पुनौराधाम जानकी मंदिर: नीतीश का विकासवाद और BJP का हिंदुत्ववाद एकसाथ सधेगा!

17 hours ago

Last Updated:July 02, 2025, 13:39 IST

Punauradham Maa Janaki Temple: सीतामढ़ी के पुनौराधाम में माता सीता का जन्म हुआ था. अब यह अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर भव्य जानकी मंदिर के रूप में नया आध्यात्मिक केंद्र बनने जा रहा है. बिहार सरकार ने इसके लिए...और पढ़ें

 नीतीश का विकासवाद और BJP का हिंदुत्ववाद एकसाथ सधेगा!

सीतामढ़ी में जानकी मंदिर को 882 करोड़ का फंड दिया गया, इसको बिहार चुनाव में सियासी दांव माना जा रहा.

हाइलाइट्स

पुनौरा धाम जानकी मंदिर अयोध्या की तर्ज पर बिहार में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा. मंदिर प्रोजेक्ट एनडीए का मास्टरस्ट्रोक, बिहार विधानसभा चुनाव में मिलेगा फायदा? धार्मिक भावनाओं को साधने की कोशिश, मगर बिहार का जटिल जातिगत समीकरण चुनौती.

पटना. बिहार सरकार ने सीतामढ़ी के पुनौराधाम में माता जानकी के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए 882.87 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है. इसमें 137 करोड़ रुपये पुराने मंदिर के नवीकरण और 728 करोड़ रुपये आसपास के पर्यटन ढांचे के विकास के लिए हैं. यह परियोजना अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की तर्ज पर बनाई जा रही है. इसमें 17 एकड़ मौजूदा मंदिर परिसर के साथ 50 एकड़ अतिरिक्त भूमि का अधिग्रहण शामिल है. इसके अतिरिक्त, ‘राम-जानकी मार्ग’ के निर्माण की योजना भी है जो अयोध्या और सीतामढ़ी को जोड़ेगा जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. इस परियोजना की आधारशिला अगस्त 2025 में रखे जाने की योजना है और नीतीश कुमार ने इसे बिहार के लिए गर्व का विषय बताया है. जानकारों की नजर में यह 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले यह कदम सियासी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है.

जानकी मंदिर का प्रोजेक्ट और खासकर अयोध्या से इसकी तुलना, एनडीए की एकजुटता और हिंदुत्व के एजेंडे को मजबूत करने का संदेश के तौर पर देखा जा रहा है. खास बात यह कि यह कदम भाजपा के हिंदुत्ववादी वोट बैंक को साधने के साथ-साथ नीतीश कुमार के अति पिछड़ा वर्ग के समर्थकों को भी आकर्षित कर सकता है जो धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान अपने आपको सीधा कनेक्ट करते हैं. दूसरी ओर मंदिर से आर्थिक लाभ और रोजगार सृजन की संभावना है. लेकिन, चुनावी फायदा विकास और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों पर भी निर्भर करेगा.

एनडीए की सियासी रणनीति का हिस्सा

पुनौराधाम का विकास न केवल धार्मिक, बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है. मंदिर और आसपास के पर्यटन ढांचे से स्थानीय रोजगार, हॉस्पिटैलिटी सर्विस और हस्तशिल्प उद्योग को बढ़ावा मिलेगा. राम-जानकी मार्ग और वंदे भारत ट्रेन जैसी योजनाएं सीतामढ़ी को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय धार्मिक पर्यटन के नक्शे पर ला सकती है. वहीं, यह कदम 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए की सियासी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. हालांकि, विपक्ष का तर्क है कि बिहार में बाढ़, बेरोजगारी और स्वास्थ्य सेवाओं जैसे मुद्दों पर ध्यान देना ज्यादा जरूरी है.

विकासवादी और हिंदुत्ववादी एजेंडा एकसाथ

मंदिर और राम-जानकी मार्ग से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा जो नीतीश कुमार के विकासवादी और भाजपा को हिंदुत्ववादी वोट बैंक साधने में मदद कर सकता है. जानकी मंदिर प्रोजेक्ट एनडीए को धार्मिक और सांस्कृतिक आधार पर एकजुट करने की कोशिश भी है, लेकिन इसका चुनावी लाभ मिलेगा या नहीं यह समय बताएगा. दरअसल, बिहार की सियासत में जातिगत समीकरण और विकास के मुद्दे अभी भी निर्णायक हैं. 2025 के चुनाव नतीजे ही बताएंगे कि यह सियासी दांव कितना कारगर रहा.

Vijay jha

पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें

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