Last Updated:July 13, 2025, 01:38 IST
अमेरिका और ब्रिटेन के एफ-35 लड़ाकू विमानों ने हाल ही में भारत के पड़ोस में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में ज्वाइंट एक्सरसाइज की है. यह एक्सरसाइज सिर्फ सैन्य सहयोग नहीं, बल्कि चीन को स्पष्ट रणनीतिक संदेश भी है. भारत...और पढ़ें

अमेरिकी एफ35 की वॉर एक्सरसाइज.
हाइलाइट्स
भारत के पास F-35B का युद्धाभ्यास, सामरिक संतुलन की नई चाल.अमेरिकी विमान ने ब्रिटिश कैरियर से उड़ान भरी, भारत बना अहम केंद्र.चीन को Indo-Pacific में चेतावनी, भारत को मिल रहा रणनीतिक लाभ.हिंद महासागर में सामरिक हलचल इन दिनों तेज है. अमेरिका और ब्रिटेन की नेवी भारत के पड़ोस में बेहद हाईटेक वॉर एक्सरसाइज कर रही हैं. ब्रिटेन के एयरक्राफ्ट कैरियर एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स (HMS Prince of Wales) पर अमेरिका की मरीन कोर के F-35B स्टील्थ फाइटर ने हॉट पिट रिफ्यूलिंग के बाद उड़ान भरी. खास बात यह रही कि यह एक्सरसाइज उस वक्त हुई, जब ब्रिटिश नेवी का एक और F-35B भारतीय जमीन पर मरम्मत के लिए रुका हुआ है.
सबसे पहले जानिए हॉट-पिट रिफ्यूलिंग क्या है? अमेरिका एक F-35B ब्रिटेन के एयरक्राफ्ट कैरियर एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स पर उतरा और बिना इंजन बंद किए ईंधन लिया और फिर उड़ गया. इस पूरी प्रक्रिया में पायलट विमान से बाहर नहीं निकलता. यह वही यूनिट है जिसने जापानी युद्धपोत JS Izumo से पहली बार F-35B की लैंडिंग और टेकऑफ कर इतिहास रचा था. हॉट पिट एक जोखिमभरा लेकिन जरूरी ऑपरेशन है, जिसे युद्ध जैसी परिस्थितियों में समय बचाने के लिए किया जाता है.
सामान्य एक्सरसाइज नहीं
नेशनल इंट्रेस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, यह सामान्य एक्सरसाइज नहीं है. इसे चीन को चुनौती के तौर पर देखना होगा. अमेरिका नहीं चाहता कि किसी भी कीमत पर भारत की समुद्री सीमा के आसपास चीन फटके. इसलिए वह भारत के साथ मिलकर हर वो कदम उठा रहा है. ब्रिटिश कैरियर एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स भारत की सीमा के बेहद करीब संचालन कर रहा है और इंडियन नेवी ने उसे F-35B की मरम्मत में लॉजिस्टिक मदद दी है. अमेरिका की बैट्स स्क्वाड्रन ने जापान, ब्रिटेन और अब भारत के नजदीक ऑपरेशन कर F-35B की तैनाती को और धार दी है. चीन भी इसे देख रहा होगा.
भारत के लिए इससे क्या संकेत हैं?
इंडो पैसिफिक में भारत नई धुरी बन रहा है. वहीं, पश्चिमी देश भारत की जियोपोलिटिकल स्थिति का पूरा स्ट्रेटजिक इस्तेमाल कर रहे हैं. भारत को F-35 की टेक्नोलॉजी के बारे में भी पता चला है. उसे लॉजिस्टिक एक्सपोजर मिल रहा है. यह चीन को सीधा संदेश है. क्योंकि यह संयोग नहीं कि ऐसे अभ्यास साउथ चाइना सी और मलक्का स्ट्रेट के पास हो रहे हैं और भारत उसके केंद्र में है.
क्या हैं इसके मायने
एक्सपर्ट के मुताबिक, HMS Prince of Wales और अमेरिकी F-35B की भारत के पास मौजूदगी एक इत्तेफाक नहीं, बल्कि रणनीतिक परिकल्पना का हिस्सा है. इससे न सिर्फ इंडियन नेवी को भविष्य की युद्ध रणनीतियों का अनुभव मिलेगा, बल्कि यह भारत को एशिया का निर्णायक नौसैनिक खिलाड़ी बनाने की दिशा में बड़ा कदम भी है.
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें
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