'फिल्में विज्ञान और आम आदमी के बीच की खाई को पाट सकती हैं'

4 weeks ago

Last Updated:April 13, 2025, 21:26 IST

हेमा मालिनी ने एनएफएसयू की 'फिल्म फोरेंसिक संगोष्ठी' में कहा कि फिल्में विज्ञान और आम आदमी के बीच की खाई पाट सकती हैं और क्राइम सुलझाने में जागरूकता बढ़ा सकती हैं.

'फिल्में विज्ञान और आम आदमी के बीच की खाई को पाट सकती हैं'

नई दिल्ली. बीजेपी सांसद और अपने जमाने की मशहूर अभिनेत्री हेमा मालिनी ने रविवार को कहा कि फिल्में विज्ञान और आम आदमी के बीच की खाई को पाट सकती हैं. इतना ही नहीं, फिल्में दिलचस्प कहानियों के जरिए क्राइम को सुलझाने के बारे में जागरूकता को भी बढ़ा सकती हैं. वह राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) की तरफ से नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित दुनिया की पहली ‘फिल्म फोरेंसिक संगोष्ठी’ में बोल रही थीं.

समारोह की मुख्य अतिथि ‘पद्मश्री’ से सम्मानित हेमा मालिनी ने कहा, “मैं इस साहसिक कदम के लिए एनएफएसयू को बधाई देती हूं. फोरेंसिक शिक्षा और रिसर्च में अग्रणी संस्थान के रूप में, समाज को शिक्षित करने में आपकी भूमिका अमूल्य है. इस तरह के आयोजन रचनात्मक दिमागों और वैज्ञानिक समुदाय के बीच सहयोग बनाने में मदद करते हैं, जो समय की जरूरत है. मैं फिल्म उद्योग के अपने सहयोगियों से एनएफएसयू जैसी संस्थाओं का स्वागत करना चाहूंगी. अब हम विशेषज्ञों से परामर्श कर सकते हैं, विज्ञान को समझ सकते हैं और ऐसी कहानियां बना सकते हैं जो पीड़ित और जांच दोनों के लिए न्याय करें.”

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

April 13, 2025, 21:26 IST

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