Last Updated:September 24, 2025, 07:10 IST
Bihar Chunav News: संविधान संशोधन विधेयक पर JPC में कांग्रेस और एनसीपी की भागीदारी से विपक्षी एकता में दरार आई है. आरजेडी, टीएमसी, समाजवादी पार्टी ने बहिष्कार किया है. बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का यह कदम विपक्षी गठबंधन INDIA की एकजुटता को कमजोर कर सकता है.

संसद में पेश संविधान संशोधन विधेयक को लेकर विपक्षी दलों के बीच एक बार फिर दरार साफ दिखाई देने लगी है. इस बिल में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को 30 दिन तक जेल में रहने पर खुद ब खुद अयोग्य ठहराने का प्रावधान है. अब तक यह मसौदा केवल सांसदों और विधायकों पर लागू होता था, लेकिन सरकार ने इसे सत्ता के उच्च पदों तक बढ़ाने की कोशिश की है.
इस विधेयक की जांच के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को लेकर विपक्ष दो धड़ों में बंट गया है. सरकार का दावा है कि कांग्रेस और एनसीपी इसमें शामिल होंगे, जबकि आरजेडी समेत कई विपक्षी दलों ने इसे ‘बेकार की कवायद’ बताते हुए बहिष्कार का ऐलान किया है. यही विरोधाभास अब सीधे बिहार चुनाव की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है.
कांग्रेस का रुख बदलने के संकेत
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने कांग्रेस के प्रतिनिधियों से बात की है और पार्टी ने जल्द ही JPC के लिए नाम भेजने का आश्वासन दिया है. रिजिजू के मुताबिक, एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने भी समिति में शामिल होने की पुष्टि की है.
रिजिजू का यह बयान इसलिए अहम है, क्योंकि अब तक कांग्रेस नेतृत्व विपक्षी एकता बनाए रखने के दबाव में था. पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पहले कहा था कि ‘सरकार संसदीय समितियों का इस्तेमाल बिलों को आगे बढ़ाने के लिए कर रही है, इसलिए कांग्रेस भी बहिष्कार पर विचार कर रही है.’ लेकिन अब अंदरखाने से संकेत मिल रहे हैं कि कांग्रेस विपक्षी खेमे से अलग जाकर JPC का हिस्सा बनने की तैयारी कर रही है.
आरजेडी और साथी दलों की नाराजगी
आरजेडी, टीएमसी, समाजवादी पार्टी, शिवसेना (UBT) और आम आदमी पार्टी ने साफ कहा है कि वे JPC में शामिल नहीं होंगे. इन दलों का तर्क है कि ‘BJP के बहुमत वाली समिति में विपक्ष की कोई नहीं सुनेगा और सरकार विधेयक को धकेल देगी.’
आरजेडी का मानना है कि कांग्रेस का यह कदम विपक्षी एकजुटता को नुकसान पहुंचाएगा, खासकर उस समय जब बिहार चुनाव करीब हैं और विपक्ष INDIA गठबंधन की छवि को बचाने की कोशिश कर रहा है.
बिहार की राजनीति में नया समीकरण?
बिहार में कांग्रेस और आरजेडी लंबे समय से साझेदार हैं, लेकिन इस मुद्दे पर कांग्रेस का अलग रुख लेना भविष्य की राजनीति का इशारा माना जा रहा है. जानकार मानते हैं कि कांग्रेस JPC में शामिल होकर खुद को ‘जिम्मेदार विपक्ष’ की छवि देना चाहती है, ताकि आगामी चुनाव में वह अपना स्वतंत्र राजनीतिक वजन दिखा सके.
उधर एनसीपी पहले ही समिति में शामिल होने की हामी भर चुकी है. सीपीएम और आरजेडी जैसे दल कांग्रेस के अंतिम निर्णय का इंतजार कर रहे थे, लेकिन अब यह साफ है कि कांग्रेस अपने स्तर पर निर्णय लेगी. इससे गठबंधन की एकता पर सवाल उठने तय हैं.
बिहार चुनाव से पहले यह मुद्दा विपक्षी खेमे में नई दरार डाल सकता है. आरजेडी को डर है कि कांग्रेस के इस कदम से विपक्षी एकजुटता की धार कमजोर होगी, वहीं कांग्रेस इसे राष्ट्रीय राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाने का मौका मान रही है.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 24, 2025, 07:10 IST