बांग्लादेश के राष्ट्रीय कवि काजी नजरुल इस्लाम के बगल में ही क्यों दफनाए जाएंगे उस्मान हादी

1 hour ago

Sharif Usman Hadi: बांग्लादेश में चुनाव के पहले एक बार फिर तनाव माहौल है. देश के कई शहरों से आगजनी और हिंसा की तस्वीरें सामने आईं है. इसी बीच शुक्रवार को इंकलाब मंच के नेता उस्मान हादी का पार्थिव शरीर राजधानी ढाका में पहुंचा. उन्हें आज बांग्लादेश के राष्ट्रीय कवि काजी नजरुल इस्लाम के बगल में दफनाया जाएगा. बता दें कि हादी को काजी नजरुल इस्लाम के बगल में इसलिए दफनाया जा रहा है क्योंकि उनके परिवार ने इसकी जाहिर की थी. 

बता दें, हादी की मौत के बाद राजधानी ढाका में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे. कार्यकर्ताओं ने न्याय की मांग करते हुए शहर में तनावपूर्ण स्थिति पैदा कर दी थी. शुक्रवार को हादी का पार्थिव शरीर राजधानी पहुंचने के बावजूद विरोध प्रदर्शन जारी रहे. इंकलाब मंच ने शनिवार को अंतिम संस्कार जुलूस के दौरान शांति बनाए रखने का आह्वान किया है.

 गृह सलाहकार के इस्तीफे की मांग 

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वहीं, कई नागरिक संगठनों ने गृह सलाहकार के इस्तीफे की मांग की है. आरोप है कि सरकार हादी की हत्या और उसके बाद हुई हिंसा के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रही. 16 संगठनों ने शुक्रवार को जारी संयुक्त बयान में देश में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर चिंता व्यक्त की और तुरंत कदम उठाने की मांग की. इन संगठनों में गणतांत्रिक अधिकार समिति, नेटवर्क फॉर डेमोक्रेटिक बांग्लादेश, चरण सांस्कृतिक केंद्र, नारीपोक्खो, एसोसिएशन फॉर लैंड रिफॉर्म एंड डेवलपमेंट, यूनिवर्सिटी टीचर्स नेटवर्क, नागरिक गठबंधन और वॉयस फॉर रिफॉर्म शामिल हैं. बयान में कहा गया कि कुछ निहित स्वार्थ वाले समूह इस घटना का राजनीतिक लाभ उठाने और देश को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं.  जनाजे के दौरान इंकलाब मंच के कार्यकर्ताओं के इकट्ठा होने की संभावना है और अंतरिम सरकार पर शांति बनाए रखने का दबाव बढ़ गया है.

बांग्लादेश के संपादकों की परिषद और बांग्लादेश समाचार पत्र मालिकों के संघ (एनओएबी) ने प्रोथोम आलो और द डेली स्टार के कार्यालयों पर हमलों और आगजनी की निंदा की और इसे प्रेस की स्वतंत्रता के लिए गंभीर खतरा बताया. इस बीच, बांग्लादेश राष्ट्रवादी पार्टी (बीएनपी) ने दावा किया कि हादी की हत्या और उसके बाद हुई हिंसा संसदीय चुनावों से पहले अस्थिरता पैदा करने की साजिश का हिस्सा है. 

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बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने कहा कि इन जघन्य घटनाओं की हम कड़ी निंदा करते हैं. यह दर्शाता है कि कुछ समूह जानबूझकर देश को अराजकता की ओर धकेल रहे हैं. बता दें, शरीफ उस्मान हादी 12 दिसंबर को बिजोयनगर इलाके में रिक्शा में यात्रा करते समय गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे. उन्हें बेहतर इलाज के लिए 15 दिसंबर को एयर एम्बुलेंस से सिंगापुर ले जाया गया था जहां उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था.

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