दलाई लामा के उत्तराधिकारी पर कोई समझौता नहीं… रिजिजू के इस बयान से बौखलाया चीन

6 hours ago

Last Updated:July 04, 2025, 16:29 IST

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के बयान पर चीन ने कड़ी आपत्ति जताई है. रिजिजू ने कहा था कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी का फैसला वही करें. चीन ने भारत को तिब्बत मुद्दे पर सतर्क रहने और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न क...और पढ़ें

दलाई लामा के उत्तराधिकारी पर कोई समझौता नहीं… रिजिजू के इस बयान से बौखलाया चीन

भारत ने चीन को दी नसीहत- दलाई लामा के उत्तराधिकारी पर अपना एजेंडा न थोपे (फाइल)

नई दिल्ली: भारत के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर दिए गए बयान से चीन की सरकार बौखला गई है. रिजिजू ने साफ कहा कि दलाई लामा का उत्तराधिकारी वही तय करेंगे, क्योंकि यह अधिकार केवल उन्हीं को है. इस पर चीन ने प्रतिक्रिया देते हुए भारत को तिब्बत (जिसे वह ‘शिजांग’ कहता है) से जुड़े मुद्दों पर सतर्कता बरतने की चेतावनी दी है. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि भारत को यह समझना चाहिए कि 14वें दलाई लामा चीन विरोधी अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं और तिब्बत को लेकर भारत को अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि भारत को इस मुद्दे पर कोई हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे द्विपक्षीय संबंधों पर असर पड़ सकता है.

दलाई लामा ने क्या कहा था?

धर्मशाला में 2 जुलाई को दलाई लामा ने एक बौद्ध सम्मेलन के दौरान साफ कर दिया था कि उनकी संस्था उनकी मृत्यु के बाद भी जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि उनके पुनर्जन्म को मान्यता देने का अधिकार केवल गदेन फोडरंग ट्रस्ट को होगा. यह ट्रस्ट न केवल तिब्बती संस्कृति को संजोने के लिए बना है, बल्कि तिब्बतियों और अन्य जरूरतमंदों की मदद भी करता है.

दलाई लामा ने बताया कि 2011 में उन्होंने सार्वजनिक रूप से यह निर्णय घोषित किया था कि भविष्य में दलाई लामा की संस्था को कायम रखा जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि पुनर्जन्म की पवित्र प्रक्रिया तिब्बती बौद्ध परंपराओं के अनुरूप, आध्यात्मिक संकेतों और अनुष्ठानों के आधार पर ही होगी.

उनके अनुसार, इस निर्णय को पिछले 14 वर्षों में तिब्बत, मंगोलिया, रूस, हिमालयी क्षेत्रों और निर्वासित तिब्बती समुदायों से समर्थन मिला है. उन्होंने यह दोहराया कि दलाई लामा का उत्तराधिकारी किसी राजनीतिक शक्ति द्वारा नियुक्त नहीं किया जा सकता.

रिजिजू ने समर्थन में क्या कहा?

रिजिजू ने दलाई लामा के समर्थन में कहा, ‘मैं खुद दलाई लामा का अनुयायी हूं. जो भी उनके अनुयायी हैं, वे यही चाहेंगे कि उनके उत्तराधिकारी का चयन वही करें. यह केवल एक धार्मिक और आध्यात्मिक प्रक्रिया है, राजनीतिक नहीं.’

चीन की प्रतिक्रिया को भारत में राजनीतिक और कूटनीतिक हलकों में तीव्र असहमति के साथ देखा जा रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि चीन तिब्बत पर अपने नियंत्रण को मजबूत बनाए रखने के लिए दलाई लामा के उत्तराधिकारी पर भी नियंत्रण चाहता है, जबकि भारत यह साफ कर चुका है कि यह एक धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा है, जिस पर किसी बाहरी ताकत की दखलंदाजी स्वीकार नहीं की जाएगी.

भारत का यह रुख चीन के उस प्रयास को भी नकारता है, जिसमें वह भविष्य में खुद से कोई दलाई लामा घोषित कर तिब्बती बौद्धों के बीच वैधता प्राप्त करना चाहता है. लेकिन धर्मशाला से आए ताजा संकेत यह बताते हैं कि तिब्बती समुदाय इस बार चीन की किसी भी चाल को स्वीकार नहीं करेगा.

Deepak Verma

Deepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak's journey began with print media and soon transitioned towards digital. He...और पढ़ें

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