बात संसद तक पहुंची तो पेंशन भी नहीं! यशवंत वर्मा के पास बचने का एक ही रास्ता..

5 hours ago

Last Updated:June 09, 2025, 15:18 IST

High Court judge resignation: इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं. सरकार संसद में उन्हें हटाने की तैयारी कर रही है.

बात संसद तक पहुंची तो पेंशन भी नहीं! यशवंत वर्मा के पास बचने का एक ही रास्ता..

जज यशवंत वर्मा

हाइलाइट्स

जज यशवंत वर्मा पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं.सरकार संसद में उन्हें हटाने का प्रस्ताव ला सकती है.इस्तीफा देने पर पेंशन मिलेगी, बर्खास्तगी पर सारे लाभ खत्म हो जाएंगे.

इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों ने पूरे न्यायिक तंत्र को हिला दिया है. सरकार अब संसद में उनके हटाने की तैयारी कर रही है. ऐसे में इस्तीफा देना ही उनके पास आखिरी रास्ता बचा है, जिससे वे अपनी प्रतिष्ठा और रिटायरमेंट लाभों को बचा सकें. अगर न्यायमूर्ति वर्मा खुद इस्तीफा देते हैं, तो उन्हें पेंशन और अन्य रिटायरमेंट सुविधाएं मिलेंगी जो किसी भी हाईकोर्ट जज को मिलती हैं.

लेकिन अगर संसद उन्हें हटाती है, तो वे इन सभी सुविधाओं से वंचित हो जाएंगे. संविधान के अनुच्छेद 217 के अनुसार, कोई भी हाईकोर्ट जज राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इस्तीफा दे सकता है, और इसके लिए किसी मंजूरी की जरूरत नहीं होती.

मुंह से दिया गया इस्तीफा भी मान्य
अगर न्यायमूर्ति वर्मा संसद के किसी भी सदन में खुद कह देते हैं कि वे इस्तीफा दे रहे हैं, तो इसे औपचारिक इस्तीफा माना जाएगा. इससे वे संसदीय कार्रवाई से बच सकते हैं और अपनी गरिमा भी बनाए रख सकते हैं. अगर वह पहले से तय तारीख का इस्तीफा देते हैं, तो अंतिम दिन से पहले वे अपना निर्णय वापस भी ले सकते हैं.

मुख्य न्यायाधीश ने पहले ही दी थी चेतावनी
सूत्रों के अनुसार, तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर न्यायमूर्ति वर्मा को हटाने की सिफारिश की थी. यह सिफारिश तीन जजों की जांच समिति की रिपोर्ट पर आधारित थी, जिसमें वर्मा पर नकदी से जुड़ी गड़बड़ियों के सबूत मिले थे. मुख्य न्यायाधीश ने वर्मा से इस्तीफे की सलाह भी दी थी, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया था.

संसद का मानसून सत्र बना निर्णायक मौका
सरकार अब संसद के आगामी मानसून सत्र (21 जुलाई से 12 अगस्त) में उनके खिलाफ प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है. यह प्रस्ताव लोकसभा या राज्यसभा, किसी भी सदन में लाया जा सकता है. अगर प्रस्ताव पास हो जाता है, तो यह देश में एक बड़े संवैधानिक घटनाक्रम के रूप में देखा जाएगा.

Location :

New Delhi,Delhi

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