India UK FTA: पीएम नरेंद्र मोदी इंग्लैंड के ऐतिहासिक दौरे पर हैं. आज गुरुवार को देशों के बीच फ्री ट्रेड अग्रीमेंट(India – Uk Free Trade Agreement) पर पीएम मोदी और यूके के पीएम कीर स्टार्मर ने दस्तखत कर दिए है. डोनाल्ड ट्रंप के पल-पल बदलते नजरिए को देखते हुए इस ऐतिहासिक समझौते का महत्व बढ़ गया है.
यह डील दोनों देशों के बीच आर्थिक रिश्तों को मजबूत करेगी और व्यापार, निवेश, रोजगार और नवाचार को बढ़ावा देगी. भारत और यूके के बीच अभी सालाना करीब 55 अरब डॉलर का व्यापार होता है, और इस समझौते से 2030 तक इसे दोगुना करने का लक्ष्य है.
3:39 बजे
#WATCH | London, UK: PM Narendra Modi says, “Today marks a historic day in our relations. I am delighted that after the hard work of several years, today our two nations have signed the Comprehensive Economic and Trade Agreement.”
पीएम मोदी ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, आज एक ऐतिहासिक दिन है. ये समझैता साझा समृद्धि की योजना है. दोनों ही देशों में निवेश बढ़ेगा. साथ ही, कपड़ा और कृषि क्षेत्र के लिए नए अवसर खुलेंगे. Ease of Doing Business को गति मिलेगी. मेडिकल उपकरण भारत को आसानी से मिलेंगे. इससे कॉस्ट ऑफ बिजनेस घटेगा. ये समझौता वैश्विक स्थिरता को बल देगा.
3:36 बजे
#WATCH | London: As India-UK sign the Free Trade Agreement, UK PM Keir Starmer says, “It is a deal that will bring huge benefits to both of our countries, boosting wages, raising living standards and putting more money in the pockets of working people. It is good for jobs, it is… pic.twitter.com/Adnv5Rxvkn
ब्रिटिश पीएम ने कहा कि फ्री ट्रेड डील से दोनों देशों को फायदा होगा. निवेश के नए रास्ते खुलेंगे. दोनों देशों में रोजगार के अवसर खुलेंगे. तकनीक के क्षेत्र में नए रास्ते खुलेंगे.
3:23 बजे
भारत और यूके के बीच FTA पर हस्ताक्षर हुए. कुछ ही देर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूके के पीएम कीर स्टार्मर एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.
2:51 बजे
#WATCH | PM Narendra Modi meets Prime Minister of the UK, Keir Starmer, in London
भारत-यूके FTA डील पर साइन करने से पहले पीएम मोदी ने लंदन में ब्रिटेन के पीएम केर स्टार्मर से मुलाकात की.
1:40 बजे
FTA डील साइन होने से पहले ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी ने बताया कि दोनों देशों के लिए ये एक नई और महत्वाकांक्षी योजना, यूके-इंडिया विजन 2035, पर भी सहमति बनाएंगे. यह योजना अगले दस सालों में भारत और यूके के रिश्तों को और मजबूत करेगी. यह समझौता दोनों देशों के बीच ट्रेड, रक्षा, तकनीक और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाएगा, जिससे नौकरियां पैदा होंगी और दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाएं और मजबूत होंगी.
12:09 बजे
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा, ‘भारत के साथ हमारा ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता (FTA) ब्रिटेन के लिए एक बड़ी कामयाबी है. यह समझौता यूके में हजारों नई नौकरियां लाएगा, व्यवसायों के लिए नए रास्ते खोलेगा और देश के हर हिस्से में तरक्की को बढ़ावा देगा. यह हमारी बदलाव की योजना को हकीकत में बदलेगा. हम मेहनती ब्रिटिश नागरिकों की जेब में ज्यादा पैसे डाल रहे हैं और उन परिवारों की मदद कर रहे हैं जो बढ़ती महंगाई से जूझ रहे हैं. हम अपनी अर्थव्यवस्था को तेजी से बढ़ाने और पूरे यूके में लोगों के जीवन स्तर को बेहतर करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं.’
11:03 बजे
भारतीय प्रवासी समुदाय ने ढोल-नगाड़ों, ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारों के साथ पीएम का लंदन में जोरदार स्वागत किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लंदन में भारतीय समुदाय के गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए आभार जताया. उन्होंने कहा कि भारतीयों का प्यार और उत्साह देखकर उनका दिल छू गया.
Touched by the warm welcome from the Indian community in the UK. Their affection and passion towards India’s progress is truly heartening. pic.twitter.com/YRdLcNTWSS
भारत और यूके के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) से दवा उद्योग को बड़ा फायदा हो सकता है, क्योंकि भारत यूके को दवाइयां निर्यात करता है और वहां से आयात भी करता है. इस समझौते से दवाओं की कीमतें सस्ती हो सकती हैं, अगर दोनों देश टैरिफ यानी आयात शुल्क को काफी हद तक कम करते हैं. लेकिन कुछ मामलों में कीमतें बढ़ भी सकती हैं, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि टैरिफ में कितनी कटौती होती है और कौन सी दवाओं पर यह लागू होता है. भारत, जो जेनेरिक दवाओं का बड़ा उत्पादक है, यूके को सस्ती दवाएं दे सकता है, जबकि यूके से आने वाली खास दवाओं की लागत टैरिफ के आधार पर बदल सकती है. यह डील दोनों देशों के दवा बाजार को और प्रतिस्पर्धी बनाएगी, जिससे मरीजों को सस्ती और बेहतर दवाएं मिलने की उम्मीद है.
भारत-इंग्लैंड फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की जरूरत क्यों ?
यह FTA भारत को यूके के विशाल बाजार में आसान पहुंच देगा, जिससे भारतीय उत्पादों और सेवाओं के लिए नए रास्ते खुलेंगे. इससे भारत में ढेर सारी नौकरियां पैदा होंगी, निवेश बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था को तेजी मिलेगी. साथ ही, पेशेवरों के लिए गतिशीलता के नियमों से भारतीय प्रतिभाओं को दुनिया भर में अपनी काबिलियत दिखाने का मौका मिलेगा. यह सौदा भारत के लिए एक ऐतिहासिक और बदलाव लाने वाला कदम है. यह समझौता भारत के लिए यूके के विशाल बाजार में आसान पहुंच देगा, जिससे भारतीय उत्पादों और सेवाओं के लिए नए अवसर खुलेंगे.
इस समझौते का मकसद 2030 तक भारत और यूके के बीच व्यापार को दोगुना करके 120 अरब अमेरिकी डॉलर तक ले जाना है. इसमें सामान, सेवाएं, नई तकनीक, सरकारी खरीद और बौद्धिक संपदा अधिकार जैसे कई अहम मुद्दों पर चर्चा हो रही है. वहीं, यूके के व्हिस्की, कार, कॉस्मेटिक्स और खाद्य उत्पादों पर भारत में शुल्क कम होगा. इसके अलावा इस डील के बाद भारतीय पेशेवरों को यूके में काम करने के लिए वीजा नियमों में छूट मिलने की उम्मीद है, जिससे उनकी प्रतिभा को वैश्विक मंच पर चमकने का मौका मिलेगा. यह डील दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को गति देगी और नौकरियां पैदा करेगी, जिससे भारत और यूके के बीच रणनीतिक साझेदारी और मजबूत होगी.
FTA से किस देश को ज्यादा फायदा होगा
भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते (FTA) से भारत को बड़ा फायदा होगा, क्योंकि भारत की 99% वस्तुओं को यूके में जीरो ड्यूटी के साथ पहुंच मिलेगी, जहां अभी 4% से 16% तक शुल्क लगता है. इससे वस्त्र, चमड़ा, जूते, खिलौने, समुद्री उत्पाद, रत्न-आभूषण, ऑटो कंपोनेंट्स और इलेक्ट्रिक व्हीकल जैसे क्षेत्रों को भारी लाभ होगा.
साथ ही, सामाजिक सुरक्षा समझौते के तहत भारतीय कामगारों को ब्रिटेन में तीन साल तक सोशल सिक्योरिटी योगदान नहीं देना होगा, जिससे कंपनियों और कामगारों को सालाना करीब ₹4,000 करोड़ की बचत होगी. भारतीय शेफ, योग प्रशिक्षक, संगीतकार और अन्य प्रोफेशनल्स को अस्थायी वीजा मिलेगा, जिससे सर्विस सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा. वेलस्पन इंडिया, अरविंद लिमिटेड, रिलैक्सो, टाटा मोटर्स, महिंद्रा इलेक्ट्रिक और भारत फोर्ज जैसी कंपनियां इस डील से सीधे लाभान्वित होंगी.
ब्रिटेन को भी इस समझौते से काफी ज्यादा फायदा होगा, क्योंकि उसकी 90% वस्तुओं पर भारत में लगने वाला शुल्क खत्म हो जाएगा. स्कॉच व्हिस्की और जिन पर 150% शुल्क अगले 10 साल में पहले 75% और फिर 40% तक कम हो जाएगा. कारों पर ड्यूटी 100% से घटकर 10% हो जाएगी, और कॉस्मेटिक्स, चॉकलेट, बिस्किट, सैल्मन मछली और मेडिकल डिवाइसेज जैसे उत्पादों को भी राहत मिलेगी.
ब्रिटेन के ऑटोमोबाइल, एयरोस्पेस और मशीनरी सेक्टर को फायदा होगा, और जगुआर लैंड रोवर, एस्टन मार्टिन और डियाजियो जैसी कंपनियों की बिक्री बढ़ेगी. ब्रिटेन पहले ही भारत में $36 अरब का निवेश कर चुका है और अब मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में नए निवेश की उम्मीद है. साथ ही, ब्रिटेन के उपभोक्ताओं को भारतीय उत्पाद सस्ते मिलेंगे.
यह समझौता भारत और यूके दोनों के लिए एक ऐतिहासिक कदम है. इससे भारत को पश्चिमी देशों के बड़े बाजार में मजबूत जगह मिलेगी और श्रम-आधारित निर्यात को बढ़ावा मिलेगा. दूसरी ओर, ब्रिटेन को भारत जैसे तेजी से बढ़ते अर्थव्यवस्था के साथ रिश्ते मजबूत करने का मौका मिलेगा, जिससे उसकी ब्रेग्जिट के बाद की व्यापार रणनीति और मजबूत होगी.
भारत में कौन से सामान सस्ते होंगे
ये सामान होंगे सस्ते |
व्हिस्की |
बीयर |
हाई-एंड कार |
बिस्कुट |
एयरोस्पेस मशीनरी |
कॉस्मेटिक्स |
चॉकलेट |
नमकीन |
शीतल पेय |
सामन मछली |
चमड़ा |
जूते |
खिलौने |
अमेरिका के साथ रिश्तों पर क्या असर होगा
ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर भारत के लिए एक बड़ा कदम है, जो अमेरिका को यह संदेश देगा कि भारत केवल अमेरिकी बाजार पर निर्भर नहीं है. इस समझौते से भारत को पश्चिमी देशों के विशाल बाजार में मजबूत पहुंच मिलेगी और श्रम-आधारित निर्यात को बढ़ावा मिलेगा. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केयर स्टार्मर के साथ इस ऐतिहासिक एफटीए पर हस्ताक्षर करेंगे और इस मौके पर वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी ब्रिटेन में मौजूद रहेंगे.
यह समझौता दोनों देशों के बीच व्यापार को 2030 तक दोगुना करके 120 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखता है. हालांकि, इस एफटीए को लागू होने में छह महीने से ज्यादा समय लग सकता है, क्योंकि ब्रिटेन में इसे संसद की मंजूरी लेनी होगी. यह डील दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को गति देगी और नौकरियां पैदा करेगी.