Last Updated:April 14, 2025, 09:42 IST
Karnataka News: कर्नाटक के कुरुगोडु में एक युवती को देवदासी बनाने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन परिवार की कुछ महिलाओं और देवदासी महिला मुक्ति संघ की मदद से पुलिस ने इसे रोका और युवती की शादी करवाई.

कर्नाटक में देवदासी बनाना चाहते थे घरवाले Representative image (Credit Meta AI)
हाइलाइट्स
कर्नाटक में युवती को देवदासी बनाने की कोशिश रोकी गई.युवती ने गांव के लड़के से शादी करने की इच्छा जताई.पुलिस और देवदासी महिला मुक्ति संघ ने शादी करवाई.कुरुगोडु: कर्नाटक से बहुत ही चौंकाने वाला मामला सामने है. कर्नाटक के कुरुगोडु (बल्लारी) में एक युवती को देवदासी बनाने की कोशिश हो रही थी. सबसे हैरान करने वाली ये थी कि परिवार अंधविश्वास के चलते यह कदम उठा रहा था. लड़की इससे सहमत नहीं थी, वह डरी हुई थी. उसने साफ कहा कि वो अपने गांव के लड़के से शादी करना चाहती है. परिवार की कुछ महिलाओं ने उसका साथ दिया. फिर देवदासी महिला मुक्ति संघ की मदद ली और मामला पुलिस तक पहुंचा. जिसके बाद लड़की की एक मंदिर में शादी करवाई गई.
मिली जानकारी के अनुसार कुछ महिलाओं ने देवदासी महिला मुक्ति संघ से संपर्क किया. संघ की अध्यक्ष एच. यंकम्मा ने पुलिस में मामला पहुंचाया. जिसके बाद लड़की और लड़का दोनों को कुरुगोडु पुलिस स्टेशन ले जाया गया. वहां PSI सुप्रीत विरुपक्षप्पा ने दोनों परिवारों को बुलाया. उन्होंने बताया कि देवदासी प्रथा अब गैरकानूनी है.लड़की की इच्छा का सम्मान करते हुए सभी को समझाया गया. अंत में परिवार ने भी शादी के लिए हां कह दी.
माला पहनाकर एक-दूसरे को अपना जीवनसाथी चुना
फिर शुक्रवार को डोड्डा बसवेश्वर मंदिर में साधारण शादी हुई. लड़का-लड़की ने माला पहनाकर एक-दूसरे को अपना जीवनसाथी चुना. इस मौके पर पुलिस, परिवार वाले और गांव के लोग मौजूद थे. नगरपालिका उपाध्यक्ष चन्नपट्टन मल्लिकार्जुन भी वहां आए.
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देवदासी प्रथा क्या है?
बता दें कि देवदासी प्रथा एक पुरानी सामाजिक परंपरा है, जो खासकर दक्षिण भारत में चली आ रही थी. देवदासी प्रथा में छोटी बच्चियों को मंदिर में ‘देवता की सेवा’ के नाम पर चढ़ा दिया जाता था. कहा जाता था कि वो अब भगवान की पत्नी हैं और शादी नहीं कर सकतीं. सरकार ने इसे कई साल पहले ही बैन कर दिया है. फिर भी कुछ जगहों पर छुपकर आज भी यह हो रही है.
First Published :
April 14, 2025, 09:42 IST