बॉम्बे HC के फैसले पर रोक... क्या जेल भी लौटेंगे बरी हुए 12 लोग? SC का फैसला

1 month ago

Last Updated:July 24, 2025, 11:40 IST

Mumbai Train Blast Case: मुंबई ट्रेन ब्लास्ट केस में बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि बरी हुए 12 लोगों को अभी जेल लौटने की जरूरत नहीं है.

बॉम्बे HC के फैसले पर रोक... क्या जेल भी लौटेंगे बरी हुए 12 लोग? SC का फैसला2006 में मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट केस के सभी 12 आरोपियों बॉम्बे हाईकोर्ट ने बरी कर दिया था.

2006 MUMBAI TRAIN BLASTS CASE: मुंबई ट्रेन ब्लास्ट पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है. सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई 2006 को हुए मुंबई ट्रेन धमाकों के आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ याचिका पर अपना फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि बरी हुए आरोपी अभी वापस जेल में नहीं लौटेंगे. खुद महाराष्ट्र सरकार ने भी यही कहा था कि उसकी मंशा बरी हुए आरोपियों को दोबारा जेल भेजने की नहीं है. दरअसल, बीते दिनों बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई लोकल ट्रेन में किए गए सात बम धमाकों के मामले में सभी 12 आरोपियों को बरी कर दिया था. इस फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में आज यानी गुरुवार को 11 जुलाई 2006 को मुंबई में कई ट्रेन में किए गए सात बम धमाकों के मामले में सभी 12 आरोपियों को बरी करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के तत्काल सुनवाई के अनुरोध के बाद अपना फैसला सुनाया. महाराष्ट्र सरकार की मुख्य अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है.

सरकार ने क्या अनुरोध किया?

सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने स्पष्ट किया कि राज्य का उद्देश्य बरी किए गए व्यक्तियों को फिर से जेल भेजना नहीं है, बल्कि चिंता इस बात को लेकर है कि कुछ कानूनी निष्कर्ष लंबित मकोका (MCOCA) मामलों पर प्रभाव डाल सकते हैं. इस पर जस्टिस एम.एम. सुंदरेश ने कहा कि कुछ आरोपी पाकिस्तानी नागरिक हैं. जस्टिस एम.एम. सुंदरेश ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए बताया कि इस मामले में कुछ आरोपी पाकिस्तानी नागरिक हैं, जिससे इसकी गंभीरता और अंतरराष्ट्रीय पहलू का संकेत मिलता है.

चलिए जानते हैं मुंबई 7/11 ट्रेन ब्लास्ट मामला में सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?

बेंच: जस्टिस जे. सुंदरेश और जस्टिस एनवी अंजारिया

राज्य की ओर से पेश वकील: सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (महाराष्ट्र सरकार की ओर से)

SG तुषार मेहता: हम जमानत पर छूटे आरोपियों को जेल वापस लाने की मांग नहीं कर रहे हैं. लेकिन हाईकोर्ट के फैसले में जो कानूनी निष्कर्ष निकाले गए हैं, वे अन्य मामलों विशेष रूप से MCOCA मामलों पर असर डाल सकते हैं. इसलिए अनुरोध है कि इस निर्णय को मिसाल (precedent) के रूप में न माना जाए.

कोर्ट का आदेश: सभी आरोपी पहले ही रिहा हो चुके हैं, इसलिए उन्हें दोबारा जेल भेजने का कोई प्रश्न नहीं उठता.

SG ने आग्रह किया: ‘माय लॉर्ड्स, कृपया उस आदेश पर रोक लगाएं.’

कोर्ट: ‘उस सीमा तक आदेश पर रोक लगाई जाती है.’

जस्टिस जे. सुंदरेश की टिप्पणी: हमने फाइलें पढ़ी हैं, इनमें से कुछ आरोपी पाकिस्तानी नागरिक हैं. इसलिए मुख्य याचिका में नोटिस जारी किया जाता है.

बॉम्बे हाईकोर्ट का क्या फैसला

दरअसल, मुंबई हाईकोर्ट ने सोमवार को सभी 12 आरोपियों को यह कहते हुए बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष अपराध को साबित करने में पूरी तरह नाकाम रहा और ‘यह विश्वास करना कठिन है कि आरोपियों ने अपराध किया है.’ हाईकोर्ट का यह फैसला मुंबई पश्चिमी रेलवे नेटवर्क को हिला देने वाले आतंकवादी हमले के 19 साल बाद आया. इस हमले में 180 से अधिक लोगों की जान चली गई थी और कई अन्य लोग घायल हुए थे.

क्या है मुंबई ट्रेन ब्लास्ट कांड

यह मामला 11 जुलाई 2006 का है, जब मुंबई की लोकल ट्रेनों में शाम के समय मात्र 11 मिनट के अंदर सात अलग-अलग जगहों पर सीरियल बम धमाके हुए थे. इन धमाकों में 189 लोगों की जान चली गई थी और 827 से अधिक लोग घायल हुए थे. इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था। नवंबर 2006 में इस मामले में चार्जशीट दाखिल की गई थी। इसके बाद 2015 में ट्रायल कोर्ट ने 12 आरोपियों को दोषी ठहराया था, जिसमें 5 को फांसी और 7 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. इसके बाद आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी.

Shankar Pandit

Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...और पढ़ें

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