Last Updated:May 19, 2025, 12:33 IST
Honey Trap University: पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी अपने कुछ खास इंस्टीट्यूट्स और यूनिवर्सिटीज में युवती को इस बात की पढ़ाई करवाती है कि हनी ट्रैप कैसे किया जाए. भारत में पकड़े गए तमाम जासूसी के मामलों में इस यून...और पढ़ें

पाकिस्तान की खास यूनिवर्सिटी जहां दी जाती है हनी ट्रैप की ट्रेनिंग.
हाइलाइट्स
ISI पाक में हनी ट्रैप ट्रेनिंग देती है.फातिमा जिन्ना वीमेन यूनिवर्सिटी में हनी ट्रैप की ट्रेनिंग.सोशल मीडिया पर हनी ट्रैप का जाल बिछाया जाता है.youtuber Jyoti Malhotra spying case: जासूसी के आरोप में यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के हनी ट्रैप वाली साजिश को एक बार फिर बेनकाब कर दिया है. अब इस बात को लेकर किसी को भी शक नहीं है कि भारतीय सेना से जुड़ी जानकारी हासिल करने के लिए आईएसआई हनी ट्रैप को हमेशा से भारत के खिलाफ एक बड़े हथियार के तौर पर इस्तेमाल करती आई है. आईएसआई ने पाकिस्तान में कई ट्रेनिंग सेंटर खोल रखे हैं, जहां पर एजेंट्स को हनी ट्रैप का जाल बिछाने की ट्रेनिंग दी जाती है.
इन ट्रेनिंग सेंटर में पाकिस्तान के रावलपिंडी में स्थित फातिमा जिन्ना वीमेन यूनिवर्सिटी (FJWU) का नाम सबसे ऊपर लिया जाता है. आपको बता दें कि पाकिस्तानी सेना का हेडक्वाटर भी रावलपिंडी में ही है. रिपोट्स के अनुसार, रावलपिंडी की फातिमा जिन्ना वीमेन यूनिवर्सिटी में महिलाओं को हनी ट्रैप की स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है. हनी ट्रैप एक ऐसी तकनीक है, जिसमें आकर्षण और भावनात्मक जाल का इस्तेमाल कर गोपनीय जानकारी हासिल की जाती है. हनी ट्रैप का इस्तेमाल जासूसी और खुफिया जानकारी हासिल करने के लिए भी किया जाता है.
रावलपिंडी के अलावा पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई कराची और हैदराबाद में भी महिलाओं को हनी ट्रैप की ट्रेनिंग देती है.
इन सेंटर्स में कुछ इस तरह सिखाया जाता है हनी ट्रैप
इन ट्रेनिंग सेंटर्स में युवतियों को सोशल मीडिया, व्हाट्सएप और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए लोगों को अपने जाल में फंसाने का प्रशिक्षण दिया जाता है. इसका मकसद भारतीय सैन्य अधिकारियों, वैज्ञानिकों और नौकरशाहों से संवेदनशील जानकारी हासिल करना होता है. आपको बता दें कि 2023 में डीआरडीओ के वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर के मामले ने इन दावों को बातों को मजबूती दी थी. कुरुलकर पर आरोप था कि वे एक पाकिस्तानी महिला एजेंट के हनी ट्रैप में फंसकर भारत की महत्वपूर्ण रक्षा जानकारी लीक कर रहे थे.
इस घटना के बाद कुछ रावलपिंडी में ट्रेनिंग सेंटर होने की बात कही गई, जिसमें फातिमा जिन्ना वीमेन यूनिवर्सिटी का नाम भी शामिल था. उल्लेखनीय है कि हनी ट्रैप एक ऐसा जाल है, जिसमें लोगों को तरह-तरह के प्रलोभन देकर फंसाया जाता है. पहले यह जाल व्यक्तिगत मुलाकातों, होटल के कमरों या सामाजिक समारोहों तक सीमित था. लेकिन डिजिटल युग ने इसे और भी खतरनाक बना दिया है. आज सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स हनी ट्रैप के सबसे बड़े हथियार बन गए हैं. इस जाल को बिछाने का तरीका आमतौर पर तीन चरणों में काम करता है.
पहला स्टेज: संपर्क और भरोसा जीतना
इस चरण में जाल बिछाने वाले फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाते हैं. ये प्रोफाइल ज्यादातर आकर्षक महिलाओं या पुरुषों के होते हैं, जो देखने में विश्वसनीय लगते हैं. वे लिंक्डइन, फेसबुक, इंस्टाग्राम या डेटिंग ऐप्स जैसे टिंडर का इस्तेमाल करते हैं. शिकार को दोस्ताना या पेशेवर मैसेज भेजकर बातचीत शुरू की जाती है. इस चरण का मकसद शिकार का विश्वास हासिल करना होता है.
दूसरा स्टेज: भावनात्मक रिश्ता बनाना
जब शिकार जवाब देता है, तो बातचीत को निजी और गहरा बनाया जाता है. जाल बिछाने वाले शिकार की भावनाओं के साथ खेलते हैं. इसमें वीडियो कॉल्स, अंतरंग बातचीत या तस्वीरों का आदान-प्रदान शामिल हो सकता है. इस तरह की बातचीत शिकार को भावनात्मक रूप से कमजोर करती है और उसे लगता है कि वह किसी खास रिश्ते में है. इस चरण में शिकार धीरे-धीरे जाल में फंसता चला जाता है.
तीसरा तीसरा: ब्लैकमेलिंग
जैसे ही जाल बिछाने वालों को शिकार की निजी चैट्स, तस्वीरें या वीडियो मिल जाते हैं, ब्लैकमेलिंग शुरू हो जाती है. शिकार को धमकी दी जाती है कि अगर उसने गोपनीय जानकारी या पैसे नहीं दिए, तो उसकी निजी बातें सार्वजनिक कर दी जाएंगी. डर और शर्मिंदगी के कारण शिकार वह सब करने को मजबूर हो जाता है, जो उसे बताया जाता है. कई बार उनसे ऐसी संवेदनशील जानकारी मांगी जाती है, जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती है. अपनी इज्जत बचाने की चाह में शिकार इस जाल में और गहराई तक फंस जाता है.
Anoop Kumar MishraAssistant Editor
Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 3 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें
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