Last Updated:June 04, 2025, 18:05 IST
Bakrid 2025: पुरानी दिल्ली की मीना बाजार मंडी में बकरीद पर दो बकरे आकर्षण का केंद्र बने हैं, जिनकी गर्दन पर अरबी में 'अल्लाह' और 'मोहम्मद' लिखा है. इनकी कीमत 15 लाख और 5 लाख रुपए है.

बकरीद को ईद-उल-अज़हा या ईद-उल-ज़ुहा भी कहा जाता है. (फोटो PTI)
हाइलाइट्स
मीना बाजार में 'अल्लाह' और 'मोहम्मद' लिखे बकरे आकर्षण का केंद्र.एक बकरे की कीमत 15 लाख और दूसरे की 5 लाख रुपए.बकरीद पर कुर्बानी के लिए बकरों की खरीददारी जोरों पर.नई दिल्ली: बकरीद जैसे पवित्र मौके पर जब देशभर में कुर्बानी के लिए बकरों की खरीददारी ज़ोरों पर है. पुरानी दिल्ली की मीना बाजार मंडी में दो ऐसे बकरे लोगों की निगाहों का केंद्र बने हुए हैं. इनके ऊपर अरबी में ‘अल्लाह’ और ‘मोहम्मद’ जैसे शब्द उभरे हुए हैं. इन्हें देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ रही है, और इनकी कीमत भी आम से बिल्कुल हटकर है. एक की मांग 15 लाख रुपए और दूसरे की 5 लाख रुपए.
उत्तर प्रदेश के शामली जिले से आए उस्मान ने दावा किया कि उनके सफेद जमनापुरी नस्ल के बकरे की गर्दन पर अरबी में ‘अल्लाह’ और ‘मोहम्मद’ शब्द की आकृति जैसे धब्बे खुद-ब-खुद उभर आए हैं. 70 किलो वजनी इस बकरे की अब तक 13 लाख रुपए की बोली लग चुकी है. मगर उस्मान इसे बेचने में कोई जल्दी नहीं दिखा रहे. उनका मानना है कि यह बकरा उनके लिए “अल्लाह की रहमत” है, और इससे उन्हें अपनी आर्थिक परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है. उस्मान का कहना है कि कई मौलानाओं ने इन आकृतियों की पुष्टि की है.
भिंड से आए सलीम के बकरे की भी चर्चा
वहीं मध्य प्रदेश के भिंड जिले से आए मोहम्मद सलीम का दावा है कि उनके देसी नस्ल के 40 किलो वजनी बकरे की गर्दन पर भी अरबी में ‘मोहम्मद’ लिखा दिखता है. इस बकरे की कीमत उन्होंने 5 लाख रुपए रखी है और अब तक 3 लाख रुपए की बोली लग चुकी है.
मीना बाजार से लेकर ओखला और सीलमपुर तक की मंडियों में 12 से 35 हजार रुपए तक के बकरे भी खूब बिक रहे हैं. (फोटो PTI)
बकरीद का त्योहार और धार्मिक आस्था
बकरीद को ईद-उल-अज़हा या ईद-उल-ज़ुहा भी कहा जाता है. ये इस्लामी मान्यता के अनुसार उस दिन की याद में मनाया जाता है जब हज़रत इब्राहिम अल्लाह के हुक्म पर अपने बेटे की कुर्बानी देने को तैयार हो गए थे. अल्लाह ने उनकी नीयत देख एक जानवर भेजा, जिसकी कुर्बानी दी गई और तब से यह परंपरा चली आ रही है. तीन दिनों तक चलने वाले इस पर्व पर मुस्लिम समुदाय के लोग अपनी हैसियत के अनुसार जानवरों की कुर्बानी देते हैं जो भारत के कानूनों के तहत प्रतिबंधित न हों.
लाखों वाले बकरों के बीच आम खरीदार भी सक्रिय
मीना बाजार से लेकर ओखला और सीलमपुर तक की मंडियों में 12 से 35 हजार रुपए तक के बकरे भी खूब बिक रहे हैं. इनकी लोकप्रियता ज्यादा है, क्योंकि आम खरीदार इन्हीं कीमतों में अपनी हैसियत के मुताबिक कुर्बानी करते हैं. इनमें ‘तोतापरी’, ‘बरबरा’, ‘मेवाती’, ‘अजमेरी’ जैसी नस्लें शामिल हैं.
लोगों में आस्था और उत्सुकता
पुरानी दिल्ली के निवासी अतीक-उर-रहमान बताते हैं कि ‘अल्लाह’ और ‘मोहम्मद’ लिखे बकरे हर साल मंडियों में दिखाई दे जाते हैं. उन्होंने आगे कहा, “ये बकरे आम नहीं होते, लोग इन्हें अल्लाह के करीब मानते हैं. जो लोग सामर्थ्य रखते हैं, वे इन्हें खरीदते भी हैं.”
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...
और पढ़ें
Location :
New Delhi,Delhi