने भारत के लिए जो कदम (टैरिफ) उठाए हैं, उनके ठीक होने की उम्मीद है. राष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से इस पर और कदम उठाए जा सकते हैं. उन्होंने कहा-भारत की एनर्जी से जुड़ी जरूरतें बड़ी हैं, इसलिए रूस से सस्ता तेल खरीदना जरूरी है. लेकिन इससे रूस की यूक्रेन जंग में आर्थिक मदद हो रही है. भारत की तरफ से इसे गलत बताया गया. जानकारों का कहना है कि यह विवाद दोनों देशों के संबंधों के बीच बड़ी बाधा है. रूबियो ने यूरोपीय देशों को निशाना बनाते हुए कहा कि यूरोप के कुछ देश रूस से भारी मात्रा में तेल और नेचुरल गैस खरीद रहे हैं, यह कदम एकदम गलत है.
यूरोप को अपनी पॉलिसी को मजबूत करना होगा
उन्होंने कहा ये यूरोपीय देश अमेरिका से और बैन लगाने के लिए कहते हैं, लेकिन खुद ऐसा नहीं कर रहे. उन्हें इसके लिए और कोशिश करनी चाहिए. उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि चीन के रूसी तेल खरीदने के लिए बैन लगाने से ग्लोबल एनर्जी कीमतें बढ़ सकती हैं. यूरोप को रूस से गैस खरीदना कम करने की सलाह दी. रूबियो ने कहा कि यूरोप को अपनी खुद की पॉलिसी को मजबूत करना होगा. यह बयान भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से रूबियो की बातचीत के एक दिन बाद आया है.
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न्यूयॉर्क में हुई बातचीत में दोनों देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई. जयशंकर ने X पर लिखा, 'हमारी बातचीत में कई अहम मुद्दे शामिल रहे. वाशिंगटन में कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल ने ट्रेड बातचीत को आगे बढ़ाया. भारत ने पेशेंस और कूटनीति से ग्लोबल ट्रेड जटिलताओं का सामना किया. रूबियो की तरफ से की गई टिप्पणी कि भारत-अमेरिका के रिश्ते मजबूत हैं, लेकिन टैरिफ से मुद्दा बड़ी चुनौती है. रूबियो की तरफ से आए पॉजिटिव बयान दोनों देशों के बीच समझौते की तरफ इशारा कर रहा है.