Achari Mirch Farming: अब किसान पारंपरिक फसलों की तुलना में सब्जियों की खेती से अधिक मुनाफा कमा रहे हैं और अचारी मिर्च इसकी बेहतरीन मिसाल बन चुकी है. अचारी मिर्च की बाजार में साल भर अच्छी मांग रहती है, खासकर सर्दियों में, क्योंकि इसका उपयोग अचार, पकौड़े और कई व्यंजनों में किया जाता है. इसकी खेती दोमट और बलुई, साथ ही अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में आसानी से की जा सकती है. बाराबंकी जिले की तहसील नवाबगंज के सफीपुर गांव निवासी किसान प्रमोद वर्मा ने अन्य फसलों के साथ अचारी मिर्च की खेती शुरू की और आज वे लगभग 2 बीघे में इसकी खेती कर एक फसल से 90 हजार से 1 लाख रुपए तक का मुनाफा कमा रहे हैं. उन्होंने बताया कि एक बीघे में इसकी लागत लगभग 15 से 20 हजार रुपये आती है, जबकि पौधा लगाने के करीब दो महीने बाद ही तुड़ाई शुरू हो जाती है और एक बार रोपाई के बाद तीन से चार महीने तक लगातार फसल मिलती रहती है, जिसे रोज़ मंडियों और बाजारों में बेचकर नियमित आय प्राप्त होती है.
धान-गेहूं छोड़िए, अचारी मिर्च से महीनों कमाइए...किसान के लिए बनी वरदान
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