Last Updated:July 23, 2025, 08:13 IST
ऊना के क्षेत्रीय अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही से 30 वर्षीय युवक की मौत हो गई. परिजनों ने हंगामा किया और डॉक्टरों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की. मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की गई है.

हाइलाइट्स
मरीज की मौत पर ऊना अस्पताल में बवालडॉक्टर पर लापरवाही के आरोपमामले की जांच के लिए कमेटी गठितऊना. हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले का सबसे बड़ा स्वास्थ्य संस्थान क्षेत्रीय अस्पताल एक बार फिर सवालों के घेरे में है. यहां पर डॉक्टरों की लापरवाही का हैरान करने वाला मामला सामने आया है. डॉक्टरों ने एक युवा मरीज को पीजीआई रेफर करने के बाद बीच रास्ते से वापस बुला लिया और फिर युवक की मौत हो गई. बाद में गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया और डॉक्टरों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की. गौरतलब है कि पीजीआई चंडीगढ़ में 30 साल के युवक को बाद में मृत घोषित कर दिया.
जानकारी के अनुसार, जसाना के मृतक युवक अभी कीर्ति के परिजनों न आरोप लगाया कि घायल युवक को समय रहते सही इलाज नहीं मिला, जिससे उसकी जान गई. आक्रोशित परिजन शव के साथ ऊना अस्पताल परिसर पहुंचे और धरना प्रदर्शन किया. उनका आरोप है कि न केवल इलाज में देरी की गई, बल्कि रेफर के बाद एम्बुलेंस को वापस बुलाकर कीमती समय गंवाया गया.
परिजनों ने जिम्मेदार डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. वहीं, अस्पताल प्रशासन ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. उधर, मृतक की पहचान अभी कीर्ति पुत्र डॉ. आत्मा राम, निवासी जसाना, तहसील बंगाणा, जिला ऊना के रूप में हुई है.
उधर, क्षेत्रीय अस्पताल में परिजनों के धरना प्रदर्शन के दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया जिसके बाद पुलिस टीम ने मौका पर पहुँच मामले को शांत किया और परिजनों को क़ानूनी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.
सिर के बल गिरा था युवक
परिजनों ने बताया कि सोमवार शाम करीब चार बजे कीर्ति दूध लाने निकला था, इसी दौरान बारिश में फिसलकर सिर के बल गिर पड़ा और बेहोश हो गया. उसे पहले बंगाणा अस्पताल ले जाया गया, जहां से गंभीर हालत में ऊना अस्पताल रेफर कर दिया गया. परिजनों का आरोप है कि शाम छह बजे के करीब जब वे ऊना अस्पताल पहुंचे तो इमरजेंसी में काफी देर तक कीर्ति को कोई उपचार नहीं मिला.
रास्ते से एंबुलेंस को वापस बुलाया
मौके पर तैनात डॉक्टर न तो इलाज को लेकर स्पष्ट थे और न ही संतोषजनक जवाब दे पाए. बाद में मरीज को पीजीआई रेफर कर दिया गया, लेकिन रास्ते में एम्बुलेंस को मैहतपुर से वापस ऊना बुला लिया गया, जहां नाली डालने के नाम पर समय बर्बाद हुआ. तीन घंटे बाद जब मरीज को पीजीआई ले जाया गया, तो पीजीआई में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया और परिजन पुनीत ने कहा कि समय रहते इलाज मिलता तो जान बच सकती थी. परिजनों ने इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर को निलंबित करने और गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने की मांग उठाई है.
क्षेत्रीय अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ संजय मनकोटिया ने बताया कि मामले में मरीज को यथासम्भव उपचार चिकित्सक ने दिया है. फिर भी जांच के लिए तीन डॉक्टर्स की टीम का गठन कर दिया गया है. उनकी रिपोर्ट आने के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी.
13 Years Experience in Print and Digital Journalism. Earlier used to Work With Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesar and Amar Ujala . Currently, handling Haryana and Himachal Pradesh Region as a Bureau chief from ...और पढ़ें
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Location :
Una,Una,Himachal Pradesh